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Reason of Love: प्यार दिल नहीं बल्कि दिमाग का है खेल, शोध में सामने आयी बात
Reason of Love: आपको जान कर यह हैरानी होगी कि प्यार ना नज़र और ना दिल से होता है बल्कि ये सारा खेल आपके दिमाग का खेल है।
Reason of Love: कहते हैं प्यार किया नहीं जाता बस हो जाता है। अब ये होता कैसे ये शायद ही आज तक कोई समझ पाया हो। एक-दूसरे के प्रति हद से ज्यादा आकर्षण प्यार की पहली सीढ़ी मानी जाती है। आशिकों की मानें तो प्यार में दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है। अपने साथी के बिना एक पल भी गवारा ना रहना भी प्यार के लक्षण ही हैं।
लेकिन आपको जान कर यह हैरानी होगी कि प्यार ना नज़र और ना दिल से होता है बल्कि ये सारा खेल आपके दिमाग में हो रहे केमिकल प्रोसेस का होता है। जी हां, एक शोध में यह बात सामने आयी है कि जब कोई किसी के प्यार में पड़ता है तब उस समय उसके ब्रेन में एक केमिकल प्रोसेस हो रहा होता है। जो दूसरे व्यक्ति के प्रति गहरा आकर्षण की इच्छाओं का फुल पिटारा होता है।
ब्रेन केमिकल प्रोसेस है प्यार
रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गयी कि प्यार का होना असल में एक ब्रेन केमिकल प्रोसेस होता है। हर व्यक्ति की अपने पार्टनर को लेकर अलग-अलग फीलिंग होती है। कहते हैं किसी के प्यार में पड़ने से ज्यादा खूबसूरत अहसास कुछ और नहीं होता है। जब आप किसी के प्यार में होते हैं तो ये पूरी दुनिया आपको बेहद खूबसूरत लगने लगती है। इसी खूबसूरत अहसास को प्यार का नाम दिया जाता है।
ये सारा खेल आपके दिमाग में चल रहे केमिकल प्रोसेस का ही होता है। यही रासायनिक प्रक्रिया आपको किसी के प्रति लगाव और झुकाव के लिए मज़बूर कर देती है। लेकिन क्रेडिट सारा दिल ले जाता है।
प्यार क्यों होता है?
नई रिसर्च में शोधकर्ताओं ने इस बात पर एक मत जताते हुए प्यार के लिए दिमाग के केमिकल प्रोसेस को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। तो इसका साफ़ मतलब है कि आप दिल के हाथों नहीं बल्कि दिमाग के हाथों मज़बूर होकर किसी के प्यार में जीने-मरने तक को तैयार हो जाते हैं। हर व्यक्ति के सोच-विचार और व्यवहार दूसरे से अलग होते हैं। तो ज़ाहिर सी बात है उनके दिमाग की संरचना भी अलग -अलग होगी। तो आइए जानने की कोशिश करते है कि प्यार क्यों होता है?
- दिमाग में चल रहे केमिकल प्रोसेस प्यार होने का मुख्य कारण माना जाता है।
- एक-दूसरे के नेचर और व्यवहार से जबरदस्त आकर्षित होना।
- एक- दूसरे की फीलिंग्स को समझना और उसकी इज़्ज़त करना।
- एक दूसरे के अंदर एक अच्छा और सच्चा दोस्त मिलना।
- अपनी गलत आदतों को दूसरे के लिए बदलना, या किसी के खातिर बदलना।
- अपोजिट सेक्स के प्रति गहरा आकर्षण महसूस होना।
- याद रखें आपका दिमाग हमेशा वो काम करना चाहता है जो करने की इज़्ज़ाज़त बमुश्किल से मिलती है। इसलिए अकसर इससे बचने वालों को ही ज्यादातर ये रोग या प्यार होता है। उनके ब्रेन में जबरदस्त केमिकल प्रोसेस उन्हें ऐसा करने पर मज़बूर कर देते हैं। इत्यादि।
जो भी हो प्यार के खूबसूरत अहसास से हर व्यक्ति जीवन में एक बार गुजरता जरूर है। कुछ लोगों को मंज़िल मिलती है, तो कुछ लोगों को नहीं तो वहीं कुछ लोग इसे खूबसूरत मोड़ पर छोड़ कर आगे बढ़ जाते हैं।
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