×

पैरेंटिंग टिप्स: सर्दी में नहलाते हैं अपने नवजात शिशु को तो इन बातों को भी जानें जरुर

suman
Published on: 6 Jan 2019 6:01 AM GMT
पैरेंटिंग टिप्स: सर्दी में नहलाते हैं अपने नवजात शिशु को तो इन बातों को भी जानें जरुर
X

जयपुर:पहली बार बने पेरेंट्स के लिए शिशु की देखभाल थोड़ा कठीन काम होता है, खासकर शिशु को सर्दियों में नहलाना। सर्दियों में पेरेंट्स अपने नवजात शिशु को नहलाने को लेकर ज्‍यादा परेशान होते हैं। क्‍योंकि सर्दियों के दौरान ठंड के कारण शिशु में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए वे अपने बच्चे को नहलाना चाहते हैं ताकि वो किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से बचे सकें। सर्दी के कारण शिशु को ठंड लगने का डर भी रहता है। इस तरह अधिकांश पेरेट्स के मन में ये सवाल उठता है कि उन्‍हें शिशु को नहलाना चाहिए या नहीं। सर्दियों में शिशु को नहलाना चाहिए या नहीं और नहलाते समय कौन सी बातों को ध्‍यान रखना चाहिए।

शिशु को नहाने के बारे में सोच रहे है तो समय का बहुत ध्‍यान रखें। सुबह और शाम के समय वातावरण में ठंड बढ़ जाती है। इसल‍िए जब पूरी धूप निकली हो, उस समय ही शिशु को नहलाएं। इससे ठंड नहीं लगेगी।त्वचा पर रैशेज से बचाने के लिए शिुश को नहलाने के बाद सबसे पहले सूती कपड़े पहनाएं। उसके बाद उसे वुलन पहनाएं। ऐसा ना करने पर त्वचा पर खुजली और निशान पड़ सकते हैं। जिससे आपका शिशु परेशान रहेगा।नहलाने से पहले अपने शिशु की तेल से मालिश करें। इसके लिए आप सरसों के तेल के अलावा ऑलिव ऑयल का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। हाथ और पैर की अच्छे तेल से मालिश करें ताकि सारी थकावट दूर हो जाए और वह अच्छी नींद ले पाए। एक और बात का ध्‍यान रखें। भले ही आप अपने शिशु को रोजाना नहीं नहलाए लेकिन कपड़े रोजाना बदलें ताकि कीटाणु से होने वाले इंफेक्‍शन का खतरा कम हो।

सर्दियों के मौसम में शिशु को रोज नहीं नहलाएं। सर्दियों में हफ्ते में दो से तीन बार ही नहलाएं। ठंड ज्‍यादा हो तो केवल स्पॉन्जिंग करके भी बेबी के शरीर को क्लीन कर सकती हैं। ध्यान रखें स्पॉन्जिंग के ल‍िए गुनगुने पानी का ही इस्‍तेमाल करें। ताकि शिशु को ठंड न लगे और इसके अलावा सफाई के लिए बेबी वाइप्स या साफ कॉटन के कपड़े का इस्तेमाल करें।

वास्तु दोष की वजह से भी होती है ये जानलेवा बीमारी,जानना है जरूरी

शिशु को नहलाने के लिए बहुत ज्‍यादा गर्म पानी के इस्‍तेमाल से बचना चाहिए। गर्म पानी से शिशु की त्‍वचा को नुकसान हो सकता है और नहाने के बाद शरीर का तापमान कम होने के कारण शिशु को ज्यादा ठंड लग सकती है।

सर्दी के मौसम में अगर ज्यादा गर्म पानी के इस्‍तेमाल से त्वचा रूखी हो सकती है। शिशु की त्‍वचा में मॉइश्चराजर बनाए रखने के लिए ये जरूरी नहीं है कि कोई केमिकल युक्‍त क्रीम या लोशन का इस्‍तेमाल करें। स्पॉन्ज के दौरान इस्तेमाल हो रहे पानी में ऑलिव ऑयल, नारियल या सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल सकती हैं।

जब भी शिशु को नहलाने जा रही हो तो उससे जुड़ी पूरी तैयार करके रख लें। उसके कपड़े तैयार रखें ताकि जल्दी से उसे आप कपड़े पहना सके शिशु को नहलाते समय जल्‍दबाजी न करें। शिशु को आराम से बातें करते हुए नहलाएं। नहलाने के तुरंत बाद उसे टॉवल में लपेटे और 1 से 2 मिनट बाद ही खोलें।

suman

suman

Next Story