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Borewell Incident : बोरवेल में 72 घंटे से फंसी मासूम बच्ची चेतना, बुलाई गई स्पेशल रैट माइनर्स की टीम
Borewell Incident : देशी जुगाड़, अंब्रेला तकनीक और पाइलिंग की मदद से सफलता नहीं मिलने पर उत्तराखंड से स्पेशल रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया है।
Borewell Incidents : राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ में 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल बच्ची को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान को लगभग 72 घंटे पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। देशी जुगाड़, अंब्रेला तकनीक और पाइलिंग की मदद से सफलता नहीं मिलने पर उत्तराखंड से स्पेशल रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया है। पाइलिंग मशीन की मदद से बच्ची तक पहुंचने की कोशिश में जुटे हुए हैं। रेतीली जमीन होने के कारण रेस्क्यू टीम को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में बड्याली ढाणी में भूपेंद्र ने अपने घर के बाहर एक बोरवेल खोदवाया था, लेकिन 700 फीट तक पानी नहीं मिलने के कारण उसे खुला छोड़ दिया था। बीते सोमवार को भूपेंद्र की दो बेटियां चेतना (3) और काव्या (8) खेल रहीं थीं, इसी दौरान चेतना का पैर फिसल गया, जिससे वह बोरवेल में गिर गई थी। इसके बाद से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमे रेस्क्यू अभियान चला रही हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।
रिपोर्ट के अनुसार, बचाव दल ने बच्ची को बाहर निकालने के लिए देशी जुगाड़, अंब्रेला तकनीक और पाइलिंग मशीन का सहारा लिया, लेकिन रेतीली जमीन होने के कारण बच्ची तक नहीं पहुंचा जा सका है। अब उत्तराखंड से स्पेशल रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया है। पाइलिंग मशीन की मदद से बच्ची तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
रैट माइनर्स से ही आस
वहीं, बच्ची मां की रो-रोकर बुरा हाल है, उन्होंने खाना-पानी तक छोड़ दिया है। परिजनों को अब रैट माइनर्स से ही आस बची हुई है। बीते 72 घंटों से बच्ची को पानी और भोजन नहीं पहुंचाया जा सकता है। बच्ची किस हालत में अभी तक इसकी भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। बच्ची तक कैमरे की पहुंच भी नहीं हो पा रही है।
पहले भी हो चुकी घटना
बता दें कि अभी हाल ही में दौसा जिले में बोरवेल में गिरने से आर्यन की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने सभी बोरवेल को बंद किए जाने की एडवाइजरी जारी की थी। इसके बावजूद अभी बोरवेल खुले हुए हैं।