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Sikkim State Day: बहुत महत्वपूर्ण पोजीशन में है सिक्किम, आज ही शामिल हुआ था भारत में

Sikkim State Day: सिक्किम के सामरिक महत्व को 1960 के दशक में 1962 के भारत-चीन युद्ध और उसके बाद 1967 में नाथू ला और चोल में संघर्ष के दौरान महसूस किया गया था।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Monika
Published on: 16 May 2022 6:53 AM GMT
Sikkim State Day
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सिक्किम राज्य दिवस (photo: social media ) 

Sikkim State Day: सिक्किम 16 मई 1975 को भारत संघ (Union of India) में शामिल किया गया था। तब से हर साल 16 मई को सिक्किम (Sikkim State Day) राज्य दिवस मनाया जाता है। सिक्किम सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण राज्य है। सिक्किम के सामरिक महत्व को 1960 के दशक में 1962 के भारत-चीन युद्ध और उसके बाद 1967 में नाथू ला और चोल में संघर्ष के दौरान महसूस किया गया था। सिक्किम, भारत और चीन दोनों के लिए एक रणनीतिक क्षेत्र है। सिक्किम की सीमा नेपाल और भूटान से लगी हुई हैं और ये दोनों ऐसे देश हैं जिन पर चीन प्रभाव डालने की होड़ में है। सिक्किम सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) के बहुत करीब है, जो अगर युद्ध के समय कट जाता है तो भारत की मुख्य भूमि और पूर्वोत्तर राज्यों के बीच संबंध टूट जाएगा।

चुंबी घाटी भारत-चीन-भूटान के त्रिमुहाने पर स्थित है। यह क्षेत्र भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक कॉरिडोर) के करीब है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर शेष भारत को पूर्वोत्तर से और नेपाल को भूटान से जोड़ता है। तिब्बत और सिक्किम के साथ घाटी की साझा सीमा के कारण चुंबी घाटी भी चीन के लिए समान रणनीतिक महत्व का है।

गौरतलब है कि चीन, भूटान के पश्चिम और उत्तर के इलाकों पर दावा कर चुंबी घाटी को चौड़ा करना चाहता है।

भारत में विलय

भारत की स्वतंत्रता के तीन साल बाद 1950 में सिक्किम और भारत गणराज्य के बीच एक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते के तहत सिक्किम ने भारत संघ के भीतर एक 'संरक्षित' राज्य के रूप में अपना दर्जा जारी रखा। एक संरक्षित राज्य दरअसल एक छोटा देश होता है जो एक बड़े, संप्रभु राष्ट्र द्वारा संरक्षित है। ऐसा राज्य अपने आंतरिक मामलों पर स्वायत्तता रखता है, जबकि बड़ा देश विदेशी मामलों, रक्षा, संचार आदि जैसी नीतियों को नियंत्रित करता है।

1970 के दशक तक सिक्किम के शासक चोग्याल तेजी से अलोकप्रिय हो गए थे। और भारत में सिकिम के एकीकरण की मांग बढ़ने लगीं। सितंबर 1974 में चोग्यालों ने जनमत संग्रह का आह्वान किया। अप्रैल 1975 में सिक्किम के प्रधानमंत्री की अपील के बाद भारतीय सेना ने प्रवेश किया और सिक्किम पर नियंत्रण कर लिया। इसके बाद भी जनमत संग्रह हुआ जिसमें 97.5 प्रतिशत प्रतिभागियों ने भारत में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया, जबकि 2.45 प्रतिशत ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। दूसरी ओर चोग्याल के समर्थकों का कहना था कि 70 से 80 फीसदी मतदाता बाहरी थे।

बहरहाल, परिणामों की घोषणा के बाद, सिक्किम के मुख्यमंत्री काजी लेंडुप दोरजी ने जनमत संग्रह के परिणामों को इंदिरा गांधी को सौंप दिया और उनसे "तत्काल प्रतिक्रिया देने और निर्णय को स्वीकार करने के लिए" कहा। जिस पर भारतीय संसद ने 26 अप्रैल 1975 को सिक्किम को एक राज्य बनाने के लिए संवैधानिक संशोधन को अपनी अंतिम मंजूरी दी। 15 मई 1975 को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने एक संवैधानिक संशोधन की पुष्टि की जिसने सिक्किम को भारत का 22 वां राज्य बना दिया और चोग्याल की पोजीशन को समाप्त कर दिया।

विदेशी प्रतिक्रियाएं

चीन और पाकिस्तान ने जनमत संग्रह को रियासत के जबरन कब्जे के लिए एक तमाशा और कहा, जिसके लिए इंदिरा गांधी ने उन्हें तिब्बत के अपने अधिग्रहण और आज़ाद कश्मीर के मुद्दे की याद दिलाते हुए जवाब दिया। अमेरिकी सरकार ने सिक्किम के भारत में विलय को एक ऐतिहासिक और व्यावहारिक अनिवार्यता के रूप में देखा। सोवियत संघ ने इस मसले पर मौन प्रतिक्रिया दी।

आज सिक्किम की जनसंख्या 610,000 से अधिक है और इसकी राजधानी गंगटोक है। प्रत्येक वर्ष, यह अपने राज्य के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए छुट्टी मनाता है।

आर्गेनिक राज्य

सिक्किम 100 फीसदी जैविक बनने वाला देश का पहला राज्य है। सिक्किम में सभी कृषि गतिविधियाँ कीटनाशकों और सिंथेटिक उर्वरकों के उपयोग के बिना की जाती हैं। विश्व धरोहर कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान भी सिक्किम में स्थित है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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