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राजस्थान में BJP की कलह खुलकर आई सामने, वसुंधरा ने दिखाए तीखे तेवर, बीच में ही छोड़ दी बैठक

Vasundhara Raje News: बैठक के तीसरे सत्र में वसुंधरा राजे का भाषण भी होना था मगर नाराज वसुंधरा बीच में ही बैठक छोड़कर चली गईं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 16 Jun 2022 3:52 AM GMT
Vasundhara Raje
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वसुंधरा राजे (photo: social media )

Vasundhara Raje News: राजस्थान में विभिन्न गुटों में बंटी भाजपा की आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की नाराजगी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए बड़ी मुसीबत बनती जा रही है। भाजपा (BJP) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बुधवार को कोटा (Kota) में गुटबाजी के चलते जमकर हंगामा भी हुआ। बैठक के तीसरे सत्र में वसुंधरा राजे का भाषण भी होना था मगर नाराज वसुंधरा बीच में ही बैठक छोड़कर चली गईं।

हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को हार का मुंह देखना पड़ा था। चुनाव के दौरान भी पार्टी पूरी तरह एकजुट नजर नहीं आई थी। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले पार्टी के नेता आपस में भिड़े हुए हैं। जानकारों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से नितिन गडकरी या किसी अन्य वरिष्ठ नेता को राज्य में चुनाव प्रभारी बनाकर वसुंधरा को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

नड्डा नहीं खत्म करा चुके गुटबाजी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक राजस्थान भाजपा की गुटबाजी दूर नहीं हो सकी है। राज्य में पार्टी वसुंधरा के समर्थक और विरोधी खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है। दरअसल वसुंधरा के समर्थक उन्हें भाजपा की ओर से सीएम का चेहरा घोषित किए जाने का दबाव बना रहे हैं। दूसरी ओर वसुंधरा विरोधी खेमे को यह कदम स्वीकार नहीं है। इसी कारण राज्य भाजपा में लंबे समय से खींचतान चल रही है।

राज्य भाजपा में दोनों खेमों के बीच खींचतान दूर करने के लिए पार्टी नेतृत्व की ओर से सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरने की बात कही जा रही है। नड्डा ने अपनी पिछली राजस्थान यात्रा के दौरान इस बात का स्पष्ट संकेत भी दिया था मगर इसके बावजूद दोनों गुटों के बीच तकरार खत्म होती नहीं दिख रही है।

भाषण दिए बिना चली गईं वसुंधरा

कोटा में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान पार्टी के आंतरिक कलह एक बारे में खुलकर सबके सामने आ गई। राजे के बैठक में पहुंचने पर उनके मीडिया एडवाइजर और पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड की एंट्री को लेकर खूब बहस हुई। वसुंधरा समर्थक माने जाने वाले पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को बैठक में न घुसने देने पर भी हंगामा हुआ।

बैठक के तीसरे सत्र में वसुंधरा राजे के संबोधन के लिए 25 मिनट का वक्त रखा गया था। वसुंधरा राजे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हाल में 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा और केंद्र सरकार की ओर से घोषित अग्निपथ योजना पर संबोधन देना था मगर संबोधन से पहले ही वसुंधरा राजे बैठक छोड़कर चली गई।

वसुंधरा के बैठक छोड़कर जाने के बाद सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया।

बैठक में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी मौजूद थे। इस बाबत नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बैठक छोड़कर जाने के बाद वसुंधरा बैठक में नहीं आईं। उन्होंने कहा कि बैठक छोड़कर जाने के कारणों को वसुंधरा ही स्पष्ट कर सकती हैं।

गडकरी को सौंपी जा सकती है कमान

राजस्थान में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई थी। वसुंधरा के गृह क्षेत्र धौलपुर से विधायक शोभारानी कुशवाह ने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी। पार्टी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। पार्टी में लंबे समय से चल रही खींचतान पार्टी नेतृत्व के लिए चिंता का विषय बन गई है।

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब पार्टी की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी या किसी अन्य वरिष्ठ नेता को चुनाव प्रभारी के तौर पर राज्य की कमान सौंपी जा सकती है। गडकरी पूर्व में भी वसुंधरा राजे का केंद्रीय नेतृत्व से टकराव समाप्त करा चुके हैं। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी नेतृत्व जल्द से जल्द पार्टी की गुटबाजी को खत्म कराने की कोशिश में जुटा हुआ है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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