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Best Parenting Tips In Hindi: बिजी लाइफ में कैसे बच्चों के साथ करें क्वालिटी टाइम स्पेंड, अपनाएं ये तरीके
Highlights-Best Parenting Tips In Hindi: बिजी शेड्यूल के चलते आप के पास कम समय है और आप अपने बच्चों के साथ कम वक्त में क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं तो हम आपके लिए लाए हैं कुछ टिप्स जिसे आप अपने रोजमर्रा की लाइफ में अपनाकर बच्चों के साथ वक्त बिता सकते हैं।
एक साथ करें डिनरBest Parenting Tips In Hindi: ज्यादातर घरों में देखा गया है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। चाहे वर्क फ्राम होम(work from home me kaise bachon ko de samay) हो या ऑफिस दोनों ही समय उनका शेड्यूल बिजी ही रहता है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को सही सीख या देखरेख(bacchon ki dekh rekh kaise kare) नहीं करेंगे तो वे गलत रास्ते पर भी जा सकते हैं।
एक सर्वे के अनुसार ऐसा देखा गया है कि बच्चे चाहते हैं कि उनके माता-पिता उनसे लगाव रखें उनसे बात करें लेकिन ऐसा न होने पर बच्चे अवसाद(Bacchon me depression ke karan) के शिकार हो जाते हैं। लेकिन अपने बच्चे को इससे बचाने के लिए पैरेंट्स पूरे दिन में आधे घंटे अपने बच्चे के लिए वक्त निकाल सकते(bacchon ke liykaise nikale time) हैं। जिससे बच्चे सही राह पर चलने के साथ साथ माता पिता के करीब भी रहेंगे।
कम से कम समय में इमोशनली और साइकोलॉजिकली तरह से आप बच्चों से जुड़ पाएं जो आपके बच्चें को पावरफुल और जीनीयस बनाने(bacchon ko genius kaise banaye) में हेल्प कर सकता है। तो आइये जानते हैं कि कैसे आप व्यस्त होते हुए भी आप बच्चों को क्वालिटी समय(bacchon ko kaise de quality samay) दे पाएंगे-
1- सुबह करें ये काम(Parents Morning Routine)
जब बच्चा सुबह उठता है उस समय आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए-
ये करें(Parents Kya Kare)
जब आपका बच्चा सुबह उठने वाला हो उस समय आप 2 मिनट बच्चे के पास लेट जाएं। उन्हे दुलारें, पुचकारें और प्यार करें। क्योंकि सुबह सुबह बच्चे भावुक होते हैं इस समय आप अपने बच्चे के साथ 5 मिनट क्वालिटी टाइम स्पेंड(quality time spend) कर सकते हैं। उसके माथे और पीठ को सहलाकर उसे प्यार से जगाएं। यकीन मानिए ऐसा करने से आपका बच्चा झट से जग जाएगा और एक्टिव भी तुरंत हो जाएगा।
ये न करें(Parents Kya Na Kare)
सुबह सुबह बच्चे पर चिल्लाए नहीं, ना ही डांट के साथ उसके दिन की शुरूआत करें। और उसे न ही कमेंट करें कि कुम्भकरण की नींद है इसकी अभी तक सो रहा है। या किसी दूसरे के साथ उसकी तुलना भी न करें। ऐसा करने से बच्चे में हीन भावना के साथ आपका बच्चा चिड़चिडा भी हो जाएगा। साथ ही ये भी हो सकता है कि वह आपसे दूरी बनाने लगे कि इनको तो गुस्सा करने के अलावा कुछ और आता ही नहीं है।
2- लंच या डिनर के समय क्या करें
लंच या डिनर के वक्त कोशिश करें कि सब लोग एक साथा खाना खाएं। अगर लंच के समय पॉसिबल नहीं है तो आप डिनर (रात का खाना) के समय तो जरूर ही एक साथ खाना खाएं। ये इसलिए इंपॉरटेंट है क्योंकि यही सही समय है बातों को शेयर करने के लिए।
मम्मी, पापा, दादा, दादी या भाई बहन सभी टेबल पर एक साथ बैठकर एक दूसरे को खाना सर्व करते हुए अपने पूरे दिन की बातें शेकर करें जो पॉजिटिव वे(Way) में हों। तभी आपका बच्चा भी आपसे अपनी बातें शेयर करेगा। जैसे स्कूल में क्या हुआ, टीचर ने क्या पढ़ाया और दोस्तों के साथ दिन कैसा बीता। इससे आप अपने बच्चों को समय देने के साथ साथ बच्चें के मन की बात भी जान जाएंगे। और सबसे बड़ी बात कि आपके बच्चें में झिझक की भावना खत्म हो जाएगी। और बच्चा अपनी परेशानी खुल के आपको बता पाएगा।
ये करें(Parents Kare Ye Kaam)
जब आपका बच्चा कुछ बता रहा हो तब उसकी बातों को ध्यान से सुनें और समझें। क्योंकि आप समझा तो बाद में भी सकते हैं। लेकिन इस समय आप शेयरिंग का माहौल बनाएं ताकि अपका बच्चा खुल कर बात कर सके।
ये न करें(Parents Kya Na Kare)
जब आपका बच्चा कोई बात शेयर कर रहा हो तब उसे बीच में टोंके नहीं और न ही समझाएं। बल्कि उसे बात को कंपलीट करने का मौका दें।
3- रात में सोने से पहले करें ये काम
रात का जो समय होता है वो समय मोटीवेशन और इंस्पायर करने का वक्त होता है। रात में सोने से पहले थोड़ा समय निकाल कर अपने बच्चे के पास बैठें और ये काम करें
करें ये काम(Parents Kare Ye Kaam)
5 से 10 मिनट का वक्त निकाल कर आप अपने बच्चे के पास बैठें। और अगर आपका बच्चा छोटा है तो उसे मोटीवेट(bacchon ko kare motivate) करे वाली कहानी सुनाएं, अपनी सभ्यता से परिचत कराएं। बहुत सी ऐसी कहानियां हैं जो हम बचपन में अपनी दादी नानी से सुना करते थे। उसे अच्छी अच्छी बातें सिखाएं कि कैसे बड़ों का सम्मान करते हैं, कैसे अपने दादा या दादी के साथ रहते हैं वगैरह वगैरह।
और अगर आपका बच्चा टीनऐजर है तो उसे सक्सेजफुल व्यक्ति के बारे में बताएं। कुछ सक्सेजफुल व्यक्ति के इंसीडेंट के बारे में बताएं। उसे उसके लक्ष्य से संबंधित बात करें। ताकि जब आपका बच्चा सोए तो उसके दिमाग में ये बाते चलें और वह भी प्रयास करे एक सक्सेजफुल इंसान बनने की।
ये न करें(Parents Kya Na Kare)
बच्चे को कोसे नहीं न ही दूसरे बच्चे से उसकी तुलना करें कि फलाने का बच्चा तो ये बन गया तुम कुछ नहीं कर सकते हो। क्योंकि आपके बच्चे में भी कोई न कोई टैलेंट जरूर होगा उसे तलाशें न की बातें सुनाएं। ऐसे में बच्चे आपकी बातों को इग्नोर करना शुरू कर देंगे इसलिए हर बात को प्यार से समझााने की कोशिश करें।
उम्मीद है आपको आज का मेरा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। इस लेख के माध्यम से पैरेंट्स को मोटीवेट करने का मकसद है। ताकि उनके बच्चे अपने जीवन में एक सफल मुकाम पर पहुंच सकें और पैरेंट्स भी दिए गये तरीकों को अपनाकर बच्चों के करीब आ सकें।