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रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी मामला, उदयपुर में 2 नर्सिंग स्टाफ गिरफ्तार, जानें पूरी खबर
शुक्रवार को पुलिस ने उदयपुर के पेसिफिक हॉस्पिटल के दो नर्सिंग कर्मियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
उदयपुर : देश में कोरोना (Corona) के नए केस (New Case) से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना के इलाज में कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के खिलाफ उदयपुर पुलिस ( Udaipur Police) की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही। पुलिस ने शुक्रवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में चार युवकों को गिरफ्तार किया। जिन्होंने उदयपुर के पेसिफिक हॉस्पिटल से 92 से रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir) चुराकर जरूरतमंद लोगों को ऊंचे दाम में बेचे थे। इस कार्रवाई में पुलिस ने पेसिफिक हॉस्पिटल(Pacific Hospital) के नर्सिंग कर्मी हरगोविंद और वसीम समेत उदयपुर के अरावली हॉस्पिटल में कार्यरत रेडियोग्राफर चिराग कलाल और दलाल विकास जाट को गिरफ्तार किया है।
शुक्रवार को पुलिस ने उमरडा इलाके में स्थित पेसिफिक हॉस्पिटल के दो नर्सिंग कर्मियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आए इंजेक्शन इन्होंने चोरी कर लिए और 92 इंजेक्शन बाजार में दलालों को ऊंचे दामों पर बेच दिए।
इंजेक्शन की दलाली
उदयपुर एसपी ने बताया कि इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में पेसिफिक हॉस्पिटल के नर्सिंगकर्मी हरगोविंद और वसीम के साथ इंजेक्शन की दलाली कर रहे निजी हॉस्पिटल में कार्यरत रेडियोग्राफर चिराग और विकास को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को इंजेक्शन नहीं लगा कर उनकी चोरी कर लेते थे। गिरफ्तार हुए दोनों नर्सिंग कर्मियों की ड्यूटी कोविड आईसीयू वार्ड में ही लगी थी। इसी के चलते यह मरीजों को इंजेक्शन लगाने के बजाय उसे चुरा कर दलालों को ऊंचे दामों में बेच देते थे। दोनों नर्सिंग कर्मी मरीज को इंजेक्शन नहीं लगाते, जबकि रिकॉर्ड में मरीज को इंजेक्शन लगा हुआ दिखा देते।
यही नहीं एक मरीज को 6 इंजेक्शन लगाने होते हैं, ऐसे में यह नर्सिंग कर्मी मरीज को महज तीन या चार डोज देते और बाकी बचे दो तीन डोज चोरी कर लेते थे। दोनों नर्सिंग कर्मी दलालों को इंजेक्शन बेचते थे और यह दलाल गीतांजलि सहित अन्य हॉस्पिटल के डॉक्टर और स्टाफ के जरिए कई गुना ऊंचे दाम पर मरीजों के मजबूर परिजनों को बेचकर कालाबाजारी करते थे।
इंजेक्शन चुराकर सप्लाई करने का खुलासा
इस पूरे गिरोह का खुलासा डीएसटी टीम और हिरणमगरी थाना पुलिस द्वारा 2 दिन पूर्व की गई कार्रवाई के बाद हुआ। उसमें गीतांजलि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर पकड़े गए थे, जो करीब 35000 रुपए में इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे थे। दोनों की गिरफ्तारी के बाद इंजेक्शन की चोरी, दलाली और कालाबाजारी करने वाले बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। गीतांजलि के डॉक्टर अबीर खान और एमबीबीएस स्टूडेंट मोहित पाटीदार की गिरफ्तारी के बाद ही इंजेक्शन की सप्लाई करने वाला रेडियोग्राफर चिराग पकड़ में आया और उससे पूछताछ में ही उमरडा स्थित पेसिफिक कॉलेज के नर्सिंग कर्मियों द्वारा इंजेक्शन चुराकर सप्लाई करने का खुलासा हुआ।