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Sonbhadra News: सहकारी समिति के चुनाव में BJP को मिली करारी शिकस्त, क्या है सियासी संकेत, जानिए पूरी हकीकत

Sonbhadra News: नेताओं के पूरी ताकत लगाने के बावजूद साधन सहकारी समिति के चुनाव में BJP को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। यहां दूसरे खेमे की प्रतिमा पटेल निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुईं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 19 March 2023 11:50 PM IST
Sonbhadra News: सहकारी समिति के चुनाव में BJP को मिली करारी शिकस्त, क्या है सियासी संकेत, जानिए पूरी हकीकत
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सोनभद्र: सहकारी समिति के चुनाव में विजेता प्रत्याशी

Sonbhadra News: नेताओं के पूरी ताकत लगाने के बावजूद साधन सहकारी समिति के चुनाव में BJP को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। यहां दूसरे खेमे की प्रतिमा पटेल निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। अभी और सहकारी समितियों के चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ दिखाई दे रही हैं।

श्रीरामपुरी उर्फ तरावां साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को बड़ी पटखनी मिली है। इस चुनाव में ढेरों दांव-पेंच अपनाने के बावजूद प्रतिमा पटेल निर्विरोध अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने में कामयाब रही हैं। सियासी हलके में इसे बड़ा संदेश माना जा रहा है।

बताते चलें कि श्रीरामपुरी उर्फ तरावां साधन सहकारी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए पिछले एक सप्ताह से निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही थी। कभी भाजपा का मजबूत अंग रहा यह खेमा इस बार भाजपा खेमे से हटकर चुनाव की तैयारी में लगा हुआ था। इसको देखते हुए भाजपा खेमे की तरफ से सदस्यों के चुनाव के समय से ही सियासी बिसात बिछाए जाने का खेल शुरू कर दिया गया था।

इसके बावजूद भाजपा से अलग हटकर चुनाव लड़ रहा खेमा नौ सदस्य पदों में पांच पर निर्विरोध निर्वाचन में कामयाब रहा था। चार में लड़ाई थी, उसमें भी पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा खेमे को कोई खास कामयाबी नहीं मिल पाई। जबकि सहकारी समिति के सदस्य पद के लिए शनिवार को हुए मतदान के दौरान भाजपा खेमा पूरे दमखम के साथ पूरे दिन सहकारी समिति पर डटा रहा।

रविवार को भी सुबह से ही भाजपा खेमे की तरफ से अपना अध्यक्ष निर्वाचित कराने को लेकर हलचल जारी थी। दोपहर में चुनाव कैंसिल कराने के प्रयास लेकर भी बातें चर्चा में आई। अंततः परिणाम, भाजपा खेमे से अलग हटकर चुनाव लड़ रहे खेमे के पक्ष में गया और प्रतिमा पटेल का एकमात्र पर्चा दाखिल होने के कारण निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित होने में कामयाब रहीं।

जिला पंचायत चुनाव के समय से ही दोनों खेमे में बनी है रार की स्थिति

कभी भाजपा में एक साथ मंच साझा करने वाले ही आज आमने-सामने हैं। जिला पंचायत चुनाव के समय टिकट को लेकर हुई रस्साकशी वर्तमान में सीधी लड़ाई में तब्दील हो गई है। हालात यह हो गए हैं कि समिति के सदस्य जैसे साधारण चुनाव में भाजपा के दिग्गजों की तरफ से हस्तक्षेप करने का नजारा कई सियासी पंडितों को चौंकाए रहा। वहीं, हस्तक्षेप के बावजूद भी मिली पटखनी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। एक तरफ जहां भाजपा जातिगत समीकरण साधने में लगी हुई है। वहीं कभी भाजपा में एक साथ रहे दो ग्रुपों के आमने-सामने आने के बाद, आगे चलकर भाजपा के जातिगत सियासी समीकरण को लेकर भी कयासबाजी शुरू हो गई है। अभी सहकारी समिति से जुड़े कई चुनाव और होने हैं। ऐसे में आगे चलकर क्या सियासी तस्वीर बनेगी? यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन जो खेमा कभी भाजपा के मजबूत जनाधार में गिना जाता था, उससे बढ़ती दूरी ने कई तरह की चर्चाओं को जन्म देना शुरू कर दिया है।

सुरक्षा के लिए सदस्यों ने खटखटाया हुआ था हाईकोर्ट का दरवाजा

सहकारी समिति के चुनाव में सत्ता पक्ष के बढ़ते हस्तक्षेप को देखते हुए श्रीरामपुरी उर्फ तरावां साधन सहकारी समिति के निर्विरोध सदस्यों ने अपनी सुरक्षा और चुनाव में राजनीतिक हस्तक्षेप रोकने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बुधवार को इस मामले में सुनवाई की उम्मीद भी जताई जा रही थी। याचिका के माध्यम से सदस्यों ने कहा था कि जो स्थितियां हैं उससे उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 व उत्तर प्रदेश सहकारी समिति नियमावली 1968 के प्रावधानों के अनुसार निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से चुनाव कराए जाने को लेकर प्रश्नचिन्ह की स्थिति बन रही है।

फोन पर अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि निर्विरोध निर्वाचित सदस्यों की सुरक्षा और चुनाव में अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप रोकने के लिए यह याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी। अगर चुनाव के दौरान किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप और सदस्यों की सुरक्षा पर संकट की स्थिति बनती तो उससे भी हाईकोर्ट को अवगत कराया जाता।

क्रय-विक्रय समिति की सदस्य बनीं इंद्रावती

सदस्य पद के चुनाव में जिस प्रत्याशी को हराने के लिए भाजपा के एक खेमे ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। उन्हें क्रय विक्रय समिति का सदस्य निर्विरोध निर्वाचित होने में कामयाबी मिली है। यहां से कुल 6 सदस्य क्रय-विक्रय समिति के लिए निर्वाचित हुए हैं।



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