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Jaipur : राजस्थान में बाल विवाह को मंजूरी, विधानसभा में पारित विधेयक को विपक्ष ने बोला- ये 'काला कानून' है

Jaipur : राजस्थान में बाल विवाह को मंजूरी दे दी गई है। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच ये विधेयक पारित किया गया।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 18 Sept 2021 3:44 PM IST
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बाल विवाह (फोटो- सोशल मीडिया) 

Jaipur : राजस्थान से बड़ी खबर आ रही है। यहां बाल विवाह को मंजूरी दे दी गई है। राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में आज विपक्ष के हंगामे के बीच राजस्थान विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन (संशोधन) विधेयक 2021 पारित हो गया। हालाकिं विधानसभा में इस बिल के उस प्रावधान का भाजपा पार्टी की तरफ से विरोध किया गया। जिसके तहत अब राजस्थान में विवाह करने वाले (माइनर हो तो भी), उनके विवाह का रजिस्ट्रेशन हो सकता है।

विवाह के लिए पारित हुए इस विधेयक के अनुसार, राज्य में अब से बाल विवाह रजिस्ट्रेशन होगा। लेकिन इस विवाह के लिए माता-पिता को 30 दिन पहले इसकी सूचना सार्वजनिक करनी होगी।

विधानसभा में इस विधेयक के विरोध के चलते भारी हंगामे के बीच बिल पर हुई चर्चा का जवाब राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने दिया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक लाने की वजह बहुत अहम है। मैरिज रजिस्ट्रेशन का पंजीकरण कानून 2009 के बाद जिला अधिकारी ही शादियों का पंजीयन कर सकता था लेकिन अब अतिरिक्त जिला अधिकारी और ब्लाक अधिकारी को भी इसमें जोड़ा गया है।

राजस्थान विधानसभा (फोटो- सोशल मीडिया)

भाजपा विधायकों ने बताया काला कानून

बाल विवाह के इस विधेयक को जब विधानसभा में पास किया जा रहा था, तब भाजपा ने मत विभाजन की मांग की। वहीं विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर और भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने संशोधन विधेयक को ''काला कानून'' बताया।

जिसमें अशोक लोहोटी ने कहा कि विधेयक बाल विवाह की इजाजत देता है। इस बीच विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए, लेकिन ध्वनिमत से विधेयक पारित कर दिया गया। वहीं मत विभाजन की मांग स्वीकार नहीं किए जाने पर भाजपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया और इसे ''काला कानून'' करार दिया।

राजस्थान का माहौल खराब करना चाहती है बीजेपी

बाल विवाह के विधेयक पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, 'शादी की निर्धारित आयु से कम की शादी का पंजीयन होने का मतलब यह नहीं हैं कि वह शादी वैध हैं। भले ही पंजीयन हो गया हो लेकिन नियमानुसार उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। निर्धारित उम्र से कम का पंजीयन अनिवार्य सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों की पालन के तहत किया गया।

साथ ही उन्होंने ये भी कहा मैरिज सर्टिफिकेट एक लीगल डॉक्यूमेंट है और उसके अभाव में कई बार विधवा महिला को राज्य सेवाओं में नहीं लिया जा सकता है। ऐसे में उत्तराधिकार प्रकरणों में भी निस्तारण की कठिनाइयां दूर होगी।

इस विधेयक पर राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह ने कहा, ''बाल विवाह के हम भी विरोधी हैं। बीजेपी मुद्दों को तोड़ मरोड़कर कर राजस्थान का माहौल खराब करना चाहती है। जब कांग्रेस कोई भी अच्छा काम करती है तो वे उसमें कमियां निकालनी की कोशिश करते हैं।''



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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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