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मजदूरों को ड्रग्स: पीड़ितों का काम की आड़ में जबरन किया जा रहा शोषण
केंद्रीय गृह मंत्रालय बंधुआ मजदूरों की एक गंभीर परेशानी को लेकर पंजाब सरकार को पत्र लिखा है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय बंधुआ मजदूरों की एक गंभीर परेशानी को लेकर पंजाब सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र में राज्य के सीमावर्ती गांवों में किसानों के साथ काम करने वाले बंधुआ मजदूरों की समस्याओं पर विचार करने को कहा है। इस बारे में मामले से जुड़े लोगों ने इसकी जानकारी दी है। इस पत्र में गृह मंत्रालय ने जिन मजदूरों को लेकर चिंता जाहिर की है उसमें अधिकतर बिहार और उत्तर प्रदेश(Bihar and Uttar Pradesh) के रहने वाले हैं। इन राज्यों के बंधुआ मजदूर अच्छे वेतन के वादे पर पंजाब में काम करने के लिए अपने घर से से सैकड़ों किलोमीटर चले आते हैं। और अच्छे वेतन की आड़ में पंजाब पहुंचने के बाद उनका शोषण किया जाता है। खराब भुगतान किया जाता है।
बंधुआ मजदूरों को ड्रग्स दिया जाता
बंधुआ मजदूरों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि बंधुआ मजदूरों को अक्सर ड्रग्स दिया जाता है, जिससे उन्हें खेतों में लंबे समय तक काम करने में मदद मिलती है,। इससे उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ती है।
आगे मंत्रालय ने कहा, "समस्या ध्यान में रखते हुए, जिसमें मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी और मानवाधिकारों का उल्लंघन शामिल है, आपसे अनुरोध है कि इस मामले को देखें और इसके समाधान के लिए उचित कदम उठाएं।" राज्य सरकार से इस मामले पर प्राथमिकता आधार पर कार्रवाई की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को इस मामले को चिह्नित किया है। इसमें सभी राज्यों जिसमें विशेष तौर पर बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा को विभिन्न स्तरों पर जागरूकता पैदा करने के लिए उपयुक्त निर्देश जारी करने को कहा है।
गरीब और कमजोर पीड़ितों का शोषण
इसके साथ ही राज्यों को, ये सुनिश्चित करने के लिए कि बेहतर रोजगार की संभावनाओं और पारिश्रमिक आदि के लिए झूठे वादे करके गरीब और कमजोर पीड़ितों को बेईमान तत्वों द्वारा धोखा दिया जाता है।
सन् 2019 और 2020 में पंजाब के गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और अबोहर के सीमावर्ती गांवों से पकड़े गए लोगों के आधार पर परेशान करने की प्रवृत्ति का विवरण शेयर किया गया है। जिसमें सीमा सुरक्षा बल ने इन दोनों जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों से 58 भारतीय नागरिकों को पकड़ा है।
वहीं गृह मंत्रालय ने इस पत्र में लिखा है, "पूछताछ के दौरान, ये भी सामने आया कि उनमें से ज्यादातर या तो मानसिक रूप से विकलांग थे या मानसिक रूप से कमजोर थे।'' इस पत्र में मजदूरों की समस्या पर विचार करने को कहा गया है।