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Rahul Gandhi: हरियाणा-राजस्थान में नाराज विधायकों को मनाएंगे राहुल, राज्यसभा चुनाव से पहले करेंगे मुलाकात
Rajya Sabha Elections 2022 : हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul gandhi) जल्द बिश्नोई समेत अन्य विधायकों की नाराजगी दूर करने की मुहिम में जुटेंगे।
Rajya Sabha Elections 2022: हरियाणा और राजस्थान में हो रहे राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के नाराज विधायक पार्टी (angry Congress MLAs) के शीर्ष नेतृत्व के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं। इन दोनों ही राज्यों में भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवारों ने कांग्रेस नेतृत्व को चिंता में डाल रखा है। दोनों ही राज्यों मैं सेंधमारी से बचने के लिए कांग्रेस विधायकों को होटलों में रखा गया है मगर कई नाराज विधायक अभी तक होटलों में नहीं पहुंचे हैं।
हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul gandhi) जल्द बिश्नोई समेत अन्य विधायकों की नाराजगी दूर करने की मुहिम में जुटेंगे। राहुल गांधी विदेश का दौरे से दिल्ली लौट चुके हैं और अब वे जल्द ही इस काम में जुटेंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान होना है। इसलिए पार्टी नेतृत्व जल्द ही विधायकों की नाराजगी दूर करना चाहता है।
विधायकों की नाराजगी से फंसी माकन की सीट
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव हो रहे हैं और विधायकों के संख्या बल के आधार पर भाजपा और कांग्रेस को एक-एक सीट मिल सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक होने के कारण उसे एक सीट मिलने की संभावना जताई जा रही है मगर कुलदीप बिश्नोई और दो अन्य विधायकों की नाराजगी के कारण राहुल के करीबी माने जाने वाले अजय माकन की सीट फंस गई है।
हरियाणा के विधायकों को रायपुर के होटल में रखा गया है मगर वहां पार्टी के 28 विधायक ही पहुंचे हैं। कुलदीप बिश्नोई ने राहुल गांधी से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की बात कही है। ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल जल्द ही बिश्नोई से मुलाकात करके उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे।
निर्दलीय कार्तिकेय ने फंसाया पेंच
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकारों ने जीत का दावा तो जरूर किया है मगर हकीकत में तस्वीर वैसी नजर नहीं आती। भाजपा, जजपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे कार्तिकेय शर्मा ने अजय माकन की राह में कांटे बो दिए हैं।
पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा भी कांग्रेस विधायक हैं। यही कारण है कि कांग्रेस नेतृत्व चिंता में दिख रहा है। अब सबकी निगाहें राहुल गांधी और बिश्नोई की मुलाकात पर टिकी हैं। देखने वाली बात यह होगी कि राहुल कुलदीप की नाराजगी दूर करने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।
राजस्थान में भी कई विधायक नाराज
राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कमान संभालने के बावजूद कई विधायकों की नाराजगी अभी तक दूर नहीं हो सकी है। कांग्रेस नेतृत्व ने इस बाबत सचिन पायलट को दिल्ली भी तलब किया था।
कांग्रेस के कुछ विधायकों के साथ ही बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायक भी नाराज बताए जा रहे हैं। इन विधायकों का कहना है कि कांग्रेस में उन्हें वह सम्मान नहीं मिला, जिसके कि वे हकदार थे। उनका यह भी कहना है कि गहलोत ने उनके मुद्दों को सुलझाने का कभी गंभीरता से प्रयास नहीं किया।
हरियाणा में कांग्रेस के तीसरे प्रत्याशी प्रमोद तिवारी की सीट फंसी हुई है क्योंकि यहां पर मीडिया जगत के दिग्गज सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर रखा है। सुभाष चंद्रा को भाजपा का समर्थन हासिल है और वे कांग्रेस विधायकों में सेंधमारी की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्हें भाजपा की ओर से पूरी मदद भी मिल रही है।
ऐसे में गहलोत के लिए कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों को जिताना बड़ी चुनौती बन गया है। जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी राजस्थान के नाराज विधायकों से भी मुलाकात करके उनकी शिकायतें दूर करने की कोशिश करेंगे।
बाहरी उम्मीदवारों का मुद्दा गरमाया
राजस्थान में कांग्रेस की ओर से उतारे गए तीनों प्रत्याशी बाहरी हैं और इसे लेकर लेकर भी पार्टी के कुछ विधायकों में नाराजगी दिख रही है। कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा ने तीनों सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों को उतारने का मुद्दा उठाया था और इसे लेकर नाराजगी जताई थी। राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को उदयपुर स्थित एक रिसॉर्ट में रखा गया है, लेकिन अभी तक कांग्रेस के सभी विधायक वहां नहीं पहुंचे हैं। इसी कारण कांग्रेस नेतृत्व की चिंताएं बढ़ गई हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत का दावा है कि पार्टी के विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है और कुछ मुद्दों का समाधान जल्द ही कर लिया जाएगा मगर सच्चाई यह है कि कई विधायकों के तेवर पार्टी की चिंता बढ़ाने वाले साबित हुए हैं।
पार्टी हाईकमान की ओर से मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से नियमित संवाद किया जा रहा है मगर फिर भी पार्टी नेतृत्व अपने तीसरे उम्मीदवार की जीत को लेकर अभी तक आश्वस्त नहीं हो सका है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन विधायकों को एकजुट रखने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।