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Rajasthan News: अशोक गहलोत के बेटे वैभव से ईडी की पूछताछ शुरू, जानिए क्या है 12 साल पुरानी ये 'कहानी'
Rajasthan News: ईडी द्वारा समन जारी होने के बाद वैभव गहलोत ने कहा कि जिस मामले में 12 साल पहले भी सारी पूछताछ की जा चुकी है, उसे चुनाव के समय फिर से उठाया गया है। हमने सारे दस्तावेज दे दिए हैं। उस समय कुछ नहीं मिला।
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विधानसभा चुनाव के पहले ही वैभव गहलोत को प्रवर्तन निदेशालय यानी (ईडी) ने फेमा के एक मामले को लेकर पिछले दिनों पूछताछ के लिए समन भेजा था, जिसके बाद वैभव गहलोत आज प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली स्थित कार्यालय में पहुंचे हैं। ईडी की टीम वैभव से पूछताछ कर रही है। हालांकि ईडी वैभव से इससे पहले भी पूछताछ कर चुकी है, लेकिन इस बार के समन के बाद अटकलों के बाजार इसलिए गर्म हैं, क्योंकि राजस्थान में चुनावों की तारीखों की घोषणा की जा चुकी है और राजनीतिक पार्टियों ने अपने 'खेमे के सिपाही' भी मैदान में उतार दिए हैं। अब मतदान के पहले वैभव गहलोत से ईडी की पूछताछ को लेकर सूबे की राजनीति भी गरमाने लगी है।
क्या है पूरा मामला
ईडी द्वारा वैभव गहलोत से यह पूछताछ फेमा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के एक मामले में की जा रही है। बता दें कि कुछ महीने पहले मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी ने मुंबई के एक कंपनी के खिलाफ छापेमारी की थी। इस कंपनी के निदेशक को कथित तौर पर वैभव गहलोत का बिजनेस पार्टनर बताया जा रहा है। ईडी के अनुसार इस फर्म ने शेयरों की खरीद-फरोख्त में फेमा के नियमों का उल्लंघन किया है।
वैभव ने किया खंडन
वहीं इस मामले में वैभव गहलोत ने ईडी के दावों को खंडन किया है। एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 12 साल पहले भी ईडी ने उन्हें समन भेजा था। उस दौरान भी उन्होंने उनका सहयोग किया था और उनके समन का जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि इस बार भी उन्हें अंदेशा था कि उन्हें चुनाव के दौरान फिर से बुलाया जा सकता है। कहा कि वो पूछताछ का हिस्सा बनेंगे और हर सवाल का जवाब देंगे।
12 साल पुराना है मामला
समन जारी होने के बाद वैभव गहलोत ने कहा कि जिस मामले में 12 साल पहले भी सारी पूछताछ की जा चुकी है, उसे चुनाव के समय फिर से उठाया गया है। हमने सारे दस्तावेज ईडी को दे दिए हैं। उस समय कुछ नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा कि जिस होटल को लेकर उन पर आरोप लगे हैं, उनसे उनका नाता केवल टैक्सी दिलाने तक का है।
क्या होता है फेमा-
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) प्रमुख तौर पर तीन अधिनियमों के तहत जांच करता है, जिसमें पीएमएलए, एफईओए और फेमा। शामिल है। अवैध स्त्रोत से आय या मुनाफे को वैध बनाने वाले मामलों में पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जाती है। वहीं एफईओए अधिनियम को साल 2018 में लाया गया था। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए देश छोड़कर भागने वाले अपराधियों को रोकने के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं फेमा के तहत तब कार्रवाई की जाती है जब विदेशी मुद्रा के लेनदेन में किसी तरह का कोई उल्लंघन शामिल होता है।