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सुवेंदु के पिता के BJP में शामिल होने से क्या टीएमसी को नुकसान होगा? यहां जानें

जानकारी के अनुसार शिशिर वर्ष 2009, 2014, 2019 तीनों ही लोकसभा चुनाव में कांथी सीट से जीत चुके हैं। टीएमसी के कोटे से यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं। वे सुवेंदु अधिकारी के पिता हैं।

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Published on: 14 March 2021 10:57 AM GMT
सुवेंदु के पिता के BJP में शामिल होने से क्या टीएमसी को नुकसान होगा? यहां जानें
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शिशिर अधिकारी कांथी से टीएमसी के सांसद है। उनकी उम्र 80 वर्ष है। उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर नगर पालिका और फिर विधानसभा से लेकर संसद तक का सफर तय किया है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कांथी में 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी सुवेंदु और सौम्येंदु के पिता शिशिर अधिकारी इस दिन दीदी का साथ छोड़कर मोदी की रैली में भगवा दुशाला अंगोछा ओढ़ सकते हैं।

कहने का मतलब ये है कि दोनों बेटों सुवेंदु और सौम्येंदु की तरफ ही उनके पिता भी बीजेपी में ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि अभी तक इस बारें में न तो अधिकारी परिवार की तरफ से कोई बयान आया है और न ही टीएमसी ने ही इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया दी है।

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BJP-TMC सुवेंदु के पिता के BJP में शामिल होने से क्या टीएमसी को नुकसान होगा? यहां जानें (फोटो:सोशल मीडिया)

क्या शिशिर अधिकारी के बीजेपी में जाने से टीएमसी पर कोई फर्क पड़ेगा?

शिशिर अधिकारी के बीजेपी में जाने से टीएमसी पर कोई फर्क पड़ेगा? इस पर सियासी जानकारों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग का जवाब ‘हां’ तो कुछ का जवाब ‘ना’ में है।

जो लोग बीजेपी को फायदे मिलने की बात कर रहे हैं उनका साफ तौर पर कहना है कि अगर शिशिर अधिकारी बीजेपी में जाते हैं तो इसका निश्चित तौर पर उन्हें फायदा मिलेगा। वो इसलिए क्योंकि अधिकारी परिवार का बंगाल की कई सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव है।

दूसरा ये कि अधिकारी परिवार पहले ममता बनर्जी के काफी करीब रहा है। वे टीएमसी की रणनीति से भलीभांति वाकिफ हैं। उन्हें ममता और उनकी पार्टी की कमजोरियों के बारें में अच्छे से पता है।

ऐसे में अगर शिशिर अधिकारी अपने बेटों की तरह ही बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो इससे भाजपा की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। चुनाव में इसका निश्चित तौर पर फायदा भाजपा को मिलेगा।

एक्सपर्ट्स कैसे देखते हैं इस चुनाव को

वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि इससे ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को कोई खास नुकसान नहीं होने वाला है। क्योंकि ममता बनर्जी एक स्ट्रीट फाइटर है।

उनकी गिनती जमीन से जुड़े हुए नेताओं में होती है। वे जरूरत पड़ने पर कई बार पैदल ही लोगों के घर पर जाकर उनका दुख दर्द जानने के लिए निकल पड़ती हैं। उन्होंने बंगाल में विकास से जुड़े कई सारे काम किए हैं। जिसका फायदा निश्चित तौर पर इस बार के विधान सभा चुनाव में उन्हें मिलेगा।

शिशिर अधिकारी कांथी से टीएमसी के सांसद है। उनकी उम्र 80 वर्ष है। उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर नगर पालिका और फिर विधानसभा से लेकर संसद तक का सफर तय किया है।

सूत्र बताते हैं कि शिशिर अधिकारी को पार्टी से अलग-थलग कर दिया गया है। ऐसे में 24 मार्च को बंगाल के कांथी में पीएम मोदी की रैली के दौरान 'बड़े अधिकारी' भगवा दुशाला अंगोछा ओढ़ सकते हैं।

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west Bengal assembly election-4 सुवेंदु के पिता के BJP में शामिल होने से क्या टीएमसी को नुकसान होगा? यहां जानें (फोटो:सोशल मीडिया)

मनमोहन सरकार में मंत्री रहे हैं शिशिर

जानकारी के अनुसार शिशिर वर्ष 2009, 2014, 2019 तीनों ही लोकसभा चुनाव में कांथी सीट से जीत चुके हैं। टीएमसी के कोटे से यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं। वे सुवेंदु अधिकारी के पिता हैं।

सुवेंदु के भाई दिव्येन्दु अधिकारी तामलुक लोकसभा सीट से सांसद हैं। क्षेत्र की नगरपालिका, नगर पंचायत पर अधिकारी परिवार का दबदबा है।

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