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लोढ़ा पैनल ने कहा- नहीं फ्रीज किए गए BCCI के अकाउंट, IND-NZ. सीरीज पर नहीं है खतरा
मुबंईः लोढ़ा पैनल ने साफ कहा है कि बीसीसीआई को अकाउंट से रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले पैसे निकालने पर रोक नहीं लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यस बैंक के अध्यक्ष अनिल सेट से तीन अक्टूबर को कहा था कि वह बीसीसीआई के खातों को फ्रीज कर दें, लेकिन रोजमर्रा के कामों पर इसका असर नहीं दिखे। इसके लिए बीसीसीआई को पैसे जमा करने और निकालने की मनाही नहीं है। इससे भारत-न्यूजीलैंड के अलावा दूसरी किसी भी होने वाली सीरीज पर कोई खतरा नहीं है।
बीसीसीआई ने लिया था सीरीज रद्द करने का फैसला
जस्टिस एल एम लोढ़ा पैनल ने बीसीसीआई के बैंक अकाउंट फ्रीज करने के निर्देश बैंक को दिए हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए बैंक ने बीसीसीआई के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए। इससे नाराज बीसीसीआई भारत-न्यूजीलैंड के बीच चल रही सीरीज को रद्द करने पर विचार कर रही थी। भारत-न्यूजीलैंड के बीच अभी एक टेस्ट और 5 वन डे मैच बाकी हैं। बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि बैंक ने बीसीसीआई के अकाउंट फ्रीज करने का फैसला लिया है। इसलिए बोर्ड के पास भारत-न्यूजीलैंड दौरा रद्द करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
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पैनल ने बैंको को दिए निर्देश
लोढ़ा पैनल ने बीसीसीआई का खाता रखने वाले बैंको को निर्देश दिए हैं कि वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को किसी भी तरह की राशि का भुगतान ना करें। लोढ़ा पैनल के सिफारिशों का बीसीसीआई द्वारा उल्लघंन किए जाने से वह काफी नाराज है। बता दें कि 30 सितंबर को अपनी विशेष आम बैठक में बीसीसीआई ने कई वित्तीय फैसले लिए हैं।
लोढ़ा पैनल ने लिखा बैंको को लेटर
पैनल को पता चला है की बीसीसीआई द्वारा 30 सितंबर 2016 को की गई आपात बैठक में कुछ फैसले लिए गए हैं। इसमें विभिन्न सदस्य संघों को काफी बड़ी राशि दी गई है। पैनल ने इस लेटर को बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जोहरी और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी को भी भेजा है।
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बीसीसीआई ने किया है उल्लघंन
पैनल का कहना है कि उनके द्वारा 31 अगस्त 2016 को दिए निर्देश के अनुसार बीसीसीआई दिनचर्या के मामलों पर ही चर्चा कर सकता है। इसके अलावा भविष्य से संबंधित कोई भी फैसले नहीं लिए जा सकते है। इस तरह की राशि का भुगतान करना दिनचर्या का काम नहीं है। बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही लोढ़ा पैनल द्वारा तय की गई समय सीमा का भी उल्लघंन किया है। इसमें फंड के वितरण की नीति 30 सितंबर 2016 तक गठित किया जाना शामिल है।