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राजस्थान विवाद सुलझाने में जुटी कांग्रेस, जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार

राजस्थान में जुलाई में ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है...

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 23 July 2021 3:49 PM GMT
Rajasthan will soon expand the cabinet
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राजस्थान विवाद सुलझाने में जुटी कांग्रेस ( social media)

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है। अब जुलाई में ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। इसके लिए 27-28 जुलाई की तारीख तय कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक, इसी महीने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति भी हो जाएगी। पंजाब के बाद अब कांग्रेस राजस्थान के विवाद को सुलझाना चाहती है, जो लंबे समय से चल रहा है।

कांग्रेस लंबा नहीं खींचना चाहती विवाद

कांग्रेस पार्टी अब इस विवाद को और लंबा नहीं खींचना चाहती. इसके लिए कोई ऐसा बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है, जिससे दोनों पक्ष मान जाएं. इस फार्मूले में दोनों ही पक्षों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.

अशोक गहलोत दिल्ली का दौरा कर सकते हैं

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर सहमति बन गई है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी ने सहमति दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले एक-दो दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली का दौरा कर सकते हैं।

सचिन पायलट कैंप में सुलह का फॉर्मूला तैयार हो गया

इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आलाकमान का संदेश लेकर अजय माकन भी हो सकता है कि जयपुर आ जाएं. इस तरह से गहलोत और सचिन पायलट कैंप में सुलह का फॉर्मूला तैयार हो गया है. इसपर गहलोत की भी सहमति हो गई है.

पंजाब में कांग्रेस का विवाद हाल ही में खत्म हुआ

मालूम हो कि कई महीनों के बाद पंजाब में कांग्रेस का विवाद हाल ही में खत्म हुआ है। पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद भी नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाया है। सिद्धू की शुक्रवार को ताजपोशी भी हो गई है. अब कांग्रेस आलाकमान की नजर राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच चले आ रहे विवाद को सुलझाने पर है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राजस्थान के सियासी मसलों को जल्द से जल्द हल करना चाहती हैं।

एक साल से ज्यादा समय से चल रहा है विवाद

एक साल से ज्यादा समय से गहलोत वर्सेज पायलट का विवाद चल रहा है. इसके चलते पिछले साल जबर्दस्त सियासी संकट के आसार भी बने, लेकिन गहलोत चाणक्य नीति चलते हुए सियासी भंवर से पार हो गए। सचिन पायलट और उनके समर्थकों के हिस्से कुछ भी नहीं आया। त​ब से राजनीतिक नियुक्तियां और मंत्रिमंडल विस्तार भी अटका ही हुआ है।

Ragini Sinha

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