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Sonebhadra: ओलावृष्टि से तबाह फसलों का डीएम ने लिया जायजा, दूसरे दिन भी खेत में पड़े मिले ओले, संयुक्त सर्वे का निर्देश
Sonebhadra News: जहां दलहन-तिलहन की फसलें 70 फीसद तक बर्बाद नजर आईं। वहीं गेहूं की फसलों का भी काफी नुकसान दिखा।
Sonebhadra News: जिले में रविवार की दोपहर बाद जगह-जगह ओलावृष्टि के चलते बर्बाद हुई फसलों का सोमवार को राजस्व की टीम के साथ डीएम चंद्रविजय सिंह ने नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान जहां दलहन-तिलहन की फसलें 70 फीसद तक बर्बाद नजर आईं। वहीं गेहूं की फसलों का भी काफी नुकसान दिखा। मौके के निरीक्षण और किसानों से हुई नुकसानी की जानकारी लेने के बाद डीएम ने जहां तहसील प्रशासन और कृषि विभाग को संयुक्त सर्वे कर अविलंब रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। वहीं फसल बीमा कंपनी को 72 घंटे के भीतर फसलों की हुई नुकसानी का सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं।
100-100 ग्राम के पड़े थे ओले
किसानों का कहना था कि ओलों का वजन इतना था कि उन्हें गलने में भी कई घंटे का समय लग रहा था। उनका दावा था कि 100-100 ग्राम के ओले पडे़ थे। कुछ ऐसे इलाके थे जो पूरी तरह ओलों से पट से गए थे। इसके चलते सरसों की फसल प्रभावित इलाके में जहां पूरी तरह झड़ गई है। वहीं अन्य दलहनी-तिलहनी फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की भी फसलें गिर गई है। वहीं उन्हें नुकसान भी पहुंचा है।
एसडीएम लेखपालों को लगाकर कराएं सर्वे, कृषि विभाग का लें सहयोगः डीएम
फसलों के नुकसान का जायजा लेने के बाद डीएम चंद्रविजय सिंह ने कहा कि जिस तरह से जनपद में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि हुई है। उससे प्रभावित इलाकों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। महोखर गांव का जायजा लिया, जहां सरसों की फसल पूरी तरह झड़ गई है। गेहूं, सब्जी फसल को भी नुकसान पहुंचा है। एसडीएम राबटर्सगंज को लेखपालों को लगाकर सर्वे कराने और इसमें कृषि विभाग का सहयोग लेने के लिए कहा गया है।
फसल बीमा कंपनियों 72 घंटे में कराएं सर्वे
फसल बीमा कंपनी को भी 72 घंटे के भीतर सर्वे पूरी करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सर्वे रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई आगे बढा दी जाएगी। बताते चलें कि रविवार को हुई ओलाबारी में हिंदुआरी, बभनौली, तेंदू और अमोखर इलाके में सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। सोमवार को नुकसानी का जायजा लेने पहुंचे डीएम भी वहां की स्थिति देख दंग रह गए। ओलावृष्टि कितनी भयानक थी, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दूसरे दिन भी खेतों में ओलों की मौजूदगी पड़ी मिली। किसानों ने जहां डीएम को इन ओलों को दिखाया। वहीं बच्चों के लिए यह खेल और कौतूहल का विषय बना रहा।