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पंजाब में चुनाव प्रचार तेज करेगी कांग्रेस, राहुल खुद संभालेंगे कमान, प्रदेश का करेंगे व्यापक दौरा
Punjab Politics:पंजाब में अब राहुल गांधी सक्रियता बढ़ाकर पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
Punjab Politics: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव(Punjab Assembly elections) में ताकत दिखाने के लिए कांग्रेस ने जोरदार तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश में जहां पार्टी के प्रचार की कमान प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने संभाल रखी है,वहीं पंजाब में अब राहुल गांधी(Rahul Gandhi) सक्रियता बढ़ाकर पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। मौजूदा समय में पंजाब में कांग्रेस की ही सरकार है और पार्टी पंजाब की सत्ता को हाथ से जाने नहीं देना चाहती।
यही कारण है कि अब जनवरी के पहले हफ्ते से पंजाब में चुनाव प्रचार के लिए खुद राहुल गांधी मैदान में उतरेंगे। कांग्रेस (Congress) सूत्रों का कहना है कि राहुल अगले साल की शुरुआत में 3 जनवरी से पंजाब में पार्टी का चुनाव अभियान शुरू करेंगे। राहुल के दौरे के लिए पार्टी की राज्य इकाई की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
सरकार और संगठन में मतभेद बरकरार
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद भी पार्टी में आंतरिक कलह अभी तक दूर नहीं हो पाई है। पहले माना जा रहा था कि कैप्टन के इस्तीफे के बाद पार्टी में सबकुछ दुरुस्त हो जाएगा मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। नए मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी की ताजपोशी के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu election) ने सरकार को घेरने का सिलसिला बंद नहीं किया है।
वे समय-समय पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं। उनके दबाव की वजह से ही मुख्यमंत्री चन्नी एडवोकेट जनरल और डीजीपी को बदलने के लिए मजबूर हो गए क्योंकि सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से इन नियुक्तियों पर उंगली उठाई थी। राज्य में नशे के कारोबार के मुद्दे पर भी वे अपनी ही सरकार को घेरते रहे हैं।
राहुल 3 जनवरी से शुरू करेंगे प्रचार
सरकार और संगठन के बीच मतभेद की चर्चाओं के बीच अब राहुल खुद पंजाब में प्रचार की कमान संभालने के लिए उतरने वाले हैं। इसके जरिए वे पंजाब के लोगों को पार्टी की एकजुटता का बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी 3 जनवरी से राज्य में पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे। राहुल राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनावी सभाएं करके पार्टी की स्थिति मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। पार्टी की राज्य इकाई की ओर से राहुल के दौरे की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। दूसरे दलों की ओर से की जा रही तैयारियों का जवाब देने के लिए कांग्रेस की ओर से भी व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है।
बिना सीएम चेहरे के लड़ेगी कांग्रेस
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी की ओर से इस बार किसी को सीएम पद का चेहरा बनाए जाने की संभावना नहीं है। पार्टी में किसी भी मतभेद से बचने के लिए इस रणनीति को अपनाने का फैसला किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा कई और चेहरे भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। इनमें पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रताप सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम भी शामिल है।
पार्टी की ओर से पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को चेहरा बनाकर चुनाव मैदान में उतरने की बात कही गई थी मगर अब पार्टी ने अपनी रणनीति बदल ली है। सिद्धू के तेवर को देखते हुए पार्टी अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर हुई है। वैसे चन्नी के नाम पर दलित वोटों को गोलबंद करने की कोशिश जरूर की जा रही है। राज्य में 32 फ़ीसदी दलित मतदाता हैं। ऐसे में दलित मतदाताओं का रुख चुनाव में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
सिद्धू ने तोड़ा कई नेताओं का सपना
इस बीच सिद्धू ने राज्य में एक परिवार एक टिकट का फार्मूला लागू कराकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने सिद्धू के दबाव में ही इस फार्मूले को लागू करने का फैसला किया है।
इसके साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि मौजूदा विधायक अपनी सीट नहीं बदलेंगे। सिद्धू के निशाने पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, प्रताप सिंह बाजवा, राजिंदर कौर भट्ठल और राणा गुरजीत समेत कई अन्य नेता हैं जो अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
इस बीच पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी का कहना है कि राज्य में प्रत्याशियों के नाम तय करने की कवायद तेज कर दी गई है और 90 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बन चुकी है। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी जल्द बुलाई जा सकती है। इस बैठक के बाद 30-35 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया जा सकता है।