TRENDING TAGS :
Rajasthan के कार्यों की सराहना, मतदाता सूचियों के निस्तारण में देश भर में अव्वल
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया की पहचान है।
भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को आगामी दिनों में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिये समीक्षा बैठक बुलाई।वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से इन सभी पांचो राज्यों उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, गोवा, मणिपुर,पंजाब के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी तैयारियां निर्वाचन आयोग को बतायी।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया की पहचान है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग हो सकती हैं, लेकिन चुनाव योजना में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए मतदाता केंद्रित दृष्टिकोण और भागीदारीपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। अपने संबोधन के दौरान सीईसी सुशील चंद्रा ने मतदाता सूची की शुद्धता के महत्व पर जोर दिया और सीईओ से मतदाता पंजीकरण के संबंध में सभी लंबित आवेदनों के शीघ्र निवारण के लिए कहा। उन्होंने कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी मतदान केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को दोहराया। आगे जोड़ते हुए, श्री चंद्रा ने उल्लेख किया कि वरिष्ठ नागरिकों (80+) और विकलांग व्यक्तियों के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा के कार्यान्वयन में सभी लॉजिस्टिक चुनौतियों को चुनाव के दौरान इसके सुचारू और पारदर्शी कार्यान्वयन के लिए पहचानने और हल करने की आवश्यकता है।
पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने मतदाता सूची के स्वास्थ्य, बजट की उपलब्धता, जनशक्ति संसाधनों, स्वीप, योजना, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और आईटी अनुप्रयोगों आदि सहित चुनाव के संचालन के विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
राजस्थान के कार्यों की सराहना
इसके साथ ही गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के कार्य की समीक्षा की गई। इसके लिए राजस्थान द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई.मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण अभियान, 2021 और इसके निरंतर पूरी अवधि के दौरान प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण करने में राजस्थान देश भर में प्रथम स्थान में रहा है।
मतदाता का नाम जोड़ना एवं संशोधन करना अभियान का हिस्सा
राजस्थान निर्वाचन आयोग के प्रमुख प्रवीण गुप्ता ने बताया कि संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के पश्चात भी मतदाता सूची में नाम जुड़वाने अथवा संशोधन करवाने की प्रक्रिया पूरे वर्ष उपलब्ध रहती है। यद्यपि निरंतर अद्यतन के दौरान केवल वही मतदाता नाम जुड़वा सकते हैं जो कि अर्हता दिनांक 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों में नाम जुड़वाने, विलोपित करवाने एवं अन्य संशोधनों के लिए मतदाता सूचियों को पूरा करने का कार्य एक निरन्तर प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के खत्म होने के बाद दिनांक 01 जनवरी को मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन किया जाता है। इसके अंतर्गत राज्य के 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को शामिल किया जाता है।प्रारूप प्रकाशन के पश्चात मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी 52 हजार मतदान केन्द्रों पर BLO के माध्यम से मतदाता सूचियों में परिवर्धन, विलोपन, संशोधन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। जनवरी माह में मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाता है जब इन आवेदन पत्रों के निस्तारण हो जाता है।
राजस्थान पुनरीक्षण अभियान 2021 का आँकड़ा
मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण अभियान 2021 के दौरान राज्य में कुल 15 लाख 17 हजार 232 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इसके उपरान्त निरंतर प्रक्रिया के दौरान दिनांक 1 जनवरी, 2021 तक 4 लाख 50 हजार 625 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। इस प्रकार दोनों कार्यक्रमों के दौरान 19 लाख 67 हजार 857 आवेदन राज्य में प्राप्त हुए, जिनका समय पर निस्तारण किया गया।