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इन गलतफहमियों से GIRLS की सेक्सुअल लाइफ होती है बर्बाद, जानें इससे जुड़ी ये बात
इंसान का युवावस्था होता है- उसके ख्वाब को सजाने नए नए सपने देखने का और होता विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण का। वो कही का भी इंसान हो और किसी भी जेंडर का युवावस्था में आकर्षण पैदा होना आमबात है।
लखनऊ : इंसान का युवावस्था होता है- उसके ख्वाब को सजाने नए नए सपने देखने का और होता विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण का। वो कही का भी इंसान हो और किसी भी जेंडर का युवावस्था में आकर्षण पैदा होना आमबात है। लड़के हो या लड़कियां युवावस्था में यौन संबंधों के लिए जानने की इच्छा प्रबल होती है।
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यौन संबंध को लेकर धारणाएं
खासकर लड़कियों में चाहे वो दुनिया के किसी कोने की हो यौन संबंधों को लेकर उनके मन में कई धारणा बनती है कि सेक्स या संभोग के दौरान दर्द होगा। ये बात उनके मन यौन शिक्षा से आती है या आस पड़ोस में रहने वाली दीदी, भाभी, दोस्त और मां के जरिए।
यौन संबंध के दौरान खून निकलने का उनके मन में डर बना रहता था कि सेक्शुअल ट्रांसमिशन संक्रमण से भी दो चार होना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, गर्भवती होने पर युवतियों को प्रसव पीड़ा भी होती है।
लेकिन इसके विपरीत सेक्स को लेकर लड़कों में ऐसी बातें नहीं होती हैं। वो इस के लिए उत्तेजना और ऑर्गेजम की बात करते हैं। वहीं लड़कियों के मन में सेक्स कई तरह के डर बनाता हैं। महिलाएं इस बात को मानकर चलती हैं कि दर्द होना ही है। ऐसा नहीं है कि इस दर्द का डर उन्हें केवल पहले सेक्स में होता है।
ऐसे किया अनुभव पार्टनर सही होना जरुरी
इस संबंध में 24 साल की जेस कहती हैं कि उन्हें नहीं पता है कि सेक्स में दर्द और उदासी से कैसे बचा जाए। इसके लिए उन्होंने कहा, ' कि वो सेक्स के बारे में जो कुछ सुना था उससे काफी तनाव में थी। वो काफी सतर्क थी। वो ऑर्गेजम को लेकर कई तरह गलत बातों मे फंसी थी। जेस ने कहा कि उन्हे बताया गया था कि सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है और इसे न चाहते हुए भी स्वीकार करना पड़ा था।' उन्होंने कहा, 'वो एक सतर्क और शिष्ट पार्टनर को चुना। इसके साथ ही वो शारीरिक संबंधों को लेकर खुद ही कई चीजों की पड़ताल की। अगर पार्टनर ठीक है तो दर्द जैसी बात बिल्कुल गलत है।
जानकारी का आभाव
यूट्यूब चैनल पर सेक्स से जुड़़ी हर बात पर हनाह विटन चर्चा करती हैं। वो कहती है कि महिलाओं को सेक्स के दौरान दर्द का सामना इसलिए नहीं करना पड़ता है कि सेक्स में दर्द होता है। बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें ये नहीं जानकारी होती कि अच्छा यौन संबंध कैसे बनता है।
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कुछ ऐसा कहते हैं विशेषज्ञ
*अमेरिकी रिसर्चर सारा मैकलैंड ने मेल और फीमेल से पूछा था कि उनके लिए सेक्स में सेटिस्फेक्सन का मतलब क्या है इस सवाल पर मेल पर्सन का जवाब था- पार्टनर की उदासीनता और फीमेल का जवाब था दर्द।
*किम लोलिया लंदन स्थित सेक्स एजुकेशन सर्विस की संस्थापक है। किम कहती हैं, 'जब महिलाएं दर्द महसूस करती हैं तो वो चुपचाप सह लेती हैं। वो बोलती नहीं हैं। जब इन्हें दर्द होता है तो लगता है कि इनमें ही कोई दिक्कत है। ये डरी रहती हैं कि कहीं उनका पार्टनर बुरा तो नहीं मान जाएगा।
संबंधों को लेकर क्या सोचती हैं *अगर शारीरिक संबंध के समय दर्द हो तो यह समस्या गंभीर है। रॉयल कॉलेज ऑफ आब्स्टिट्रिशन एंड गाइनकॉलजिस्ट (आरसीओजी) की प्रवक्ता स्वाति झा कहती हैं, 'वजाइना में दर्द खरोंच और एसटीआई के कारण होता है। ये लेटेक्स कॉन्डम और साबुन के कारण भी जलन होती है।'
*यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लास्गो के सीनियर रिसर्च फेलो डॉ कृस्टिन मिशेल कहती हैं कि सेक्स में दर्द का संबंध पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक और सामाजिक है। वो 2017 में एक स्टडी की थी और पाया कि ब्रिटेन में 16 से 24 साल की उम्र वाली लड़कियों में से 10 फीसदी लड़कियों को सेक्स में दर्द का सामना करना पड़ता है।
इन सब बातों को जानने ते बाद कहा जा सकता है कि संबंधों में खुशी, उल्लास और संतुष्टि के लिए सेक्स के संबंध में जागरूकता होनी जरूरी है। इसके लिए यौन शिक्षा भी जरूरी है।