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Parents Day 2021 : कब मनाया जाता है पेरेंट्स डे, कैसे और कहां सबसे पहले हुई शुरुआत

Parents Day 2021 Kab Hai : पेरेंट्स डे जुलाई माह के चौथे हफ्ते के रविवार को होता है। इस साल पेरेंट्स डे 25 जुलाई को है। ये दिन बच्चों और पेरेंट्स दोनों के लिए खास महत्व रखता है।

rajeev gupta janasnehi
Written By rajeev gupta janasnehiPublished By Shivani
Published on: 24 July 2021 12:58 PM GMT
Parents Day 2021
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Parents Day (Photo Social Media

Parents Day 2021: माता-पिता (Mother Father) हमारे पास प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार हैं। हमारे जीवन में उनकी जगह कोई भी नहीं ले सकता है। बच्चे के जीवन के विकास में माता-पिता की भूमिका अहम होती है। इसलिए भारतीय संस्कृति के अलावा भी दुनिया भर में माता-पिता को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। मां को ममता का सागर और पिता को खुशियों का भंडार कहा गया है। मां- बाप बच्चे की परवरिश के लिए कठिन परिश्रम करते हैं। तब जाकर अपनी संतान को काबिल बना पाते हैं। हर मसीबत में मां- बाप ही अपने बच्चे के लिए सबकुछ होते हैं।शायद इसीलिए उन्हें ईश्वर का रूप कहा जाता है।

पेरेंट्स डे कब है (Parents Day 2021 Kab Hai)

पेरेंट्स डे जुलाई माह के चौथे हफ्ते के रविवार को होता है। इस साल पेरेंट्स डे 25 जुलाई को है। ये दिन बच्चों और पेरेंट्स दोनों के लिए खास महत्व रखता है। अब बताते है कि पेरेंट्स डे कैसे मनाते हैं? (Parents Day Kaise Manate Hain) पेरेंट्स डे को मनाने के लिये दुनिया भर में अलग-अलग दिन व तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

भारत में पेरेंट्स डे (India Me Parents Day)

भारत में हर दिन पेरेंट्स का दिन होता है क्योंकि हर दिन ही मां बाप अपने बच्चों को लाड के साथ मार के बच्चों का परिपक्व बनाते है। दुनिया के सभी देशों में पेरेंट्स डे मनाया जाता है, लेकिन एक ही तारीख में सभी देशों में नहीं मनाया जाता। परंतु नेशनल पेरेंट्स डे (National Parents Day) के रूप में ज़्यादातर विश्व में हर साल जुलाई महीने के चौथे सप्ताह के रविवार(Fourth Sunday Of July) में मनाया जाता है। जिस तरह फादर्स डे (Father's Day), मदर्स डे (Mother's Day) मनाया जाता है वैसे ही नेशनल पेरेंट्स डे मनाया जाता है।


पेरेंट्स डे की शुरुआत कब हुई (Parents Day kab Shuru Hua)

नेशनल पेरेंट्स डे मनाने की शुरुआत पहली बार (Pahli Bar Parents Day kahan Manaya Gya) 8 मई, 1973 को दक्षिण कोरिया में हुई थी। दक्षिण कोरिया (South Korea First Celebrates Parents Day) में हर साल 8 मई को मातृ और पितृ दिवस के बजाय पेरेंट्स डे मनाया जाता है। साल 1994 में आधिकारिक रूप से पेरेंट्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका में हुई। इस साल पहली बार जुलाई महीने के चौथे रविवार को अमेरिका में पेरेंट्स डे मनाया गया। इसके बाद से हर साल भारत और अमेरिका में जुलाई के चौथे रविवार को पेरेंट्स डे मनाया जाता है तो वहीं, वियतनाम में 7 जुलाई को मनाया जाता है। ऐसे ही फिलीपींस में दिसंबर महीने के पहले सोमवार को पेरेंट्स डे मनाया जाता है, लेकिन कई देशों में इसे जून के महीने में मनाया जाता है।

राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने एक कांग्रेस के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए "अपने बच्चों को लाने में माता-पिता की भूमिका को पहचानना, उत्थान करना और उनका समर्थन करना।अब इसकी महत्ता समझते हुए अनेक स्कूलों द्वारा पेरेंट्स डे भी मनाया जाता है।

भगवान गणेश से लेकर श्रवण कुमार तक मातृ पिता भक्त

भारत की वेद पुराणों में अभिभावकों की महिमा का बहुत अच्छे से वर्णन किया गया है। यहां तक लिखा गया है कि भगवान गणेश जी ने अपनी मां बाप की परिक्रमा देकर सिद्ध कर दिया था इसीलिए आज के दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य माता-पिता के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करना है। इस दिन बच्चे अपने माता-पिता को गिफ्ट देकर उनको खुश करते हैं। आज के दिन बच्चे अपने-अपने तरीके से माता-पिता को खुश करने का प्रयास करते हैं,लेकिन भारत में अभिभावकों के पैर छू के उनको आलिंगन करके उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करके मनाया जाता है । जिस प्रकार से श्रवण कुमार ने अपने अंधे माँ व बाप को कंधे पर तीर्थ कराया था ।


कोविड-19 की महामारी पहली और दूसरी लहर में तमाम बच्चों से मां बाप का साया छिन गया है। किसी दार्शनिक ने सही कहा है मां के बिना बाप के लिए अब आपके बिना मां के लिए बिल्कुल हिमालय पर चढ़ाई दे चढ़ने जैसा कठिन होता है। कहते हैं वही बच्चा पेरेंट्स यानी मां और बाप के प्यार का विश्वास का साथ का संरक्षण का जान सकता है| जिसके पास मां और बाप में से एक चीज नहीं है लाख दोनों यतन करले ,परिश्रम करले, लाड कर ले पर वह बात नहीं आती है| इसीलिए कहते हैं ना जाने कोई पीर पराई। आज कोविड-19 की तमाम बच्चों को सरकार अनुदान दे देगी सामाजिक संस्थाएं कुछ मदद कर देगी पर वह मां बाप का प्यार संरक्षण संस्कार उन सब से वे निश्चित तौर पर उनकी कमी पूरी नही की जा सकेग़ी।

Shivani

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