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सचिन पायलट ने बढ़ाई सीएम गहलोत की टेंशन!, राजस्थान से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस में मचा हड़कंप.. पढें ये खास रिपोर्ट...

Sachin Pilot Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर टकराव की स्थिति सामने आ गई है। राजस्थान कांग्रेस में छिड़े सियासी घमासान के बीच मंगलवार को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पूर्व वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर एक दिन के अनशन पर बैठे है।

Suryakant Soni
Published on: 11 April 2023 2:16 PM GMT (Updated on: 11 April 2023 2:17 PM GMT)
सचिन पायलट ने बढ़ाई सीएम गहलोत की टेंशन!, राजस्थान से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस में मचा हड़कंप.. पढें ये खास रिपोर्ट...
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Sachin Pilot Rajasthan

Sachin Pilot Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर टकराव की स्थिति सामने आ गई है। राजस्थान कांग्रेस में छिड़े सियासी घमासान के बीच मंगलवार को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पूर्व वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर एक दिन के अनशन पर बैठे है। हालांकि, कांग्रेस ने इस कदम को लेकर सचिन पायलट को स्पष्ट चेतावनी दे दी है। पार्टी की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि इस तरह की किसी भी गतिविधि को स्वीकार नहीं किया जा सकता और ऐसा कोई भी कदम पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा। लेकिन इसको दरकिनार करते हुए पायलट ने शहीद स्मारक पर अपना अनशन शुरू कर दिया। चुनाव से ठीक 6 महीने पहले सचिन पायलट ने एक बार फिर सीएम गहलोत के साथ कांग्रेस आलाकमान की टेंशन बढ़ा दी। चलिए समझिए राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस के लिए सचिन पायलट क्यों है इतने जरुरी...

सचिन पायलट की बदौलत राजस्थान में कांग्रेस की वापसी!

राजस्थान में जब भी बड़े नेताओं की बात होती है तो प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत का नाम सबसे ऊपर आता है। लेकिन पिछली बार चुनाव (2013) में कांग्रेस सरकार सिर्फ 21 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने युवा नेता सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। फिर क्या था पायलट ने दिन-रात एक करते हुए प्रदेश में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई। प्रदेश के युवाओं के दिल पर राज करने वाले नेता के रूप में पायलट की छवि का फायदा 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। एक फिर भाजपा को हराकर राजस्थान में कांग्रेस अपनी सरकार बनाई।

सोशल मीडिया पर पायलट की जोरदार फैन फॉलोविंग:

सचिन पायलट की राजस्थान के साथ यूपी और हरियाणा में पकड़ काफी मजबूत है। युवाओं के बीच उनकी एक खास छवि बनी हुई है। सोशल मीडिया पर पायलट की काफी जोरदार फैन फॉलोविंग देखने को मिलती है। उनके प्रशंसक उनकी फोटो और पोस्ट को चंद समय में खूब लाइक और शेयर भी करते है। देश की राजनीति में एक जाना माना चेहरा भी सचिन पायलट को माना जाता है। ये राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बेहद करीब माने जाते हैं।

2018 में टोंक विधानसभा सीट से लड़ा चुनाव:

सचिन पायलट राजस्थान में सीएम गहलोत के बाद कांग्रेस में नंबर-2 पर माने जाते हैं। 2018 में सचिन पायलट ने टोंक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। वो यहां से भारी मतों से जीतकर एक बार फिर विधानसभा पहुंचे। उसके बाद उन्हें राजस्थान सरकार में डिप्टी सीएम नियुक्त किया। लेकिन इसके बाद सीएम गहलोत के साथ उनका मनमुटाव हो गया। फिर राजस्थान कांग्रेस दो हिस्सों में नज़र आने लग गई। सचिन पायलट ने भी बगावती तेवर अपनाए थे। मुख्यमंत्री की कुर्सी की खातिर सचिन पायलट अपने समर्थित विधायकों के साथ राजस्थान से बाहर मानेसर के एक होटल में जाकर ठहर गए थे।

पायलट के बिना राजस्थान में सरकार बनाना काफी मुश्किल!

राजनीति के जानकारों की मानें तो राजस्थान में सीएम गहलोत के बाद सचिन पायलट की भी पकड़ काफी अच्छी है। प्रदेश की कुल 40-50 सीटों पर पायलट का जादू देखने को मिलता है। ऐसे में उन सीटों पर बिना पायलट के साथ कांग्रेस के लिए जीत बेहद मुश्किल है। अगर पायलट को आगामी चुनावों से पहले तक ऐसे ही अनदेखा किया गया तो वो आने वाले समय में कोई और बड़ा कदम उठा सकते हैं। बहरहाल, सचिन पायलट ने पिछले 3-4 सालों से कांग्रेस आलाकमान की बातों को मानते हुए काफी संयम दिखाया है। ऐसे में आने वाले समय में प्रदेश के इन दोनों बड़े नेताओं के बीच सुलह का कोई रास्ता निकल सकता है।

भाजपा कर सकती है बड़ा खेल!

राजस्थान भाजपा की भी इस मामले में पूरी नज़र टिकी हुई है। हाल ही में भाजपा ने भी अपने प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव किया है। पिछले करीब तीन साल से राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को हटाकर सांसद सीपी जोशी को यह जिम्मेदारी सौंपी है। अब भाजपा गहलोत-पायलट की आपसी अंतर्कलह पर कोई बड़ा खेल कर सकती है।

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