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राजस्थान: भाजपा नेता पर किसान प्रदर्शनकारियों ने किया हमला, मारपीट कर कपड़े तक फाड़ डाले

राजस्थान: राजस्थान के श्रीगंगानगर में केंद्र सरकार द्वार पास किए गए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने बीजेपी नेता के साथ मारपीट की।

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Newstrack NetworkPublished By Shweta
Published on: 30 July 2021 4:27 PM GMT
कैलाश मेघवाल
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 कैलाश मेघवाल  (फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

राजस्थान: राजस्थान के श्रीगंगानगर में केंद्र सरकार द्वार पास किए गए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने बीजेपी नेता के साथ मारपीट की। किसानों यहां पर बीजेपी के प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं ने बीजेपी एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के साथ हाथापाई शुरू कर दी। जिसे देखते हुए पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्च किया।

इस दौरान मुख्य बाजार में पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठी बरसाई। जिसमें कई किसान गंभीर रुप से घायल हो गए। जिसके बाद यहां पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। यहां पर सभी जगह पुलिस टीम तैनात है।गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौलाश मेघवाल को किसाने ने कपड़े फाड़ दिए हैं।

और उनके साथ मारपीट भी किए है। इस दौरान कौलाश मेघवाल को किसानों ने दौड़कर पीटा है। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने किसानों से कैलाश मेघवाल को छुड़ाया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता कैलाश मेघवाल मंहगाई और सिंचाई पानी को लेकर कलेक्टर में प्रदर्शन कर रहे थे। तभी वहां पर किसान पहुंच गए और हाथापाई शुरू कर दी। जिसे देखते हुए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी। जिसमें कई किसान घायल हो गए हैं।

क्या कहा भाजपा नेता ने

आपको बता दें कि भाजपा नेता ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है। बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि, 'राज्य में कानून व्यवस्था बेहद खराब है। जो चिंताजनक है। श्रीगंगानगर में भाजपा का यह कार्यक्रम पहले से ही तय था लेकिन पुलिस प्रशासन की नाकामी के कारण ही यह स्थिती देखने को मिल रहा है।' जबकि दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने बयान दिया है कि कैलाश मेघवाल के साथ जो हुआ है वह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय घटना है। हमारे लोकतंत्र में हिंसा का कोई जगह नहीं है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व विधानयक अमराराम ने ट्वीट कर कहा कि, 'अगर कोई किसानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करेगा तो किसान स्वागत तो करेगा नहीं।''

Shweta

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