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Rajasthan: अलवर में बुल्डोजर से मंदिर गिराने का मामला, गहलोत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया
Temple Demolition In Rajasthan: CM अशोक गहलोत ने मंदिर तोड़ने की कार्यवाही के चलते कड़ा रुख अपनाया।
Temple Demolition In Rajasthan: राजस्थान स्थित अलवर जिले के राजगढ़ बीते 22 अप्रैल को नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण बताकर कार्यवाही करते हुए 3 मंदिरों को बुल्डोजर से ढहा दिया गया था। नगर पालिका की इस कार्यवाही के बाद से लगातार विपक्षी दल राज्य की गहलोत सरकार (कांग्रेस) पर हमलवार नज़र आ रहे हैं। ऐसे में मामले के चलते सरकार की बन रही नकारात्मक छवि को राज्य सरकार सतर्क हो गयी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले को संज्ञान में लेते हुए ज़िले के सम्बंधित अधिकारियों और अन्य को निलंबित कर दिया है।
इन्हें किया निलंबित
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर नगर पालिका द्वारा मंदिर तोड़ने की कार्यवाही के चलते कड़ा रुख अपनाते हुए एसडीएम केशव मीणा, नगर पालिका चेयरमैन और भाजपा नेता सतीश दुहरिया और नगर पालिका ईओ बनवारी लाल मीणा को निलंबित कर दिया है।
अलवर में मंदिर ढहाने की इस घटना के बाद से राज्य सरकार मुश्किलों में नज़र आई। दरअसल, हिंदुओं की आस्था का केंद्र मंदिर ढहाए जाने से कई धार्मिक संगठनों द्वारा इस कार्यवाही का एकजुटता के साथ विरोध किया गया।
'मंदिर का निर्माण बिल्कुल भी अतिक्रमण में नहीं था'
इस दौरान भाजपा ने अपने कई नेताओं को घटनास्थल पर जाने और मामले से सम्बंधित जानकारी बटोरने का भी काम सौंपा था। जिसके मद्देनज़र अलवर पहुंचे सीकर से भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने बताया राज्य सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि मंदिर का निर्माण बिल्कुल भी अतिक्रमण में नहीं था और मंदिर को महज एक साजिश के तहत गिराया गया है।
भाजपा ने लगाया था यह आरोप
राजस्थान भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा मंदिरों पर इस बुल्डोजर कार्यवाही की निंदा करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने अलवर में मंदिर गिराकर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई बुल्डोजर कार्यवाही का बदला लिया है। बतौर भाजपा राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा गिराया गया यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है और इसे ध्वस्त करना हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ बताया है।