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Rajasthan: राजस्थान में सचिन पायलट को मनाने में फिर फंसा पेंच, प्रदेश अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं

Rajasthan Congress: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने राजस्थान छोड़ने से इनकार कर दिया है। साथ ही वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या राष्ट्रीय महासचिव बनने को भी राजी नहीं है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Deepak Kumar
Published on: 10 April 2022 6:03 PM IST
sachin pilot
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सचिन पायलट। (Social Media) 

Rajasthan: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachin Pilot) को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने की पार्टी नेतृत्व की मंशा में फिर एक बार पेंच फंस गया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से हुई बातचीत में सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachin Pilot) ने अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। पायलट ने राजस्थान छोड़ने से पूरी तरह इनकार कर दिया है और इसके साथ ही वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या राष्ट्रीय महासचिव बनने के लिए भी तैयार नहीं है। उनका कहना है कि वह बिना किसी पद के पार्टी के लिए काम कर लेंगे मगर उन्हें मुख्यमंत्री पद से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

दूसरी ओर कांग्रेसी नेतृत्व मौजूदा समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के साथ किसी भी छेड़छाड़ के लिए तैयार नहीं है। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) होने हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व जल्द ही राज्य में चुनावी तैयारियां शुरू करने का इच्छुक है। इसलिए राज्य कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं।

राहुल और प्रियंका को स्पष्ट किया रुख

कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) की शुक्रवार को नई दिल्ली में राहुल और प्रियंका के साथ लंबी बातचीत हुई है। इस बातचीत के दौरान सचिन पायलट (Sachin Pilot)) ने अपना स्टैंड पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। उनका कहना है कि वे बिना पद के भी राजस्थान में पार्टी के लिए काम करने के लिए तैयार हैं मगर ऐसी स्थिति में राजस्थान के चुनाव परिणामों की उन पर कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। उनका कहना है कि वे पार्टी नेतृत्व के निर्देशानुसार चुनाव प्रचार करने के लिए तैयार हैं मगर तब सीटों को जिताने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) पर ही होगी।

हाल के दिनों में राजस्थान कांग्रेस में ऐसी चर्चाएं सुनी जा रही थीं कि सचिन पायलट को एक बार फिर गोविंद सिंह डोटासरा की जगह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। सचिन पायलट के समर्थकों को विभिन्न राजनीतिक पदों पर एडजेस्ट किया जा चुका है मगर पायलट के पास अभी तक पार्टी कोई पद नहीं है। ऐसे में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाना चाहता है मगर इसमें भी पेंच फंसता नजर आ रहा है।

माकन ने बताया राजस्थान का हाल

राहुल और प्रियंका से चर्चा के दौरान सचिन पायलट ने राज्य में कांग्रेस (Congress) की स्थिति और अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) सरकार के कामकाज पर भी अपनी राय से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया है। राहुल और प्रियंका के अलावा संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी राजस्थान कांग्रेस के संबंध में सचिन पायलट से चर्चा की है। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन भी हाल के दिनों में राजस्थान में काफी सक्रिय रहे हैं और उन्होंने पार्टी के तमाम विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात की है। इसके बाद माकन ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को राजस्थान कांग्रेस में चल रही गतिविधियों से अवगत कराया है। जानकारों का कहना है कि माकन भी सरकार और संगठन के कामकाज से संतुष्ट नहीं है।

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सदस्यता अभियान की गति काफी धीमी बताई जा रही है और पायलट ने इस संबंध में अपनी चिंता से राहुल और प्रियंका को अवगत कराया है। माना जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र के बाद राजस्थान में सरकार और संगठन में बड़ा फेरबदल किया जा सकता है।

गहलोत ने इशारों में कसा तंज

इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा है कि संगठन में रगड़ाई बहुत जरूरी है। बीकानेर में एनएसयूआई के प्रदेश स्तरीय अधिवेशन में गहलोत ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि पहली बार चुनाव लड़ने पर मुझे हार मिली थी और उसके बाद मुझे संगठन का काम सौंपा गया था। इसके बाद मैं लगातार आगे बढ़ता गया और तीन बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बन चुका हूं।

उन्होंने कहा कि दो प्रकार के लोग मंत्री बनते हैं। एक तो वे जो संगठन में नीचे से ऊपर तक काम करते हैं और दूसरे वे जिनके ऊपर के लोगों से संबंध होते हैं। हालांकि अशोक गहलोत ने अपने बयान में किसी नेता का नाम नहीं लिया मगर माना जा रहा है कि उनका इशारा सचिन पायलट (Sachin Pilot) की ओर ही था। कांग्रेस के जानकारों का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस में अभी तक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शीत युद्ध समाप्त नहीं हो सका है। इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी पड़ सकता है।

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