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Alwar Temple Demolition: अलवर मंदिर मामले में गहलोत सरकार का दांव, BJP शासित नगरपालिका बोर्ड को जारी किया नोटिस
Alwar Temple Demolition: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बीजेपी शासित नगरपालिका बोर्ड को इस मामले पर नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी कर पूछा गया कि आखिर उन्होंने 300 साल पुराने मंदिर को क्यों तोड़ा। सरकार ने नगरपालिका बोर्ड से 12 घंटे में इसपर जवाब मांगा है।
Alwar Temple Demolition: राजस्थान के अलवर जिले में 300 साल पुराने मंदिर को अवैध अतिक्रमण बता उसे ढहाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस शासित राज्य में हुई इस बुलडोजर कार्रवाई को लेकर विपक्षी बीजेपी गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) पर हमलवार है। अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने इसपर पलटवार करते हुए बीजेपी शासित नगरपालिका बोर्ड को इस मामले पर नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी कर पूछा गया कि आखिर उन्होंने 300 साल पुराने मंदिर को क्यों तोड़ा। सरकार ने नगरपालिका बोर्ड से 12 घंटे में इसपर जवाब मांगा है।
दरअसल मंदिर तोड़े जाने के बाद राजस्थान में इसपर सियासत तेज हो चली है। बीजेपी ने कांग्रेस पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि राजगढ़ नगर पालिका (Rajgarh Municipality) में भाजपा का बोर्ड है और उसी ने यह कार्रवाई की है।
मौके पर टीम भेजेगी भाजपा
राजस्थान में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अलवर मामले की जांच के लिए एक 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि 300 साल पुराना मंदिर अतिक्रमण कैसे हो सकता है। बीजेपी अपनी एक टीम मौके पर भेज रही है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस टीम में बीजेपी विधायक चंकांता मेघवाल, राजेंद्र सिंह शेखावत, ब्रज किशोर उपाध्याय और भवानी मीणा को शामिल किया। जबकि कमेटी की अध्यक्षता सीकर के सांसद स्वामी सुमेधनंद को सौंपी गई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोल चुके हैं। पात्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप बदले की भावना के साथ वोटबैंक की पॉलिटिक्स को आगे बढ़ा रहे हैं।
कांग्रेस ने भी किया पलटवार
राजस्थान में अलवर मंदिर मामले को लेकर सत्ताधारी कांग्रेस औऱ विपक्षी बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो चुकी है। बीजेपी के हमले पर पलटवार करते हुए राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि साल 2018 में भाजपा मंडल अध्यक्ष ने डीएम को खत लिखकर यह अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी। बीजेपी शासित राजगढ़ बोर्ड के बैठक में यह अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास किया गया था। उसके बाद ही यह अतिक्रमण हटाया गया है। अब बीजेपी इसपर राजनीति कर रही है।
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