TRENDING TAGS :
Rajasthan Weather: हीटवेव ने राजस्थान में तोड़ा कई रिकॉर्ड, एक दशक में सबसे ज्यादा दिन इस साल चली लू
Rajasthan Latest News : भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में इस साल गर्मी ने बीते एक दशक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। राजस्थान में पिछले 3 महीने महीने में 51 दिनों तक हीटवेव की स्थिति बनी रही।
Weather Update : देश के कई राज्यों में इन दिनों गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रहा है। जिसका सबसे अधिक प्रभाव राजस्थान (Rajasthan) में देखने को मिल रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल बीते 3 महीने के दौरान राजस्थान में 51 दिनों तक हीटवेव (Heatwave) की स्थिति बनी रही। मार्च महीने से ही राजस्थान में लू (Heatwave in Rajasthan) का प्रकोप शुरू हो गया था जो जून महीने तक भी जारी है। दरअसल हीटवेव की स्थिति किसी क्षेत्र में तब बनती है जब वह तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर चला जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में गर्मी ने बीते एक दशक का रिकॉर्ड राजस्थान में तोड़ दिया है।
समय से पहले शुरू हुआ हीटवेव
हर साल राजस्थान में हीटवेव की स्थिति अप्रैल महीने के पहले सप्ताह से शुरू होती है, मगर साल 2022 में गर्मी ने राजस्थान में कई रिकॉर्ड को तोड़ा जिस का सबसे बड़ा कारण रहा हीटवेव का अपने समय से पहले शुरू हो जाना। इस साल राजस्थान में अप्रैल महीने की जगह हीटवेव की स्थिति मार्च महीने से ही शुरू हो गई थी। जिसके कारण गर्मी ने पिछले 1 दशक का रिकॉर्ड राजस्थान में तोड़ दिया। अगर पिछले 2 साल के आंकड़ों को देखें तो साल 2019 में राजस्थान में महज 20 दिनों तक हीटवेव की स्थिति थी, मगर साल 2022 में ये आंकड़ा दोगुने से भी अधिक हो गया और 3 महीने के भीतर कुल 51 दिनों तक राजस्थान में हीटवेव की स्थिति बनी रही।
दिख रहा ग्लोबल वार्मिंग का असर
राजस्थान समेत देश के ज्यादातर राज्यों में इस बार रिकॉर्ड स्तर की गर्मी देखने को मिली है। वहीं, इस साल गर्मी ने समय से पहले भी ज्यादातर हिस्सों में दस्तक दे दिया था। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों को देखें तो राजस्थान के श्रीगंगानगर में इस साल तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि राजस्थान समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी का कारण ग्लोबल वार्मिंग है। मनुष्य द्वारा लंबे वक्त से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ जारी है, जिन प्राकृतिक संसाधनों का मानव अपने जीवन में उपयोग कर रहा है उसकी अपेक्षा आधा भरपाई भी नहीं की जा रही है। यही कारण है कि अब मौसम में हलचल समय से पहले एवं पहले की अपेक्षा बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है।