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Punjab Politics: सिद्धू दिल्ली तलब, वरिष्ठ नेताओं संग कल होगी अहम बैठक, इस्तीफे पर सस्पेंस कायम

Punjab Politics: सिद्धू को गुरुवार को दिल्ली तलब (Sidhu Delhi Talab) किया गया है। दिल्ली में सिद्धू की प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक होगी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 13 Oct 2021 9:31 AM IST (Updated on: 13 Oct 2021 9:31 AM IST)
Punjab Politics: सिद्धू दिल्ली तलब, वरिष्ठ नेताओं संग कल होगी अहम बैठक, इस्तीफे पर सस्पेंस कायम
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केसी वेणुगोपाल-हरीश रावत-नवजोत सिंह सिद्धू (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

Punjab Politics: पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए हुए कई दिन बीत चुके हैं। मगर अभी तक उनके इस्तीफे को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। उनके अध्यक्ष (Punjab Congress Adhyaksh) पद को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। पार्टी हाईकमान (Congress High Command) की ओर से सिद्धू के इस्तीफे (Sidhu Ka Istifa) को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया गया है। इस बीच सिद्धू को गुरुवार को दिल्ली तलब (Sidhu Delhi Talab) किया गया है। दिल्ली में सिद्धू की प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (K.C. Venugopal) के साथ बैठक होगी।

इस बैठक को सिद्धू के इस्तीफे से ही जोड़कर देखा जा रहा है। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू अपना इस्तीफा (Navjot Singh Sidhu Ka Istifa) वापस लेकर आगे भी प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व कर सकते हैं। हालांकि तस्वीर अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव (Punjab Vidhan Sabha Chunaav 2022) होने हैं और यही कारण है कि अब पंजाब कांग्रेस के विवाद (Punjab Congress Crisis) को जल्द से जल्द निपटाने पर जोर दिया जा रहा है। हाईकमान लंबे समय तक इस मामले को ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहता।

नवजोत सिंह सिद्धू- हरीश रावत (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

रावत और वेणुगोपाल संग होगी बैठक

सिद्धू ने पिछले महीने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष (Punjab Congress President) पद से इस्तीफा दिया था। वे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) की ओर से डीजीपी और एडवोकेट जनरल के पदों पर की गई नियुक्तियों से नाराज थे। इसके साथ ही चन्नी कैबिनेट के कुछ चेहरों पर भी उन्हें आपत्ति थी। इसी नाराजगी के कारण उन्होंने ट्विटर पर इस्तीफा देने की घोषणा की थी। वैसे हाईकमान के रुख से साफ हो गया है कि वह सिद्धू के दबाव में फैसलों में फेरबदल करने के लिए तैयार नहीं है।

सिद्धू के समर्थक उन पर इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव डालते रहे हैं। लेकिन सिद्धू ने इस बाबत अपना रुख पूरी तरह साफ नहीं किया है। अब उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान इस्तीफे को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

कांग्रेस महासचिव और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने बताया कि दिल्ली में उनकी और कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल की सिद्धू के साथ बैठक होगी। इस बैठक के दौरान पार्टी की राज्य इकाई से जुड़े संगठनात्मक मुद्दों पर गहराई से चर्चा की जाएगी। इस बैठक के लिए 14 अक्टूबर को शाम छह बजे का समय तय किया गया है।

सिद्धू ने अभी तक नहीं खोले पत्ते

सिद्धू के इस्तीफे का मसला इतने दिनों से लटके रहने पर कांग्रेस में भी हैरानी जताई जा रही है। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के बावजूद पार्टी की चुनावी तैयारियां तेजी नहीं पकड़ पा रही हैं। हाईकमान की ओर से सिद्धू के इस्तीफे पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। सिद्धू के इस्तीफे के बाद ही नए अध्यक्ष चुने जाने की चर्चाएं थीं। मगर इस दिशा में भी अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। दूसरी ओर मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू के समर्थक उन्हें मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर सिद्धू ने भी अपने इस्तीफे को लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं।

सिद्धू ने गांधी जयंती के दिन किए गए अपने ट्वीट में पद पर रहने या न रहने पर राहुल और प्रियंका के साथ खड़े रहने की बात कही थी। उनका कहना था कि सभी नकारात्मक ताकतों को मुझे हराने की कोशिश करने दें। मगर आखिरकार जीत पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी की होगी। पंजाब में अभी तक कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां तक नहीं की जा सकी हैं। सिद्धू के अध्यक्ष बनने के बाद उनका पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से लगातार विवाद बना रहा। इस कारण पार्टी से जुड़े संगठनात्मक काम अभी तक अधूरे पड़े हैं।

चन्नी के साथ भी नहीं बैठ रही पटरी

वैसे कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद माना जा रहा था कि अब कांग्रेस पूरी एकजुटता के साथ आगे बढ़ेगी। मगर अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है। नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ भी सिद्धू की ट्यूनिंग नहीं बन सकी। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धू नई सरकार के फैसलों को लेकर दबाव बना रहे थे । मगर चन्नी अपने तरीके से सरकार चलाना चाहते हैं। इसी कारण दोनों नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो गया।

वैसे सिद्धू के रुख से साफ है कि उनकी अभी तक चन्नी से नाराजगी दूर नहीं हो सकी है। उन्होंने रविवार को चन्नी के बेटे की शादी समारोह में भी हिस्सा नहीं लिया था। अब पार्टी हाईकमान की ओर से पंजाब के मसले को सुलझाने की दिशा में बड़ी पहल की जा रही है। माना जा रहा है कि गुरुवार को होने वाली बैठक में सिद्धू के इस्तीफे पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। पंजाब कांग्रेस के नेताओं की नजर अब गुरुवार को होने वाली बैठक पर टिकी हुई है।

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Shreya

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