किदांबी श्रीकांत ने बयां की दिली इच्छा, बोले- ओलंपिक मेडल जीतना सबसे बड़ा सपना

इंडोनेशिया ओपन और ऑस्ट्रेलिया ओपन खिताबी जीतने के बाद भारत ही नहीं बल्कि विश्व बैडमिंटन जगत में किदाम्बी श्रीकांत का कद काफी बड़ा हो गया है।

tiwarishalini
Published on: 30 Jun 2017 11:20 AM GMT
किदांबी श्रीकांत ने बयां की दिली इच्छा, बोले- ओलंपिक मेडल जीतना सबसे बड़ा सपना
X
किदांबी श्रीकांत ने बयां की दिली इच्छा, बोले- ओलंपिक मेडल जीतना सबसे बड़ा सपना

मोनिका चौहान

नई दिल्ली: इंडोनेशिया ओपन और ऑस्ट्रेलिया ओपन खिताबी जीतने के बाद भारत ही नहीं बल्कि विश्व बैडमिंटन जगत में किदांबी श्रीकांत का कद काफी बड़ा हो गया है। दूसरों की नजर में यह सफलता श्रीकांत के लिए मानो सबकुछ मिल जाने जैसी हो सकती है लेकिन श्रीकांत की दिली इच्छा ओलंपिक में पदक जीतने की है।

यह भी पढ़ें ... बैडमिंटन रैंकिंग: श्रीकांत की टॉप-10 में वापसी, सिंधु का नुकसान

इंडोनेशिया ओपन और ऑस्ट्रेलिया ओपन जीतने से पहले श्रीकांत सिंगापुर ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। इस दौरान श्रीकांत ने कई दिग्गजों को हराया। इनमें मौजूदा ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन चेन लोंग भी शामिल हैं। इन तमाम सफलताओं ने वर्ल्ड रैंकिंग में श्रीकांत को 22वें से शीर्ष-10 में पहुंचा दिया। विश्व रैंकिंग में श्रीकांत चौथे क्रम तक का रास्ता तय कर चुके हैं।

श्रीकांत ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार के दौरान अपनी दिली इच्छा को लेकर कहा, "देश के लिए ओलम्पिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना है। अगर मैं ऐसा करने में सफल रहा तो ही मेरी सारी मेहनत सफल हो पाएगी।"

यह भी पढ़ें ... चक दे इंडिया: ऑस्ट्रेलिया ओपन के सुल्तान बने श्रीकांत, रचा इतिहास

इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया ओपन जीतने वाले श्रीकांत पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। ऐसे में जब उनसे पूछा गया कि क्या यह उनके करियर का सबसे अच्छा समय है?

इस पर विश्व के 8वें वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने कहा, "मैं अच्छी फॉर्म में हूं और अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं। इस समय पर मैं आत्मविश्वास से भरपूर हूं और मैंने इन दोनों टूर्नामेंटों में अपने करियर का सबसे अच्छा बैडमिंटन खेला है, लेकिन अभी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बाकी है।"

श्रीकांत के लिए ऑस्ट्रेलिया ओपन की जीत सबसे बड़ी थी, क्योंकि इस टूर्नामेंट के फाइनल में उन्होंने अपने सबसे पुराने प्रतिद्वंद्वी और रियो ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता चेन लोंग को मात दी।

चीनी खिलाड़ी लोंग के खिलाफ पिछले पांच मैचों में हार का सामना करते आए श्रीकांत ने आस्ट्रेलिया ओपन के फाइनल में उन्हें मात देकर बड़ी जीत दर्ज की।

यह भी पढ़ें ... जय हो: इंडोनेशिया ओपन जीतने वाले पहले भारतीय बने श्रीकांत, रचा इतिहास

इस जीत के मायने पर श्रीकांत ने कहा, "मैंने पहली बार हराया था और उन पर मिली जीत से मैं काफी खुश था। यह जीत इसलिए भी बहुत मायने रखती है, क्योंकि मैंने उन्हें सुपर सीरीज प्रतियोगिता के फाइनल में हराया था।"

ऐसे बेहतरीन प्रदर्शन के बाद श्रीकांत को पुरुष बैडमिंटन का नया चेहरा माना जा रहा है। हालांकि, प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद अब भी कई खिलाड़ियों के लिए आदर्श हैं और ऐसे में श्रीकांत एक नई प्रेरणा के रूप में उभरे हैं।

युवा खिलाड़ियों की प्रेरणा बनने के बारे में श्रीकांत ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैं अपनी तुलना पादुकोण और गोपीचंद जैसे दिग्गजों के साथ कर सकता हूं। उनके साथ तुलना के लायक बनने के लिए मुझे अभी बहुत कुछ हासिल करना है। हालांकि, अगर दूसरे खिलाड़ियों को मुझसे प्रेरणा मिलती है, तो मुझे इसमें खुशी होगी।"

स्वयं की प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर श्रीकांत ने केवल एक ही नाम लिया और वह हैं उनके गुरु और दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद। श्रीकांत ने कहा, "वह मेरी पहली प्रेरणा हैं और उन्हीं के कारण मैंने इस खेल को अपने करियर के तौर पर चुना था।"

अपने खाली समय के उपयोग के बारे में श्रीकांत ने कहा, "मैं खाली समय में आराम करता हूं और सोता हूं, ताकि अगले दिन के प्रशिक्षण सत्र के लिए तैयार हो सकूं।"

श्रीकांत से जब उनके करियर के सबसे बुरे दौर के बारे में पूछा गया, जहां उन्हें लगा हो कि बैडमिंटन उनके लिए नहीं है और वह कैसे इससे उबरे? श्रीकांत ने कहा, "मुझे कभी ये बात महसूस नहीं हुई कि मैं बैडमिटन मेरे लिए नहीं है। जहां तक बुरे दौर की बात है, तो मेरे माता-पिता, भाई और मेरे कोचों ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।"

यह भी पढ़ें ... बिग बी को श्रीकांत और महिला क्रिकेट टीम पर गर्व, ट्विटर पर दी बधाई

श्रीकांत भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी महेंद्र सिंह धौनी के प्रशंसक हैं और उनसे उन्हें कई चीजें सीखने को मिली हैं। श्रीकांत ने उनसे मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने की सीख ली है।

--आईएएनएस

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story