Udaipur Kanhaiya Lal Murder: कानून व्यवस्था संभालने में विफल सीएम गहलोत, लगातार घट रही घटनाएं

Udaipur Kanhaiya Lal Murder: राज्य में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं सामने आ रही हैं। 17 दिसंबर 2018 को सरकार के गठन के बाद अब तक आधा दर्जन से ज्यादा सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 28 Jun 2022 4:44 PM GMT
CM Gehlot failed to handle law and order, communal incidents are happening continuously
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत-उदयपुर दर्जी हत्या मामला : Photo - Social Media

Udaipur Kanhaiya Lal Murder: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर कहा जाता है, क्योंकि सियासत में आने से पहले वह जादूगरी दिखाने का काम करते थे। ये गहलोत ही थे जिन्होंने अपने सियासी सूझबूझ के बदौलत राजस्थान को मध्य प्रदेश नहीं बनने दिया। वह न केवल युवा नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के तख्तापलट की कोशिश को नाकामयाब करने में सफल रहे बल्कि उन्हें सरकार और संगठन से भी दूर करने में सफल हुए। हालांकि, राजस्थान सीएम का यह कुशल राजनीतिक प्रबंधन उनके गवर्नेंस में दूर –दूर तक नहीं दिखता है।

राजस्थान के उदयपुर में एक 8 साल के बच्चे के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उसके पिता की नृशंस कर देने का मामला गरमाता जा रहा है। पेशे से टेलर मृतक कन्हैयालाल तेली की हत्या के बाद नाराज लोग सड़क पर उतर गए हैं।

तभी तो एक के बाद एक करके राज्य में सांप्रदायिक तनाव (communal tension) की घटनाएं सामने आ रही हैं। 17 दिसंबर 2018 को सरकार के गठन के बाद अब तक 3 साल के कार्यकाल में आधा दर्जन से ज्यादा सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो चुकी हैं जो कि सरकार के लिए चिंता का विषय है। अकेले साल 2022 में ही सांप्रदायिक घटनाओं के तीन बड़े मामले सामने आ चुके हैं। गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री के साथ–साथ गृहमंत्री भी हैं। ऐसे में उनपर सवाल उठना लाजिमी है।

गहलोत सरकार के कार्यकाल की बड़ी सांप्रदायिक घटनाएं

जयपुर - अगस्त 2019 में कांवड़ यात्रा के दौरान सुभाष चौक और जयपुर दिल्ली हाईवे पर दो समुदायों में झगड़े के बाद तनाव।

मालपुर - टोंक जिले मालपुरा कस्बे में अक्टूबर 2019 में दशहरे के जुलूस के दौरान दो समुदायों में जमकर पथराव के बाद जमकर सांप्रदायिक तनाव।

छबड़ा - बारां जिले के छबड़ा कस्बे में कुछ मुस्लिम युवकों ने दो हिंदू व्यापारियो पर चाकू और तलवार से हमला कर दिया था, जिस पर बवाल खड़ा हो गया था। अप्रैल 2021 में हुई इस घटना से इलाके में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। काफी कोशिश के बाद हालात नियंत्रण पर आ पाए थे।

मांडल- भीलवाड़ा जिले के मांडल में मंदिर का ताला टूटने पर दो समुदाय आमने – सामने हो गए थे। जिससे इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। यह घटना मार्च 2022 की है।

करौली - इसी साल 2 अप्रैल को करौली में हिंदू नव वर्ष के जुलूस के दौरान निकाली गई एक बाइक रैली पर पथराव किया गया था। जिसका बाद वह इलाका रणक्षेत्र में तब्दिल हो गया। दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी हुई है। कई वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था। इस उपद्रव में 35 लोग घायल हो गए थे।

जोधपुर- इसी साल 2 मई और 3 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहजिले जोधपुर में ईद के मौके पर खासा बवाल हुआ था। यह विवाद दोनों पक्षों के बीच झंडा लगाने को लेकर हुआ। दो दिन तल चले उपद्रव में जमकर पत्थरबाजी हुई। हिंसा के बाद प्रशासन ने दस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया था। पुलिस ने 250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

इसके बाद अब ताजा मामला उदयपुर (Udaipur case) का है, जहां एक टेलर की सिर्फ इसलिए हत्या (Udaipur tailor murder case) कर दी जाती है क्योंकि उसके 8 साल के बेटे ने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी गहलोत सरकार की किरकिरी करवाई है। राजस्थान में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में राज्य की लचर कानून व्यवस्था मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भारी पड़ सकती है।

Shashi kant gautam

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