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Punjab Politics: कैप्टन का कर्ज माफी का बड़ा सियासी दांव, कांग्रेस को मिल सकता है चुनावी फायदा, सिद्धू खेमे को भी दिया जवाब

पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खेत मजदूरों और भूमिहीन किसानों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश की है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 22 Aug 2021 2:37 PM GMT
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 पंजाब: कैप्टन का कर्ज माफी का बड़ा सियासी दांव: फोटो- सोशल मीडिया

Punjab Politics: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खेत मजदूरों और भूमिहीन किसानों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री ने 2.85 लाख खेत मजदूरों और भूमिहीन किसानों के लिए 520 करोड़ रुपए की कर्ज राहत योजना की शुरुआत की है। राज्य में गरमाते चुनावी माहौल के बीच मुख्यमंत्री की घोषणा को बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का अनुरोध भी किया है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को रद्द करने की किसान संगठनों की मांग जायज है। उन्होंने दिल्ली और देश के अन्य स्थानों पर इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसानों को समर्थन जारी रखने का भी एलान किया है। मुख्यमंत्री की ओर से उठाए गए कदमों को कांग्रेस के लिए अच्छा कदम माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि कैप्टन के इन कदमों से कांग्रेस को चुनावी फायदा मिल सकता है क्योंकि पंजाब में भूमिहीन किसानों और खेत मजदूरों की संख्या काफी ज्यादा है।

राजीव की जयंती पर उठाया बड़ा कदम

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 77वी जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी देश को गरीबी के अभिशाप से मुक्त कराना चाहते थे और मैं चाहता हूं कि एक दिन ऐसा आए जब उनका यह सपना पूरा हो। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी हमेशा पूछा करते थे कि वह दिन कब आएगा जब भारत में सबके पास रहने के लिए अपना घर होगा और देश से गरीबी दूर होगी।

उन्होंने कहा कि इसी कारण हमने राजीव गांधी की जयंती पर ही कर्ज माफी की योजना शुरू करने का फैसला किया है ताकि हम उनके सपने को पूरा करने में कामयाब हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 2.85 लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा और उनका करीब 520 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।

किसान आंदोलन का खुलकर समर्थन: फोटो- सोशल मीडिया


किसान आंदोलन का खुलकर समर्थन

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किसानों को समर्थन देने की घोषणा करते हुए कहा कि उनका दिल हमेशा दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसान के साथ है। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द किसानों की मांग पूरी करते हुए इन तीनों नए कानूनों को रद्द कर देना चाहिए। ये कानून जिन लोगों के लिए बनाए गए हैं जब वे इनसे संतुष्ट नहीं हैं तो ऐसे कानूनों का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

केंद्र सरकार को किसान संगठनों की मांगों पर गौर फरमाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान करीब 400 किसानों की मौत हो चुकी है। किसानों की मांगों को अविलंब पूरा किया जाना जरूरी है। कैप्टन ने कहा कि मुझसे पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए कहा गया मगर मैंने कभी भी पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से नहीं रोका क्योंकि मेरा मानना है कि राजधानी में प्रदर्शन उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।

कांग्रेस का चुनावी वादा पूरा

कैप्टन की इस घोषणा के साथ कांग्रेस ने अपना एक बड़ा चुनावी वादा पूरा कर दिया है। कांग्रेस के नेताओं की ओर से भी खेत मजदूरों और भूमिहीन किसानों के कर्ज माफी की मांग उठाई जा रही थी और अब कैप्टन ने इस मांग को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका सियासी फायदा जरूर मिलेगा। पंजाब कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए नवजोत सिंह सिद्धू का खेमा भी इसके लिए कैप्टन पर दबाव बना रहा था और अब कैप्टन ने इस मांग को पूरा करने की घोषणा करके बड़ी सियासी बाजी खेली है।

नवजोत सिंह सिद्धू: फोटो- सोशल मीडिया

सिद्धू खेमे को भी दिया जवाब

जिन पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब भी शामिल है। पंजाब में अकाली दल और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है और अब अकाली दल ने चुनावी बाजी जीतने के लिए बसपा के साथ गठजोड़ किया है। दूसरी ओर कांग्रेस,भाजपा और आप तीनों दल भी चुनावी बाजी जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।

कैप्टन की अगुवाई में 2017 का विधानसभा चुनाव जीतने वाली कांग्रेस ने अगला चुनाव भी करते उनके चेहरे पर ही लड़ने का फैसला किया है। ऐसे में कैप्टन चुनावी वादों को पूरा करके कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। उनकी ओर से उठाया गया यह कदम सिद्धू खेमे को भी जवाब माना जा रहा है। सिद्धू खेमा समय-समय पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाता रहा है। माना जा रहा है कि कैप्टन की इस घोषणा से उनके साथ ही कांग्रेस को भी मजबूती मिलेगी।

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