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Raksha Bandhan: क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन का खास त्यौहार? जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत
Raksha Bandhan: मुश्किल से दो दिन बचे हैं, जिसे देखते हुए बहने अपने भाइयों के लिए रंग बिरंगी राखी खरीदने बाजारों में शौपिंग करती नजर आ रही हैं ।
Raksha Bandhan: भाई बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन इस साल 22 अगस्त 2021 को मनाया जा रहा है । इस दिन ज्यादातर लोगों का अवकाश होगा क्योंकि इस दिन रविवार पड़ रहा है । मुश्किल से दो दिन बचे हैं, जिसे देखते हुए बहने अपने भाइयों के लिए रंग बिरंगी राखी खरीदने बाजारों में शौपिंग करती नजर आ रही हैं । बाज़ारों में एक महीने पहले से ही रौनक देखने को मिलने लग जाती है ।
रक्षाबंधन का पर्व सावन मास का सबसे ख़ास पर्व होता है । इस दिन बहन अपने प्यारे भाई की कलाई पर राखी बंधती है, जिसके बाद वो भाई को तिलक लगाकर रक्षा करने का वचन लेते हुए उसे मिठाई खिलाती है । ये एक ऐसा प्यारा बंधन है जिसे ना केवल भारत बल्कि विदेशों के लोगों में भी लोकप्रिय होता जा रहा है । हर साल हम रक्षाबंधन का पावन त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा क्यो मनाते हैं हम रक्षाबंधन? कब हुई थी इसकी शुरुआत? अगर नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते है इसके बारे में ।
क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन?
अगस्त का महिना आया नहीं कि बाज़ारों में रौनक देखने को मिलने लगती है । बहुत सी बहने तो इस दिन के लिए महीनों पहले से ही तैयारियों में जुट जाती हैं की इस दिन वो अपने भाई के लिए क्या क्या करने वाली है, किसी चीज़ की कमी ना होने पाए । और ऐसा हो भी क्यों ना एक ही तो ऐसा दिन होता है जब भाई बहन बिना नोक झोंक प्यार से एक दूसरे को मिठाई खिलाकर एक दूसरे के प्रति अपना प्यार जताते हैं । जिसे किसी के लिए भी शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल होगा ।
भाई बहन का रिश्ता तो पूरी दुनिया मानती है. लेकिन भारत में भाई बहन का रिश्ता सभी देशों से ख़ास और हटकर होता है जिसमें आदर , थोड़ी नोक झोंक, ज्यादा प्यार , एक दूसरे के लिए त्याग और हमारी संस्कृति सभी शामिल होते हैं । दोनों की जो बॉन्डिंग होती है उसे कोई तीसरा कभी भी नहीं तोड़ सकता । इन सारे महत्वों को देखते हुए ही रक्षाबंधन का ख़ास त्यौहार मनाया जाता है । ये अनोखा हिन्दू त्यौहार भारत ही नहीं नेपाल में भी इस पर्व को बड़ी धूम से मनाते हैं ।
रक्षाबंधन का पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि ये एक भाई का कर्तव्य है अपनी बहन के प्रति जिसे जाहिर करता है । अपनी बहन की रक्षा करना, उसकी ख़ुशी के लिए कुछ भी कर जाता है एक भाई । इस पर्व को केवल अपने सगे भाई के साथ ही नहीं बल्कि मुँह बोले भाई के साथ और जो भी स्त्री पुरुष इस रिश्ते का सम्मान करते हुए एक दूसरे का ख्याल रखें रक्षाबंधन का पर्व साथ मिलकर मनाते हैं ।
रक्षाबंधन की ये कहानी प्रचलित
लक्ष्मी जी ने राजा बलि को ऐसे बनाया था भाई
रक्षाबंधन पर एक कहानी काफी प्रचलित है असुरों के राजा बलि और मां लक्ष्मी की । असुरों के राजा बलि ने अपने बल के दम पर तीनों लोकों को अपने कब्जे में ले लिया था । जिसे देख स्वर्ग के राजा इंद्रदेव घबरा से गए, मदद के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंचे । भगवान विष्णु ने प्राथना को स्वीकार किया और समस्या को हल करने के लिए उन्होंने वामन अवतार धारण किया । वामन अवतार में राजा बलि से मिलने पहुंचे। वहा भगवान ने बलि से भिक्षा में तीन पग भूमि मांग ली। पहले और दूसरे पग में भगवान ने घरती आकाश नाप लिया जिसके बाद बलि ने उन्हें तीसरा पग रखने के लिए अपना सिर आगे कर दिया। भगवान वामन बलि से काफी प्रसन्न हुए। जिसके बाद उन्होंने बलि से वरदान मांगने को कहा और बलि ने पाताल में बसने का वर मांगा। राजा बलि की इस इच्छा को पूरा करने के लिए भगवान विष्णु भी पाताल लोक गए।
ऐसे हुई थी रक्षाबंधन की शुरुआत
ये सब देख मां लक्ष्मी काफी चिंतित होने लग गईं। अपने पति को पाताल लोक से लाने के लिए माता ने एक गरीब स्त्री का रूप धारण किया और अपने पति को वापस लाने के लिए राजा बलि के पास पहुँचीं। जिसके बाद माता ने राजा बलि को राखी बांध अपना भाई बना लिया और अपने पति भगवान विष्णु को पाताल लोक से वापस ले आने का वचन मांगा। बस इस दिन के बाद से ही रक्षाबंधन मनाया जाता है।