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Jodhpur Violence: जोधपुर में फिर भड़की हिंसा, दो पक्षों के बीच हुई जमकर पत्थरबाजी

मंगलवार को जोधपुर के सूर सागर इलाके में किसी बात को लेकर दो पक्षों के बीच अनबन हो गई। फिर देखते ही देखते इसने सांप्रदायिक रूप अख्तियार कर लिया है। दोनों पक्षों के बीच भीषण पत्थरबाजी हुई।

Krishna Chaudhary
Published on: 7 Jun 2022 11:03 PM IST (Updated on: 8 Jun 2022 12:50 AM IST)
Jodhpur Violence
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Jodhpur Violence: जोधपुर में फिर भ़ड़की हिंसा। (Social Media)

Jodhpur Violence: राजस्थान का जोधपुर शहर अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य स्थल रहा है, लेकिन हाल के दिनों में यहां से लगातार सांप्रदायिक झड़पों की खबरें आती रहती हैं। मंगलवार को शहर में एकबार फिर दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। घटना जोधपुर के सूर सागर इलाके (Sur Sagar area of Jodhpur) की है, जहां किसी बात को लेकर दो पक्षों के बीच अनबन हो गई। फिर देखते ही देखते इसने सांप्रदायिक रूप अख्तियार कर लिया है। दोनों पक्षों के बीच भीषण झड़प की खबर है। इसके अलावा जमकर पत्थरबाजी भी हुई है।

भारी संख्या में पुलिसबल घटनास्थल पर पहुंचे

बवाल की खबर मिलते ही भारी संख्या में पुलिसबल घटनास्थल पर पहुंचे और काफी जद्दोजहद के बाद स्थिति को नियंत्रण किया। मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। इस घटना के बाद इलाके में भयानक तनाव व्यापत हो गया है। पुलिस ने तीन उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक, ये विवाद दो लड़कों की पिटाई से शुरू हुआ। हालांकि अभी तक पूरा मामला सामने नहीं आया है।

ईद के मौके पर हो चुकी है हिंसा

जोधपुर (Jodhpur Violence) इससे पहले भी सांप्रदायिक हिंसा की आग में सुलग चुका है। अभी हाल में ईद और परशुराम जयंती को लेकर दो समुदायों के बीच तनातनी ने भयानक बवाल का रूप अख्तियार कर लिया था। दरअसल बीते दो मई को ईद और परशुराम जयंती एक साथ मनाई जा रही थी और परशुराम जयंती के मौके पर रैली निकाली गई थी। इस बीच जालोरी गेट पर झंडे और लाउडस्पीकर को लेकर दो समुदाय के लोग आमने – सामने आ गए थे, ये विवाद दो दिनों तक चलता रहा था। उस मामले में पुलिस ने 250 से अधिक गिरफ्तारियां की थी। राजस्थान में करौली में हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद से लगातार ऐसे कई छोटे – बड़े हिंसा के मामले सामने आए हैं। जो अशोक गहलोत सरकार की लॉ एंड आर्डर के मसले पर नाकामी को दर्शाती है।



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Deepak Kumar

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