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Army Truck Accident: राजस्थान के तीन जवान शहीद, एक का 10 महीने बाद होना था रिटायरमेंट

Sikkim Army Truck Accident: शुक्रवार को सिक्किम में हुए ट्रक हादसे ने 16 वीर जवानों का जीवन छीन लिया। इस घटना ने देश के साथ-साथ राजस्थान के भी तीन जवानों को छीन लिया।

Bodhayan Sharma
Published on: 24 Dec 2022 2:00 PM IST
sikkim accident
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sikkim accident (Pic: Social Media)

Sikkim Army Truck Accident: शुक्रवार को सिक्किम में हुए ट्रक हादसे ने 16 वीर जवानों का जीवन छीन लिया। चार घायलों को हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर उपचार शुरू किया गया। राष्ट्रीय पटल पर इस खबर ने सबको झकझोर दिया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री समेत सभी ने इस घटना को दुखद बताया। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राहत कोष से सहायता देने की बात भी कही, जिसमें प्रत्येक शहीद के परिजनों को 2 - 2 लाख रूपये और घायलों को 50 – 50 हज़ार देने की घोषणा की है। इस घटना ने देश के साथ-साथ राजस्थान के भी तीन जवानों को छीन लिया।

सेना अधिकारीयों ने बताया कि सुबह सेना के तीन वाहन चटन से थन्गू के लिए रवाना हुए थे। रास्ते में एक तीखे मोड़ पर ट्रक फिसल कर गहरी खाई में लुढक गया। इसके बाद चार घायल जवानों को वहां से रेस्क्यू कर इलाज़ के लिए अस्पताल पहुँचाया गया। इसी हादसे में राजस्थान के भी तीन जवान शामिल थे, जिनमें से एक जवान जैसलमेर, एक झुंझुनू और एक जवान जोधपुर एक निवासी थे. सभी जवानों के घर सूचना मिलते ही मातम छा गया। इन जवानों में से एक जवान 5 दिन पहले ही अपने घर से छुट्टी पूरी कर के वापिस ड्यूटी पर लौटे थे।

राजस्थान के तीन सपूत

जैसलमेर के जोगा गाँव के सूबेदार गुमान सिंह, जोधपुर के सूखाराम और झुंझुनू के मनोज कुमार यादव देश के लिए शहीद हो गए। सूबेदार गुमान सिंह 5 दिन पहले ही अपनी छुट्टी पूरी करने के बाद वापिस ड्यूटी पर गए थे। सिक्किम में उनकी पोस्टिंग थी। 27 साल पहले सेना में भर्ती हुए गुमान सिंह 10 महीने बाद ही रिटायर होने वाले थे। गुमान सिंह के पिता किसान थे। गुमान सिंह के 5 बच्चे हैं, जिनमें 3 लड़कियां और दो लड़के हैं। बच्चों में 15 वर्षीय प्रहलाद सिंह, जयश्री जिसकी उम्र 13 वर्ष है, चंचल 10 वर्ष की हैं और निशान सिंह और सबसे छोटा सुनील क्रमशः 8 और 5 वर्ष के हैं। इनके बड़े भाई भी आर्मी से ही रिटायर हैं। घर में माँ और पत्नी हैं जिनसे मिलने के बाद फिर से ड्यूटी पर गए थे। गाँव जोगा में मातम पसरा है। जैसलमेर और राजस्थान में इस घटना के बाद से पार्थिव देह को देखने के लिए घड़ियाँ गिनी जा रही हैं।

राजस्थान का झुंझुनू वो जिला है जहाँ के लगभग हर तीसरे घर में सेना में कोई न कोई कार्यरत है या परिवार में कोई न कोई सेना से रिटायर हो चुका है। झुंझुनू इसी लिए जाना जाता है। झुंझुनू का माजरी गाँव जो पचेरी थाने के अंतर्गत आता है, वहाँ के मनोज कुमार यादव। इनके परिवार में पिता जगदीश प्रसाद यादव, मनोज के बड़े भाई प्रमोद जो बीएसएफ में हैं, जिनकी हालिया तैनाती बांग्लादेश सीमा पर है, पत्नी ज्योति और एक बेटी अवनी है। पेट्रोल पंप पर काम करने वाले पिता जगदीश प्रसाद को जैसे ही पता चला उन पर बिजली सी गिर गई। ज्योति से मनोज की शादी 2018 में ही हुई थी, इससे उनके एक बेटी हुई। अभी 1 महीने की छुट्टी पर घर आए हुए थे, 7 नवम्बर को सबसे मिल कर वापिस पोस्ट पर पहुंचे। मनोज कुमार का पूरे परिवार के साथ ये आखिरी मिलना हुआ था।

एक दिन पहले ही हुई मनोज से माँ की बात

एक दिन पहले ही गुरुवार को मनोज ने अपनी माँ से फ़ोन पर बात की और कहा था कि वो फरवरी में छुट्टियों पर घर आएगा। मनोज की अरुणाचल में पोस्टिंग थी। फ़ोन पर माँ को मनोज ने कहा था कि वो कल दूसरी पोस्ट पर जाएंगे। इस दुर्घटना की जानकारी पहले बड़े भाई मनोज को दी गई थी उसके बाद भाई ने पिता को ये दुखद सूचना दी।

रविवार को पहुंचेगे पार्थिव देह

जानकारी के अनुसार रविवार को तीनों पार्थिव देह गाँवों में ससम्मान लाए जाने की संभावना है। पहले हवाई मार्ग से जयपुर या दिल्ली लाए जाएंगे, फिर वहाँ से झुंझुनू, जोधपुर और जैसलमेर ले जाया जाएगा। उसके बाद गार्ड ऑफ़ ऑनर के साथ सेना द्वारा सम्मान दिया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए कई नेताओं के साथ स्थानीय लोग शामिल होंगे। अंतिम विदाई, आखिरी सलाम देने आसपास के गाँव से भी लोग आएँगे और इन वीरों को श्रद्धांजलि देंगे।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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