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1983 World Cup Win Anniversary: आज ही के दिन 39 साल पहले कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप जीत भारत ने रचा था इतिहास

1983 World Cup Win Anniversary: आज ही के दिन 25 जून 1983 को भारतीय क्रिकेट टीम ने इग्लैंड के लॉर्डस क्रिकेट स्टेडियम में मैच जीतकर विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज की टीम को मुकाबले में 43 रनों से हराया था।

Prashant Dixit
Written By Prashant Dixit
Published on: 25 Jun 2022 6:20 AM GMT (Updated on: 25 Jun 2022 6:21 AM GMT)
1983 में विश्व कप जीतने के बाद कप प्राप्त करते भारत के मौजूद कप्तान कपिल देव
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1983 में विश्व कप जीतने के बाद कप प्राप्त करते भारत के मौजूद कप्तान कपिल देव (फोटों सोशल मीडिया)

1983 World Cup Win Anniversary: आज ही के दिन 25 जून 1983 को भारतीय क्रिकेट टीम ने इग्लैंड के लॉर्डस क्रिकेट स्टेडियम में मैच जीतकर विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज की टीम को मुकाबले में 43 रनों से हराया था, और तब कपिल देव भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे थे। वेस्टइंडीज इससे पहले 1975 और 1979 में विश्व कप जीत चुका था। इसी वजह से फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम दावेदार थी। पर भारत ने फाइनल मुकाबले में दमदार प्रदर्शन करते हुए, वेस्टइंडीज को जोरदार पटखनी दी थी।

1983 विश्व कप फाइनल में भारत

पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के सुनील गावस्कर केवल 2 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि कृष श्रीकांत और मोहिंदर अमरनाथ के बीच 57 रनों की साझेदारी हुई, मैलकम मार्शल ने श्रीकांत को 38 रनों पर चलता कर दिया। उसके बाद यशपाल शर्मा और अमरनाथ ने पारी को आगे बढ़ाया लेकिन अमरनाथ माइकल होल्डिंग की गेंद पर 26 रन बनाकर आउट हो गए। भारत एक समय 3 विकेट पर 90 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था। वेस्टइंडीज की गेंदबाजी के सामने कपिल देव, मदनलाल और सैयद किरमानी ने धराशाही हुए और भारतीय टीम 54.4 ओवर में 183 रन बनाकर आउट हो गई। एंडी रॉबर्ट्स को 3 विकेट मिले थे, जबकि माइकल होल्डिंग व मैलकम मार्शल ने दो-दो विकेट चटकाए थे।

1983 विश्व कप फाइनल में वेस्टइंडीज

भारत के दिए इस लक्ष्य का पीछा करने के लिए उतरी वेस्टइंडीज की टीम ने भी अपना पहला विकेट 1 रनों पर खो दिया। उसके बाद आए विव रिचर्ड्स और डेसमंड हेंस ने 45 रनों की साझेदारी की जिसको मदनलाल ने तोड़ा जब उन्होंने 13 रनों के स्कोर पर हेंस को आउट करा दिया। रिचर्ड्स बहुत शानदार बाउंड्री लगानी जारी रखें लेकिन मदनलाल ने भारतीय टीम को इस मुकाबले का सबसे बड़ा विकेट दिलवा दिया, जब उन्होंने 28 गेंदों पर 33 रन बनाकर खेल रहे कपिल देव के द्वारा कैच कराया। जो कैच आज भी याद किया जाता है। इसके बाद विकेटों की झड़ी लगनी शुरू हो गई और वेस्टइंडीज का स्कोर 6 विकेट के नुकसान पर 76 रन हो गया। इस दौरान बिन्नी, संधू और मदनलाल ने दो - दो विकेट झटकें थे।

भारत ने विश्व कप जीत रचा इतिहास

कपिल देव और अमरनाथ को अंतिम विकेट मिले और इस तरह से वेस्टइंडीज 140 रनों पर धराशाई हो गई। मदनलाल व अमरनाथ ने 3-3 विकेट हासिल किए। मैच इस तरह भारतीय पेस अटैक के नाम रहा। भारत ने तमाम तरह की दिक्कतों का सामान करते हुए पहला वर्ल्ड कप जीता। जिस पर फिल्म बनी जिसने 100 करोड़ से ऊपर की कमाई की। कपिल देव की ट्रॉफी उठाए हुए मुस्कान भरी फोटो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज भी सबसे अच्छी मानी जाती है। मोहिंदर अमरनाथ को ऑलराउंड खेल के चलते मैन ऑफ द मैच दिया गया।

विश्वकप विजेता खिलाड़ी हुआ गुमनाम

भारत तब वर्ल्ड कप खिताब जीतने वाला दुनिया का दूसरा देश बना था। भारत की 13 सदस्यीय टीम इस टूर्नामेंट में उतारी जिस में सुनील वाल्सन को भी जगह मिली थी, तब उनकी उम्र 25 साल थी, हालांकि कप्तान कपिल देव उन्हें एक भी बार अपनी टीम की प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं कर सके। भारत ने टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया, वाल्सन ने ऐसा नहीं सोचा होगा, वह 1983 के बाद कभी दोबारा भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।

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