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Relationship Tips: 16 साल का होने से पहले बच्चों को ज़रूर सिखाएं ये बातें, जीवनभर आएंगीं ये बातें काम

Relationship Tips: अगर आप भी अपने बच्चे को जो किशोरावस्था की ओर बढ़ रहा है उसकी परवरिश को लेकर चिंतित हैं और उन्हें क्या कब और कैसे सीखने की सोच में रहते हैं तो आज हम आपकी इस चिंता को थोड़ा कम कर सकते हैं।

Shweta Srivastava
Published on: 31 Jan 2024 9:45 AM IST
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Relationship Tips (Image Credit-Social Media)

Relationship Tips: बच्चों का पालन-पोषण करना कोई आसान काम नहीं है और इसमें उनकी भविष्य की सफलता को आकार देने का भार भी होता है। माता-पिता अपने बच्चों को सशक्त बनाने वाले मूल्य और कौशल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पालन-पोषण में थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चे के भविष्य को खतरे में डाल सकती है और उनके चरित्र को कमजोर कर सकती है। इसलिए, माता-पिता उचित उम्र में आवश्यक जीवन सबक देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। वहीँ आज हम आपको उनके 16 साल का होने पर किस चीज़ का ख्याल रखना चाहिए ये बताने जा रहे हैं।

16 साल का होने से पहले बच्चों को सिखाएं ये बातें

जैसे-जैसे बच्चे किशोरावस्था के करीब आते हैं, लगभग 16 वर्ष की आयु में, उन्हें मूल्यवान कौशल सिखाना सर्वोपरि हो जाता है जो आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमताओं को बढ़ाते हैं। आइए जानें वो पांच आवश्यक बातें जो माता-पिता को अपने बढ़ते बच्चों को 16 साल की उम्र से पहले सिखानी चाहिए।

पैसों की कीमत ज़रूर सीखएं

जैसे-जैसे बच्चे 15 वर्ष की आयु के करीब आते हैं, माता-पिता को उनके लिए एक बैंक खाता खोलने पर विचार करना चाहिए। उन्हें स्कूल के खर्चों के लिए बजट बनाने, पाठ्येतर गतिविधियों के लिए बचत करने और चेक लिखने और जमा करने जैसे बुनियादी वित्तीय कौशल प्रदान करने का निर्देश देना महत्वपूर्ण है।

अपनी चीज़ों और कपड़ों की देखभाल

बच्चों को अपने कपड़े धोने जैसे व्यावहारिक कौशल सिखाना फायदेमंद होता है। माता-पिता को उन्हें कपड़े सुखाने, रंगीन और सफेद कपड़ों को संभालने और दाग हटाने की उचित तकनीकों के बारे में मार्गदर्शन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें किसी भी तरह के गैजेट्स गेम्स वगैरह का भी खुद से को कहें। ये कौशल आत्मनिर्भरता और व्यक्तिगत जिम्मेदारी में योगदान करते हैं।

फर्स्ट ऐड का उचित ज्ञान

16 वर्ष की आयु से पहले, बच्चों को बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। इसमें ये समझना शामिल है कि सामान्य बीमारियों, चोटों, खांसी और सर्दी के लिए आवश्यक दवाएं कैसे दी जाएं। इसके अतिरिक्त, बच्चों को परिवार के किसी बीमार सदस्य की देखभाल के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।

घर पर अकेले रहने पर सबकुछ मैनेज कर लें

बच्चों को थोड़े समय के लिए घर पर अकेले रहने की अनुमति देने से उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा होती है। माता-पिता को धीरे-धीरे इस स्वतंत्रता का परिचय देना चाहिए, सुरक्षा नियमों पर जोर देना चाहिए और घरेलू प्रबंधन कौशल प्रदान करना चाहिए। ये अनुभव बच्चों में आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करने में मदद करता है।

अकेले ट्रेवल करना सिखाए

किशोरावस्था एक ऐसा समय है जब बच्चे स्वतंत्रता और जिम्मेदारी चाहते हैं। माता-पिता को उन्हें सिखाना चाहिए कि सार्वजनिक परिवहन से कैसे चलना है, जैसे कि घर से स्कूल तक यात्रा करना या इसके विपरीत। इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा होती है और कार्यों को स्वतंत्र रूप से प्रबंधित करने की उनकी क्षमता बढ़ती है।

16 वर्ष की आयु तक की अवधि बच्चे के चरित्र को आकार देने और उन्हें स्वतंत्रता के लिए तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है। धन प्रबंधन, कपड़ों का रखरखाव, फर्स्ट ऐड का सही ज्ञान, घर पर अकेले रहना और अकेले ट्रेवल करना जैसे आवश्यक जीवन कौशल विकसित करके, माता-पिता अपने बच्चों के आत्मविश्वास और स्वतंत्रता से सही निर्णय लेने की क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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