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Rajasthan Cabinet Expansion: 22 मंत्रियों ने ली शपथ, 12 कैबिनेट तो 10 राज्यमंत्री, देखें- मंत्रिमंडल की पूरी लिस्ट
Rajasthan Cabinet Expansion: Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में भजनलाल सरकार के पहले मंत्रिमंडल गठन पर बना सस्पेंस आज खत्म हो गया। जयपुर स्थित राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में भजनलाल सरकार के पहले मंत्रिमंडल गठन पर बना सस्पेंस शनिवार को खत्म हो गया। जयपुर स्थित राजभवन में शनिवार दोपहर 3ः15 बजे राज्यपाल कलराज मिश्र ने नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सबसे पहले डाक्टर किरोड़ी लाल मीणा को कैबिनेट मंत्री के रूप में राज्यपाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उसके बाद गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल को राज्यपाल कलराज मिश्र ने कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। भजनलाल सरकार में दो डिप्टी सीएम के अलावा 22 मंत्रियों ने शपथ ली है। इसमें 12 कैबिनेट तो दस राज्यमंत्री बनाए गए हैं, जिसमें पांच को राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। 22 मंत्रियों में से 16 पहली बार मंत्री बने हैं। इस तरह से सीएम और दो डिप्टी सीएम को भी मिला लिया जाए तो 25 में से 20 पहली बार के मंत्री हैं।
ये बनाया गया कैबिनेट मंत्री
-डॉ. किरोड़ीलाल मीणा
-गजेंद्र सिंह खींवसर
-राज्यवर्धन सिंह राठौड़
-बाबूलाल खराड़ी
-मदन दिलावर
-जोगाराम पटेल
-सुरेश सिंह रावत
-अविनाश गहलोत
-जोराराम कुमावत
-हेमंत मीणा
-कन्हैया लाल चौधरी
-सुमित गोदारा
इन्हें बनाया गया राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
-गौतम कुमार दक
-झावर सिंह खर्रा
-सुरेंद्र पाल सिंह टीटी
-हीरालाल नागर
इन्हें बनाया गया राज्यमंत्री
-ओटाराम देवासी
-डॉ मंजू बाघमार
-विजय सिंह चौधरी
-कृष्ण कुमार बिश्नोई
-जवाहर सिंह बेडम
शपथ लेने वालों में सबसे पहले किरोड़ीलाल मीणा ने शपथ ली। सबसे पहले शपथ दिलाकर उन्हें सबसे सीनियर मंत्री के तौर पर जगह दी गई है। राजस्थान में एसटी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। संघ से जुड़े रहे हैं।
दूसरे नंबर पर वसुंधरा राजे खेमे के गजेंद्र सिंह खींवसर ने शपथ ली। गजेंद्र सिंह वसुंधरा राजे की दोनों सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। उनकी पहचान राजपूत चेहरे के रूप में भी है।
तीसरे नंबर पर कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शपथ ली। केंद्र में मंत्री रहे हैं। दो बार सांसद रहे। उन्हें इस बार भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ाया था जिसमें उन्हें जीत मिली थी। वे पहली बार विधायक बने और कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। जातीय समीकरणों को देखा जाए तो उसके हिसाब से भी राजपूत वर्ग से एक उभरते चेहरे को महत्व देने का संदेश दिया गया है।
बाबूलाल खराड़ी झाड़ोल से विधायक हैं। उनकी गिनती आदिवासी इलाके के जमीनी नेता के तौर पर होती है। खराड़ी अब भी कच्चे घर में रहते हैं। पिछली बार उन्हें विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया था।
भजनलाल सरकार में दलित चेहरे के रूप में मदन दिलावर को शामिल किया गया है। वे संघ की पसंद हैं। भैरासिंह शेखावत सरकार और वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
पटेल वोट बैंक पर नजर रखते हुए भजनलाल सरकार में हाईकोर्ट में वकील रहे जोगाराम पटेल को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश है। आंजना, पटेल बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है।
सुरेंद्र पाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर से बीजेपी के उम्मीदवार हैं और अब राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बन गए हैं। चलते चुनाव के दौरान किसी को मंत्री बनाए जाने का पहला मामला है। बता दें कि श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत कुन्नर के निधन के बाद वहां चुनाव रद्द हो गया था, इस सीट पर 5 जनवरी को वोटिंग है।
पुष्कर से तीसरी बार विधायक बने सुरेश सिंह रावत ने भी मंत्री पद की शपथ ली। रावत भी संघ की पसंद माने जा रहे हैं। वे मुखर नेता माने जाते हैं।
जैतारण विधायक अविनाश गहलोत को भी भजनलाल सरकार में मंत्री बनाया है। वे दूसरी बार विधायक बने हैं। वे संगठनों के कई पदों पर रह चुके हैं। वे आलाकमान की पसंद माने जाते हैं।
जोरा राम कुमावत कुशल राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। वे सुमेरपुर विधानसभा से जीते हैं। राजनीति का लंबा अनुभव है। 2018 में भी बड़ी जीत पा चुके जोराराम इस बार भी भारी मतों से जीते हैं।
हेमंत मीणा प्रतापगढ़ विधानसभा से विधायक हैं। वे पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हैं। नंदलाल मीणा वसुंधरा राजे के समर्थक रहे हैं। दरअसल हेमंत पहली बार विधायक बने हैं। भजनलाल मंत्रिमंडल में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
वहीं भाजपा के कन्हैया लाल ने 2023 के विधानसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक लगाई थी। उन्हें अब भजनलाल सरकार के में जगह दी गई है। वे संघ की पसंद माने जाते हैं।
बीकानेर जिले से अकेले सुमित गोदारा को ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वे दो बार से विधायक हैं। उन्होंने करणी सेना की जयकारे के साथ शपथ ली है। इन्हें मंत्री बनाकर जाट समाज को साधा गया है।
बीजेपी ने राजस्थान में 115 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं। राज्य की 200 में से 199 सीटों पर मतदान हुआ था। एक सीट पर उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव टाल दिया गया था। पार्टी ने सभी को चौंकाते हुए पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाया है।