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बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में बज रहा इंडियन ताइक्‍वांडों का डंका: नीतू चंद्रा

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Published on: 22 Oct 2017 10:48 AM GMT
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में बज रहा इंडियन ताइक्‍वांडों का डंका: नीतू चंद्रा
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लखनऊ: राजधानी में रविवार को ताइक्‍वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया की 41 वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस मौके पर बॉलीवुडड अदाकारा नीतू चंद्रा, देश की पहली महिला ब्‍लैक बेल्‍ट किरण उपाध्‍याय, बालीवुड अभिनेता टाइगर श्रॉफ को बचपन से ताइक्‍वांडो सिखाने वाले कोच महेंद्र मोहन जायसवाल ने शिरकत की।

इस मौके पर इन्‍हें आज ताइक्‍वांडो हाल ऑफ फेम पुरस्‍कार से नवाजा गया। इस दौरान Newstrack.com ने इन सभी खेल और बालीवुड जगत की हस्तियों से एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत की।

नीतू चंद्रा ने कहा- अब हॉलीवुड में होगा इंडियन ताइक्वांडो का प्रदर्शन

बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने न्‍यूजट्रैक डॉट कॉम से बताया कि उनका ताइक्‍वांडों का सफर काफी रोचक रहा है। उन्‍होंने 1993 में ताईक्वांडो ज्वाइन किया ।1997 में इंडिया को पहली बार रिप्रेजेंट किया। अभी तक कुल तीन बार 1997, 1999 और 2002 में इंडिया को रिप्रेजेंट कर चुकी हैं। अब इसकी गूंज हॉलीवुड में गूंजेगी। हॉलीवुड में कुछ एक्शन मूवीज करने वाली हूं, जिसमें ताइक्‍वांडों से भरपूर एक्‍शन होंगे। इसके अलावा उन्‍होंने यूपी सरकार से मांग की है कि ताइक्‍वांडों की शिक्षा को हर स्‍कूल में अनिवार्य कर दिया जाए।

नीतू चंद्रा ने कहा- ताइक्‍वांडो मेरे लिए है एक धर्म

नीतू चंद्रा ने ताइक्‍वांडो के बारे में बात करते हुए बताया कि ताइक्‍वांडो मेरे लिए एक धर्म की तरह है। आज मैं एक सफल बॉलीवुड एक्‍ट्रेस हूं और एक प्रोडयूसर भी हूं। ताइक्‍वांडो का इसमें बहुत बड़ा रोल है। मेरी फिटनेस का राज ही ताइक्‍वांडो है। मुझे ताइक्‍वांडो में नेशन रिप्रेजेंट करने की आदत है। यह आदत बॉलीवुड में भी बनी रही। मुझे नेशनल अवार्ड भी मिले। ताईक्वांडो ने मुझे इतना बल दिया है कि हर फिल्म में मेरा किरदार काफी गहराई लिए होता है। मैं फिल्मों का बारीकी से चुनाव करके उन्हें पूरा करती हूं। ग्लोबली काम कर रही हूं। मैं बिहार से हूं। यूपी बिहार का कनेक्शन है। रूट्स काफी स्ट्रांग हैं। एक छठ का वीडियो अलका याग्निक के साथ लॉन्च किया है। जो कल ही लॉन्च हुआ है। मुझे क्वालिटी काम पसंद है। ये वीडियो मैंने प्रोड्यूस किया है। इसमें भी मैं ताइक्‍वाडो की वजह से ही इतनी फिट दिख रही हूं।

नीतू चंद्रा की बायोपिक अगले साल होगी रिलीज

नीतू चंद्रा ने बताया कि ताइक्‍वांडो खेलते खेलते सिने जगत में आने का मौका मिला। जब 12वीं पास की तो वुमेन एरा मैग्‍जीन में कवर फोटो के लिए फोटो शूट हुआ। इसके बाद एक-एक करके सिने जगत की सीढ़ियां चढ़ रही हूं। यह सिलसिला अब तक जारी है। मेरी बायोपिक फिल्म ताईक्वांडो बेस्ड होगी। मेरी बायोपिक अगले साल तक रिलीज होगी।

किरण उपाध्‍याय बोलीं- देश की पहली महिला ब्‍लैक बेल्‍ट होने का है गर्व

भारत की पहली महिला ब्‍लैक बेल्‍ट किरण उपाध्‍याय ने न्यूजट्रैक डॉट कॉम को बताया कि वह शाहरुख़ खान सहित कई बॉलीवुड सितारों के बच्चों को ताईक्वांडो में प्रशिक्षित कर चुकी हैं। ये महाराष्ट्र से हैं। इन्होंने 1978 में ताईक्वांडो ज्वाइन किया। तीन बार इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में आ चुका है। पहली बार 1995 में इनको लिम्‍का बुक ऑफ रिकार्ड ने अपनी लिस्‍ट में शामिल किया। यह 1995 में ऐसी फर्स्ट लेडी बनीं, जिन्होंने ताईक्वांडो की फोर्थ डिग्री ली। 2009 में फर्स्ट लेडी, जिसने ताइक्‍वांडों की विधा में 6 th डिग्री और 2015 में फर्स्ट लेडी, जिसने 7 th डिग्री हासिल की। इन्होंने कहा कि मां ने बहुत सपोर्ट किया। बहुत संघर्ष रहे लेकिन अंत में सफलता मिली। इन्‍हें आज ताइक्‍वांडो हाल ऑफ फेम पुरस्‍कार से नवाजा गया।

टाइगर श्रॉफ को बचपन से दी है ट्रेनिंग : महेंद्र मोहन जायसवाल

ताइक्‍वांडो के सीनियर खिलाड़ी महेंद्र मोहन जायसवाल ने न्‍यूजट्रैक डॉट कॉम को बताया कि इन्होंने 1982 में ताईक्वांडो ज्वाइन किया। टाइगर श्रॉफ को बचपन से सिखाया है। इन्होंने बताया कि उस समय इतनी जागरूकता नहीं थी। आज स्थिति बहुत बेहतर है। 1987 से मुंबई में ताईक्वांडो सिखाया है। इसके अलावा जायद खान को घर पर जाकर ताईक्वांडो के लिए ट्रेन किया है। उनकी सिस्टर सिमोन के बच्चों को भी सिखाया है। इन्‍हें आज ताइक्‍वांडो हाल ऑफ फेम पुरस्‍कार से नवाजा गया।

फादर ऑफ ताइक्‍वांडो इन इंडिया का छलका दर्द

जिम्‍मी जगतियानी को फादर ऑफ ताइक्‍वांडो इन इंडिया के खिताब से दुनिया जानती है। इन्‍होंने कहा कि ताइक्‍वांडो के लिए इतना योगदान करने का मुझे गर्व है। यह 41 वर्षों का संघर्ष है। आज देश में इस खेल के 7 लाख स्‍टूडेंट हैं, इसमें 50 हजार इंस्‍ट्रक्‍टर और 25 रेफरी हैं। हमारी कोशिश है कि हम 2018 में इस खेल की प्रीमियर लीग कराएं, लेकिन अभी कोई स्‍पांसर नहीं मिल रहा है। यह खेल दूसरे खेल जैसा फाइनेंशियल नहीं है। हां, इस खेल से इंटरनल डेवलपमेंट बहुत अच्‍छा होता है। उम्‍मीद है कि इस खेल को और बढ़ावा मिलेगा।

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