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Rajasthan News: यूथ लीडरशिप के बहाने गहलोत ने पायलट पर कसा तंज, दोनों खेमों के बीच वार-पलटवार का दौर तेज

Rajasthan News: जयपुर में मंगलवार को एक कार्यक्रम में सीए अशोक गहलोत ने राज्य कांग्रेस के कुछ युवा नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि यूथ लीडरशिप अनुशासित और कमिटमेंट वाली होनी चाहिए। गहलोत के इस संबोधन को सचिन पायलट पर तंज माना जा रहा है

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 28 Jun 2022 8:01 PM IST
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सचिन पायलट और अशोक गहलोत। (Social Media)

Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachin Pilot) के खेमों के बीच वार-पलटवार का दौर तेज होता जा रहा है। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachin Pilot) पर हमले का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) और कुछ विधायकों की सक्रियता के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने भी आज इशारों में सचिन पायलट पर तंज कसा।

जयपुर में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गहलोत ने राज्य कांग्रेस के कुछ युवा नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि यूथ लीडरशिप अनुशासित और कमिटमेंट वाली होनी चाहिए। उन्होंने राज्य कांग्रेस के कुछ युवा नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे कांग्रेस में अच्छे युवा नेताओं के आगे आने की पूरी उम्मीद है। मजे की बात यह है कि इस दौरान उन्होंने अच्छे युवा नेताओं में सचिन पायलट के नाम का कोई जिक्र तक नहीं किया। गहलोत के इस बयान को सचिन खेमे को तीखा जवाब माना जा रहा है।

अनुशासन और कमिटमेंट जरूरी

जयपुर में यूथ बोर्ड के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा कि युवा लीडरशिप में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही कमिटमेंट वाली युवा लीडरशिप ही कामयाब हो सकती है। उन्होंने अशोक चांदना, कृष्णा पूनिया और सीताराम लांबा का जिक्र करते हुए कहा कि आज ऐसे युवा नेताओं की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन युवा नेताओं में आगे बढ़कर नेतृत्व संभालने का पूरा दमखम दिखता है। लीडरशिप में संवेदनशीलता और देश प्रेम का जज्बा होना चाहिए। ऐसी लीडरशिप ही आगे चलकर पूरे देश को मजबूत नेतृत्व देने के साथ ही प्रदेश का भला करने में सक्षम साबित होगी।

सचिन पायलट खेमे को दिया जवाब

मजे की बात यह है कि अपने पूरे संबोधन के दौरान गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने राज्य कांग्रेस (Congress) के कई युवा नेताओं की तो जीभर कर तारीफ की मगर सचिन पायलट का एक बार जिक्र तक नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने अनुशासन और कमिटमेंट की याद जरूर दिला दी।

गहलोत के इस संबोधन को सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachin Pilot) पर तीखा तंज माना जा रहा है। गहलोत और सचिन पायलट के बयानों के बाद उनकै समर्थक भी जुबानी जंग में कूद पड़े हैं और इस कारण दोनों पक्षों के बीच जुबानी जंग लगातार तेज होती जा रही है।

पायलट समर्थक खेमा भी सक्रिय

पायलट समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने हाल में ट्वीट करते हुए सावन महीने में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की ओर इशारा किया था। आचार्य प्रमोद कृष्णन ने अपने ट्वीट में लिखा कि विषपान करने वाले नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है। हालांकि उन्होंने अपनी बात इशारों में कही मगर इसका मतलब पूरी तरह से साफ है। उन्होंने सचिन पायलट की तुलना विषपान करने वाले नीलकंठ से की है।

अभिषेक की बात करके उन्होंने इशारा किया है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है। उनके इस ट्वीट के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन की चर्चाओं ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है। पायलट खेमे से जुड़े विधायक इंद्राज गुर्जर ने अपने ट्वीट में कहा कि जमीन पर बैठकर आदमी कभी नहीं गिरता,फिक्र उनको है जो हवा में हैं।

गहलोत की सरकार चट्टान की तरह मजबूत

राज्य के खेल मंत्री और गहलोत के समर्थक माने जाने वाले अशोक चांदना ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बारे में कोई कमेंट करना मेरे लिए उचित नहीं होगा मगर इतना जरूर है कि गहलोत की अगुवाई में राजस्थान सरकार चट्टान की तरह मजबूत है। भविष्य में भी यह सरकार पूरी मजबूती के साथ राजस्थान में बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि 2023 में गहलोत की अगुवाई में ही चुनाव लड़ कर कांग्रेस एक बार फिर कामयाबी हासिल करेगी। सियासी जानकारों का मानना है कि गहलोत के ताजा बयान के बाद राज्य की सियासत गरमाने के आसार हैं।

Deepak Kumar

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