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Rajyasabha Elections: राजस्थान में भाजपा ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, सुभाष चंद्रा की एंट्री से मुश्किल में फंसे गहलोत
Rajasthan Rajyasabha Election: कांग्रेस को झटका देने के लिए बीजेपी ने जोर लगाने की तैयारी की।
Rajasthan Rajyasabha Election: राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों पर हो रहे चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। राज्य में भाजपा की ओर से सुभाष चंद्रा पर दांव लगाने से चौथी सीट पर रोचक मुकाबले की बिसात बिछ गई है। राज्यसभा चुनाव के लिए आज नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है और सुभाष चंद्रा राजस्थान से नामांकन दाखिल करने के लिए सोमवार देर रात को ही जयपुर पहुंच गए।
राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों में से कांग्रेस दो और भाजपा एक सीट पर पक्की जीत की स्थिति में है। असली लड़ाई चौथी सीट पर होगी जिसमें निर्दलीय विधायकों का रुख सबसे महत्वपूर्ण होगा। भाजपा की ओर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सुभाष चंद्रा को समर्थन देने से कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों में सेंधमारी की आशंका बढ़ गई है। इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुसीबतें बढ़ती हुई दिख रही हैं। उन्हें कांग्रेस का तीसरा उम्मीदवार जिताने के लिए बड़ी ताकत लगानी होगी। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से सुभाष चंद्रा को समर्थन देने का आधिकारिक ऐलान आज कर दिया जाएगा।
सियासी खेल में माहिर हैं सुभाष चंद्रा
राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं और कांग्रेस की ओर से 3 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया जा चुका है। राजस्थान से पार्टी ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है। दूसरी ओर भाजपा घनश्याम तिवाड़ी को पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। भाजपा ने दूसरी सीट पर सुभाष चंद्रा का समर्थन करने का फैसला किया है। सुभाष चंद्रा को सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता है और वे हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में अपने सियासी दांवपेच दिखा भी चुके हैं। इसी के दम पर उन्होंने चुनावी जीत हासिल की थी।
कांग्रेस को तीसरी सीट पर झटका देने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। सुभाष चंद्रा के मैदान में आने से निर्दलीय विधायकों के साथ ही कांग्रेस विधायकों में भी सेंधमारी की आशंका पैदा हो गई है। दरअसल कांग्रेस में राजस्थान राज्यसभा चुनाव में तीनों बाहरी उम्मीदवार उतारे हैं और इसे लेकर पार्टी के कई विधायकों में नाराजगी बताई जा रही है। पार्टी के एक विधायक संयम लोढ़ा ने इसे लेकर सवाल भी उठाए हैं। ऐसे में कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बड़ी मुसीबत होगा।
राजस्थान में चुनाव का समीकरण
यदि राजस्थान विधानसभा का समीकरण देखा जाए तो कांग्रेस के 108, भाजपा के 71, निर्दलीय 13, आरएलपी के तीन, बीटीपी और माकपा के दो दो और आरएलडी के पास एक विधायक है। विधानसभा के समीकरण में निर्दलीय विधायक काफी अहम भूमिका में आ गए हैं। हालांकि गहलोत को निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है और माकपा के दो विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को ही मिलने की संभावना है। आरएलडी का समर्थन भी कांग्रेस के साथ ही जाने की उम्मीद है।
ऐसी स्थिति में कांग्रेस के 3 सीटों पर जीत के आसार दिख रहे हैं मगर सुभाष चंद्रा के उतरने और कांग्रेस के कई विधायकों में नाराजगी के कारण सेंधमारी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
विशेष रूप से बाहरी उम्मीदवारों के कारण कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग की आशंका पैदा हो गई है। भाजपा इस चुनाव में गहलोत को सियासी झटका देकर बड़ा संदेश देना चाहती है। गहलोत को भी सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता है और तभी वे सचिन पायलट की बगावत के बावजूद अपनी सरकार बचाने में कामयाब हुए थे। ऐसे में राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में रोचक मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।
निर्दलीयों और कांग्रेस में सेंधमारी की तैयारी
भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक पार्टी के संपर्क में हैं। भाजपा का यह दावा कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ाने वाला है। हालांकि भाजपा में भी जबर्दस्त गुटबाजी दिखती रही है मगर राज्यसभा चुनाव के मुद्दे पर पार्टी पूरी तरह एकजुट नजर आ रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि निर्दलीय 13 विधायकों और कांग्रेस में तोड़फोड़ करके भाजपा गहलोत को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटी हुई है।
नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल के 3 विधायकों का समर्थन हासिल करने की भी कोशिश की जा रही है। ऐसे में राजस्थान का राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है और माना जा रहा है कि मतदान के समय तक जबरदस्त जोड़-तोड़ जारी रहेगी।