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उमर 55 की हो या 75 की, दिल बच्चा रखिए और रिश्ते जवां
भारतीय परिवेश में एक आम धारणा है कि 50 साल की उम्र तक ग्रहस्थ जीवन इसके बाद वानप्रस्थ और 75 साल की उम्र के बाद संन्यास।
भारतीय परिवेश में एक आम धारणा है कि 50 साल की उम्र तक ग्रहस्थ जीवन इसके बाद वानप्रस्थ और 75 साल की उम्र के बाद संन्यास। लेकिन आधुनिक मेडिकल साइंस इसे नहीं मानती है। सेक्स एजुकेटर पल्लवी बरनवाल का मानना है कि सेक्स जीवन शैली में एक अहम रोल निभाता है, बस सुरक्षित और रजामंदी से संबंधों का नियम जिंदगी में अपनाए रखना चाहिए।
जिंदगी की तीसरी और चौथी स्टेज पर सेक्स रहित
भारतीय समाज में तो सेक्स सिर्फ संतानोत्पत्ति के लिए करना ही उचित बताया गया है। इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जिंदगी की तीसरी और चौथी स्टेज को सेक्स रहित हो जाती है। यानी अधेड़ और बुजुर्ग लोगों को भोग विलास छोड़कर परिवार की जिम्मेदारी में जुटे रहना चाहिए और मन में भोग विलास का विचार लाए बिना ईश्वर की आराधना में लग जाना चाहिए। लेकिन सवाल ये है कि क्या सेक्स को उम्र बढ़ने के साथ अलविदा कहना सही है। क्या सेक्स शरीर और मन की जरूरत नहीं है, क्या स्त्री पुरुष का आकर्षण हमेशा बनी रहने वाली चीज नहीं है।
सेक्स के बारे में खुलकर बात करने से कतराते है लोग
भारत में तो यही नजरिया है कोई जवान बेटी या बेटा अपने माता पिता के सेक्स संबंधों के बारे मे सोच भी नहीं सकता। दादा दादी की सेक्स लाइफ भी हो सकती है यह तो बहुत दूर की बात है। लेकिन कामसूत्र जो भारत से निकलकर दुनिया में फैला। आज भारत में ही सेक्स के बारे में चर्चा अशिष्टता की परिधि में आ चुकी है कोई भी व्यक्ति इस पर खुलकर बात करने से कतराता है। कोई अधेड़ महिला या पुरुष शादी कर लेता है तो लोग ऐसे देखते हैं जैसे उसने कोई बहुत ही निकृष्ट काम कर दिया। जबकि 80 साल की हॉलीवुड एक्ट्रेस जूडी डेंच ने एक इंटरव्यू में कहा था, ''सेक्स और अंतरंगता जिंदगी की एक अहम जरूरत है, इसकी तमन्ना कभी कम नहीं होती।'' जबकि प्लेबॉय फाउंडर ह्यू हेफ्नर ने 86 की उम्र में ब्याह किया।क्या भारत में ऐसी शादियों की कल्पना आप कर सकते हैं, आपका जवाब शायद ना में हो।
बुजुर्ग सेक्सलेस लाइफ में तो आते हैं लेकिन...
सेक्स लाइफ पर इन बंदिशों की वजह से ही हमारे बुजुर्ग सेक्सलेस लाइफ में तो आ जाते हैं लेकिन मन से सेक्स निकाल नहीं पाते घर से बाहर सड़क पर कोई सुंदर लड़की दिख जाए तो उनके ख्यालों में छा जाती है जिससे जल्दी निजात नहीं मिल पाती। यही हाल महिलाओं का है 45-50 से ऊपर की महिलाओं से सेक्स के बारे में या जिस्मानी संबंधों के बारे में सवाल करें तो महिलाओं को हैरानी होती है। वह मन ही मन में सेक्स की भावना को दबाते हुए कहती हैं अरे अब हम बुज़ुर्ग हो गए हैं और हमारी उमर के हिसाब से ये गलत है।
प्रेम सिर्फ जवानों के लिए
भारतीय समाज में घर छोटे-छोटे हैं, कई बार माता पिता और बच्चों के साथ रह रहे दंपति को एकांत मिल ही नहीं पाता है अगर मिले भी तो ये डर लगा रहता है कि कहीं बच्चे न देख लें। अगर एक बुजर्ग दंपति गलबहियां डालकर या बहुत करीब सटकर पार्क में बैठा दिख जाए तो लोग मुंह बिचकाकर चल देते हैं, जैसे वह कोई बहुत ही घटिया काम कर रहा हो। प्रेम हमारे समाज में जवानों के लिए माना गया है इसीलिए फिल्मों के नायक हमेशा जवान दिखाए जाते हैं। लेकिन रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि सेक्स का उम्र से कोई रिश्ता नहीं है। सेक्सुअल क्रिया से आपके शरीर में ऑक्सीटोसिन और एनडॉर्फ़िन जैसे हॉर्मोन्स की वृद्धि होती है। ऑक्सीटोसिन तनाव को कम करने में सहायक होता है। यही नहीं ऑक्सीटोसिन उच्च रक्तचाप और हार्ट स्ट्रोक की संभावना को भी कम करता है। एनडॉर्फिन एक प्राकृतिक पेन किलर है जिससे शरीर में उठ रहा दर्द कम होता है। कमर का दर्द, जोड़ों का दर्द जैसी प्रौढावस्था की तकलीफें कम होती हैं।