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UCC in Rajasthan: उत्तराखंड के बाद अब राजस्थान में भी आएगा UCC बिल, CM भजनलाल ने दी मंजूरी, जल्द विधानसभा में पेश होगा विधेयक

UCC in Rajasthan: राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जल्द ही विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक पेश किया जाएगा।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 7 Feb 2024 12:07 PM IST
Rajasthan CM Bhajan Lal
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Rajasthan CM Bhajan Lal (photo: social media )

UCC in Rajasthan: भाजपा शासित उत्तराखंड के बाद अब दो और राज्यों में भी समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक पेश करने की तैयारी है। मध्य प्रदेश सरकार ने जहां इस मुद्दे पर विचार करने की बात कही है तो दूसरी ओर राजस्थान की भजनलाल सरकार ने जल्द ही विधानसभा में इस विधेयक को पेश करने का ऐलान कर दिया है। भजनलाल सरकार की इस घोषणा के बाद राजस्थान की सियासत गरमाने की संभावना है।

इससे पूर्व उत्तराखंड में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता विधेयक राज्य विधानसभा में पेश किया था। स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता की दिशा में निर्णायक पहल की है। हालांकि मुस्लिम संगठनों की ओर से इस विधेयक का विरोध भी शुरू कर दिया गया है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि शरीयत में उन्हें किसी भी प्रकार का दखल मंजूर नहीं है।

राजस्थान में जल्द बिल पेश करने का ऐलान

राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जल्द ही विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यूसीसी विधेयक को राज्य विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दे दी है।

चौधरी ने कहा कि समय मिला तो इसी सत्र में, नहीं तो अगले सत्र में यह विधेयक विधानसभा में जरूर पेश किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार सामाजिक अन्याय खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और सामाजिक अन्याय को खत्म करने के लिए यूसीसी विधेयक समय की आवश्यकता है।

अगले सत्र में पेश हो सकता है विधेयक

वैसे जानकारों का कहना है कि राजस्थान विधानसभा के मौजूदा सत्र में यह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद कम है। विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध कार्यसूची में इस विधेयक का कोई जिक्र नहीं किया गया है। विधानसभा की कार्यसूची में इस सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों और संशोधनों की जानकारी दी जाती है। ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा के अगले सत्र में इस विधेयक को लेकर भजन लाल सरकार बड़ा कदम उठा सकती है।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। इसे लेकर राज्य की सियासत गरमाने के आसार हैं। हालांकि राज्य कांग्रेस नेताओं की ओर से अभी तक किसी मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।

सामाजिक न्याय के लिए बिल की वकालत

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में वरिष्ठ मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी यूसीसी विधेयक की वकालत की है। उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक न्याय लाने के लिए यह बिल पेश किया जाना जरूरी है। मीणा ने कहा कि बच्चों को हिजाब पहनकर स्कूल जाने से रोकने के लिए इस तरह के बिल की आवश्यकता है।

अन्य राज्यों में भी तेज हो सकती है कवायद

सियासी जानकारों का मानना है कि उत्तराखंड विधानसभा में यह विधेयक पारित होने के बाद भाजपा शासित अन्य राज्यों में भी यूसीसी विधेयक पेश किए जाने की कवायद तेज हो सकती है। समान नागरिक संहिता पर भाजपा लंबे समय से जोर देती रही है और यह बीजेपी का प्रमुख एजेंडा रहा है।

लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमाएगी। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भाजपा की ओर से इस दिशा में बढ़ाए गए कदम का बड़ा सियासी असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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