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Rajasthan Congress: असंतुष्टों की शिकायत दूर करने की कवायद, दोनों खेमों से चर्चा करेंगे अजय माकन
Rajasthan Congress News In Hindi:
Rajasthan Congress News In Hindi: कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में बढ़ते असंतोष को कम करने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले दिनों कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार और संगठन के रवैये पर नाराजगी जताई थी और इस बाबत दिल्ली पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के खेमों के बीच पहले ही खींचतान चल रही है।
कांग्रेस में बढ़ते विवाद के बीच प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) का जयपुर दौरा सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंगलवार को जयपुर पहुंचने के बाद माकन की गहलोत और पायलट दोनों खेमों के नेताओं से मुलाकात की उम्मीद है। वे पार्टी के ऐसे असंतुष्ट नेताओं से भी मिल सकते हैं जिन्होंने दिल्ली पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। माकन का गहलोत से भी मिलने का कार्यक्रम है और इस दौरान दोनों नेता राज्य के सियासी संकट को दूर करने पर चर्चा करेंगे।
दोनों खेमों की ओर से खींचतान जारी
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन की राजस्थान यात्रा को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वे उपचुनाव के बाद में पहली बार राजस्थान के दौरे पर पहुंच रहे हैं। हाल के दिनों में उनकी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी कोई मुलाकात नहीं हुई है जबकि पार्टी में कलह चरम पर पहुंच चुकी है। गहलोत और पायलट खेमे के बीच पैदा हुआ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है।
पायलट खेमा अपनी दस माह पुरानी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाने में जुटा हुआ है। दूसरी ओर गहलोत बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों और निर्दलीयों के दम पर अपनी ताकत दिखा रहे हैं। हाल के दिनों में दोनों खेमों की ओर से कोई बयानबाजी तो नहीं की गई है, लेकिन भीतर ही भीतर चिंगारी जरूर सुलग रही है। माना जा रहा है कि इसी कारण माकन को हाईकमान की ओर से जयपुर भेजा गया है ताकि जमीनी हकीकत की पूरी जानकारी मिल सके।
दोनों खेमों के नेताओं से मिलेंगे माकन
प्रदेश कांग्रेस की ओर से महंगाई के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की रूपरेखा बनाई गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है की माकन प्रदेश पदाधिकारियों से मुलाकात में पार्टी के आंदोलन की तैयारियां की जानकारी लेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष की ओर से भले ही दौरे की दूसरी वजह बताई जा रही हो मगर कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि माकन के दौरे का असली मकसद पायलट और गहलोत खेमों के बीच चल रही खींचतान को खत्म करना है। माना जा रहा है कि इस दौरे के दौरान माकन की दोनों खेमों के नेताओं से मुलाकात होगी। पिछले दिनों मेंमाकन ने सचिन पायलट को बड़ा नेता बताते हुए कहा था कि पार्टी उनकी मांगों पर लगातार गौर कर रही है और इस दिशा में जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।
गहलोत से मुलाकात सबसे महत्वपूर्ण
माकन के दौरे का सबसे अहम कार्यक्रम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी मुलाकात को माना जा रहा है। पार्टी हाईकमान का भी यह मानना है कि गहलोत को विश्वास में लिए बिना राजस्थान कांग्रेस के बारे में कोई भी फैसला नहीं लिया जा सकता। हाल के दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की मांग तेज हुई है। ऐसे में माकन और गहलोत की मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
असंतुष्टों ने दिल्ली पहुंचकर की थी शिकायत
पिछले दिनों कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने दिल्ली का दौरा किया था और अजय माकन से मिलकर अपनी शिकायत हाईकमान तक पहुंचाने की कोशिश की थी। इन नेताओं की शिकायत थी कि भाजपा से कांग्रेस में आए विधायकों और निर्दलीय विधायकों को गहलोत सरकार में जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। कांग्रेस के पुराने नेताओं की उपेक्षा की जा रही है। राज्य कांग्रेस के असंतुष्ट 15 नेताओं ने पिछले दिनों इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी। इस संबंध में कोई कदम न उठाए जाने के बाद नेताओं ने दिल्ली का दौरा किया था।
असंतुष्ट नेताओं ने दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाल रखा मगर इन नेताओं की माकन से मुलाकात नहीं हो सकी थी। माकन की ओर से नाराज नेताओं को दो बार मुलाकात का समय दिया भी गया मगर अंतिम समय पर मुलाकात निरस्त कर दी गई। अब माना जा रहा है कि जल्द ही इन नेताओं की माकन से मुलाकात हो सकती है।
दिल्ली में डेरा डालने वाले नेताओं में मनीष यादव, सुभाष मील और दौलत सिंह भी शामिल हैं। ये सभी नेता कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं मगर इन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इन नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के लिए वर्षों तक काम करने के बावजूद गहलोत सरकार और संगठन की ओर से उनकी अनदेखी की जा रही है। इसी कारण वे अपनी शिकायत हाईकमान तक पहुंचाने के लिए मजबूर हुए हैं।
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