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Rajasthan Politics: राजस्थान में कई और मंत्रियों के होंगे इस्तीफे, गहलोत मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की कवायद तेज
Rajasthan Politics: प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के शुक्रवार को जयपुर पहुंचने के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि एक-दो दिन में ही अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की कवायद पूरी कर ली जाएगी।
Rajasthan Politics: पंजाब के बाद अब कांग्रेस हाईकमान (Congress High Command) का पूरा फोकस राजस्थान (Rajasthan) पर टिक गया है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) में बड़े बदलाव की तैयारी है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) के शुक्रवार को जयपुर (Jaipur) पहुंचने के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि एक-दो दिन में ही अशोक गहलोत मंत्रिमंडल (Ashok Gehlot Mantrimandal) के पुनर्गठन की कवायद पूरी कर ली जाएगी।
राज्य के तीन वरिष्ठ मंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने शनिवार शाम अपने मंत्रिमंडल की बैठक (Mantrimandal Baithak) बुलाई है। जानकारों का कहना है कि बैठक के दौरान कई और मंत्रियों के इस्तीफे लिए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पिछले दिल्ली यात्रा के बाद से ही राज्य मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चाओं ने तेजी पकड़ रखी है। पिछले दिनों सचिवालय कर्मचारी संघ के आयोजन में मुख्यमंत्री गहलोत ने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Reshuffle) का स्पष्ट संकेत दिया था। हाईकमान की ओर से गहलोत को पुनर्गठन की हरी झंडी मिल चुकी है। इसलिए अब 21 या 22 नवंबर को मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की संभावना जताई जा रही है।
तीन मंत्रियों ने की इस्तीफे की पेशकश
राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने जयपुर दौरे पर पहुंचने के बाद मीडिया को तीन मंत्रियों की ओर से इस्तीफे की पेशकश की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के वरिष्ठ मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra), हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) और डॉ रघु शर्मा (Dr. Raghu Sharma) ने पार्टी हाईकमान को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि ये सभी मंत्री अब आगे संगठन के लिए काम करने के इच्छुक हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान के कहने पर ही इन मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की है।
दरअसल एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का पालन करने के लिए इन तीनों मंत्रियों का इस्तीफा पहले ही तय माना जा रहा था। गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के साथ ही शिक्षा मंत्री (Education Minister) भी बने हुए हैं। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया जा चुका है जबकि स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा गुजरात के प्रदेश प्रभारी पद को संभाल रहे हैं। अब इन तीनों मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की है। इन तीनों नेताओं के पास महत्वपूर्ण महकमों की जिम्मेदारी थी और अब ये महकमे दूसरे नेताओं को सौंपे जाएंगे।
परफॉर्म न करने वाले मंत्रियों पर गिरेगी गाज
कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि फेरबदल की कवायद में ऐसे मंत्रियों पर गाज गिरनी तय है जो परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे मंत्रियों को बाहर करके उनकी जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। राज्य के कई मंत्रियों के खिलाफ ऐसी शिकायतें हैं कि वे ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। अब ऐसे मंत्रियों की कुर्सी जानी तय मानी जा रही है।
राज्य में अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं और मौजूदा समय में मुख्यमंत्री समेत 21 मंत्री काम कर रहे हैं। इस तरह अभी मंत्रियों के 9 पद खाली हैं और कई मंत्रियों के इस्तीफे के बाद और भी पद खाली हो जाएंगे। इन खाली पदों पर पायलट खेमे से जुड़े नेताओं के साथ ही बसपा से आने वाले विधायकों और गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले कुछ निर्दलीय विधायकों को मौका दिया जा सकता है।
माकन ने किया गहलोत के साथ मंथन
कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के दिल्ली से जयपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर का दौरा (Ashok Gehlot Ka Udaipur Daura) रद्द करके जयपुर पहुंच गए। गहलोत को शुक्रवार की रात कांग्रेस विधायक प्रीति शक्तावत की पुत्री के विवाह में शामिल होना था मगर वे बांसवाड़ा से सीधे जयपुर पहुंच गए। गहलोत के जयपुर पहुंचने के बाद माकन और मुख्यमंत्री के बीच लंबी बैठक हुई। जानकारों के मुताबिक इस बैठक के दौरान मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से राजभवन से संपर्क साध कर राज्यपाल की उपलब्धता की जानकारी भी हासिल की गई है। दो दिन के उत्तर प्रदेश दौरे पर गए राज्यपाल कलराज मिश्र के रविवार शाम को जयपुर लौटने की संभावना है। राज्यपाल के जयपुर लौटने के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को अमली जामा पहनाया जा सकता है।
हाईकमान के निर्देश पर तेज हुई कवायद
दीपावली के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली दौरे (Ashok Gehlot Ka Delhi Daura) पर पहुंचे थे और उन्होंने 10 और 11 नवंबर को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्य के सियासी हालात पर चर्चा की थी। 10 नवंबर को उन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आवास पर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के अलावा राजस्थान के प्रभारी अजय माकन और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल (K. C. Venugopal) के साथ लंबी मंत्रणा की थी।
इसके दूसरे दिन 11 नवंबर को उनकी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि हाईकमान की ओर से गहलोत को मंत्रिमंडल में पुनर्गठन का निर्देश दिया गया है। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके खेमे से जुड़े विधायक हाईकमान पर मंत्रिमंडल में बदलाव के लिए लगातार दबाव डाल रहे हैं।
पार्टी हाईकमान भी पायलट खेमे से जुड़े विधायकों को सम्मानजनक तरीके से समायोजित करने के लिए इच्छुक बताया जा रहा है। यही कारण है कि अभी तक मंत्रिमंडल में फेरबदल को टाल रहे गहलोत के लिए जल्द बदलाव करना जरूरी हो गया है।
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