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तहसीलदार ने 15 लाख रुपए का किया होलिका दहन, जानें क्यों जलानी पड़ी नोट
राजस्थान के तहसीलदार ने एसीबी की कार्रवाई से बचने के लिए रिश्वत के तौर पर लिए 15 लाख रुपए को आग के हवाले कर दिया
जयपुर। भारत में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी है कि कोई भी विभाग व संस्थान ऐसा नहीं है जो इससे अछूता रह गया हो। मजे की बात यह है कि जिन लोगों से इंसाफ और न्याय की उम्मीद की जाती है, वही लोग आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। हालांकि हाल के दिनों जांच एजेंसियों ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ तगड़ा मुहिम छेड़ा है। बावजूद इसके भ्रष्टाचारियों पर इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसा ही एक नजारा राजस्थान के सिरोही जिले के पिंडवाड़ा तहसील में देखने को मिला। जहां के तहसीलदार ने एसीबी की कार्रवाई से बचने के लिए रिश्वत के तौर पर लिए 15 लाख रुपए को आग के हवाले कर दिया है।
टेंडर पास कराने के लिए मांगी थी रिश्वत
जानकारी के मुताबिक पिंडवाड़ा तहसीलदार कल्पेश जैन ने तेंदूपत्ता व आवल छाल में सरकारी भूमि का टेंडर पास करने के लिए ठेकेदार से 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार से सौदा तय होने के बाद राजस्व निरिक्षक (आरआई) रुपए लेने के लिए ठेकेदार के पास पहुंचा था, लेकिन पाली एसीबी ने उसे एक लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रेप कर लिया। आरआई से मिली जानकारी के आधार पर एसीबी उसको लेकर पिंडवाड़ा तहसीलदार कार्यालय पहुंची। एसीबी के पहुंचने से पहले तहसीलदार कल्पेश जैन को कहीं से इसकी भनक लग गई। वह अपने सरकार आवास में खुद को बंद कर लिया। एसीबी ने काफी देर तक दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन तहसीलदार ने दरवाजा नहीं खोलने दिया। एक घंटे की मशक्कत के बाद एसीबी ने दरवाजा तोड़कर जब अंदर घुसी तो यहां का नजारा देखकर वह हैरान रह गई।
एसीबी की कार्रवाई से बचने के लिए जलाए नोट
एसीबी ने देखा कि गैस चूल्हे पर नकदी का होलिका दहन चल रहा था। टीम के लोगों ने कड़ी मशक्कत कर नोटों की आग बुझाई। बताया जा रहा है कि तहसीलदार ने जिस नोटों के बंडल को आग लगाई थी वह करीब 15 लाख रुपए के आसपास थी। फिलहाल एसीबी ने अंधजले नोटों को अपने कब्जे में लेकर नकदी के आकलन में लगी है। इसी के साथ ही तहसीलदार कल्पेश जैन और आरआई को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।