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Rajasthan Politics: राजस्थान में फिर तेज हुई सियासी उठापटक, मुख्यमंत्री गहलोत को घेरने की कोशिशें
Rajasthan Politics: गुजरात में विधानसभा चुनाव के बीच राजस्थान में एक बार फिर सियासी हलचल तेज होती दिख रही है। पायलट खेमा एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने की कोशिश में जुट गया है।
Rajasthan Politics News: गुजरात में विधानसभा चुनाव के बीच राजस्थान में एक बार फिर सियासी हलचल तेज होती दिख रही है। पायलट खेमा एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने की कोशिश में जुट गया है। इस बीच पायलट समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इशारों ही इशारों में राजस्थान का मुख्यमंत्री बदलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के संबंध में कांग्रेस आलाकमान की ओर से बड़ा फैसला लिया जा चुका है। यह फैसला सिर्फ सुनाना बाकी रह गया है और यह काम भी जल्दी हो जाएगा।
उधर राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व प्रभारी हरीश चौधरी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वादे के मुताबिक गहलोत कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण की विसंगति दूर करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया। राजस्थान में तेज होती सियासी हलचलों के बीच अभी तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य में सियासी उठापटक और तेज होगी।
आचार्य कृष्णम का बड़े फैसले का संकेत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम खुलकर राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की सीएम के रूप में ताजपोशी की वकालत करते रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के संबंध में पार्टी हाईकमान के बड़े फैसले का संकेत किया है। जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान आचार्य कृष्णम ने कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से राजस्थान की जनता की भावनाओं के अनुरूप ही फैसला लिया जाएगा।
राजस्थान का हर विधायक पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के साथ खड़ा है। सभी विधायकों को आलाकमान का यह फैसला मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी इनमें शामिल है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जयपुर में जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ था,उसे कांग्रेस पर्यवेक्षक के रूप में मलिकार्जुन खड़गे ने खुद अपनी आंखों से देखा था। इसलिए उन्हें राजस्थान की स्थिति के बारे में कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है।
सीएम बदलने की ओर इशारा
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व की ओर से जल्द ही राजस्थान के सियासी हालात को देखते हुए उचित फैसला लिया जाएगा। इशारों ही इशारों में राज्य के मुख्यमंत्री में बदलाव की ओर संकेत करते हुए आचार्य कृष्णम ने कहा कि राजस्थान के लोगों को जल्द ही नया सबेरा देखने को मिलेगा।
पार्टी विधायकों के इस्तीफे के संबंध में उन्होंने कहा कि यह बात तो स्पीकर ही बता सकते हैं कि किन विधायकों ने इस्तीफा दिया है। जयपुर में आचार्य कृष्णम ने विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी के साथ लंबी बैठक भी की। हालांकि उन्होंने स्पीकर के साथ हुई बातचीत का कोई खुलासा नहीं किया। स्पीकर जोशी ने भी अभी तक इस बाबत कोई बयान नहीं दिया है।
वरिष्ठ नेता ने खोला मोर्चा
इस बीच राज्य के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज बताए जा रहे हैं। चौधरी ने कहा कि गहलोत कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण की विसंगति के मुद्दे को आगे के लिए टाल दिया गया जबकि इस बैठक में इस महत्वपूर्ण मसले पर फैसला लिया जाना था। उन्होंने कहा कि मैं खुद कई बार इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बातचीत कर चुका हूं।
उन्होंने समस्या के समाधान का वादा किया था मगर इस वादे को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने इसे लेकर नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि अगर इस मसले का समाधान जल्द नहीं किया गया तो हम सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने सवाल किया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में आने से पहले इस मुद्दे का समाधान क्यों नहीं किया जा रहा है?
ओबीसी आरक्षण पर मंत्री ने दी सफाई
दूसरी ओर राज्य के वरिष्ठ मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वे ओबीसी आरक्षण के खिलाफ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट बैठक के दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कालोट को कोई राय नहीं दी थी। सियासी जानकारों का मानना है कि राजस्थान में एक बार फिर सियासी उठापटक तेज होती दिख रही है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर व्यस्त हैं। उन्होंने अभी तक इस मुद्दे को पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है।