बड़ी खबरः चीनी कंपनी के आईपीएल 2021 में आने पर छिड़ा विवाद, बिजनेस ने देश पीछे छोड़ा

बीसीसीआई की यह कैसी नीति है कि वह चीनी सेलफोन निर्माता कंपनी विवो को आईपीएल 2021 के शीर्षक प्रायोजकों के रूप में जारी रख रहा है, जबकि लोगों को चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए कहा गया हो।

SK Gautam
Published on: 19 Feb 2021 6:59 AM GMT
बड़ी खबरः चीनी कंपनी के आईपीएल 2021 में आने पर छिड़ा विवाद, बिजनेस ने देश पीछे छोड़ा
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बड़ी खबरः चीनी कंपनी के आईपीएल 2021 में आने पर छिड़ा विवाद, बिजनेस ने देश पीछे छोड़ा

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: चीनी कंपनी विवो की आईपीएल 2021 के लिए टाइटल प्रायोजक के रूप में वापसी से एक बार फिर नये सिरे से विवाद छिड़ गया है। भारत के पूर्व बल्लेबाज और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष बृजेश पटेल ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि किये जाने के बाद इस विवाद की शुरुआत हुई है। इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और विवो ने पिछले साल घोषणा की थी कि चीनी फर्म विवो भारतीय इंडियन प्रीमियर लीग के 2020 संस्करण के लिए शीर्षक प्रायोजक नहीं होगी, जो 19 सितंबर से 10 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात में खेला गया था। सवाल ये उठ रहा है कि आखिर एक साल में भारत के चीन से रिश्तों में ऐसा क्या सुधार आया कि विवो को आईपीएल 2021 मिल गया।

बीसीसीआई ने विवो से किनारा कसा था

2016 में पेप्सी को टाइटल प्रायोजक के रूप में प्रतिस्थापित करने वाले विवो ने 2018 से 2022 तक प्रति सीजन 440 करोड़ का सौदा किया था। बीसीसीआई तो आईपीएल 2020 में भी विवो को लेकर चल रहा था। उसने गत वर्ष अगस्त में घोषणा की थी कि आईपीएल 2020 में चीनी प्रायोजकों सहित सभी प्रायोजक इस संस्करण के लिए भी जारी रहेंगे और जिसमें चीनी भी शामिल होंगे। बाद में दबाव पड़ने पर उसने विवो से किनारा कसा था।

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लेकिन अब वर्तमान भारत-चीन स्टैंड-ऑफ के मद्देनजर विवो को शीर्षक प्रायोजक के रूप में शामिल करने पर एक बार फिर आवाजें उठ रही हैं। ऐसे समय में जब भारतीय सीमाओं पर चीनी आक्रामकता ने चीन के खिलाफ भारत के लोगों की भावनाओं को भड़काया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकल और आत्मनिर्भर भारत पर जोर दे रहे हैं ऐसे में चीनी कंपनी पर भरोसा करने की वजह अस्पष्ट है।

बीसीसीआई की नीति सवालों के घेरे में

बीसीसीआई की यह कैसी नीति है कि वह चीनी सेलफोन निर्माता कंपनी विवो को आईपीएल 2021 के शीर्षक प्रायोजकों के रूप में जारी रख रहा है, जबकि लोगों को चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए कहा गया हो।

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यह बहुत ही अपमानजनक है कि जब चीन हमारे ऊपर नाक काट रहा है तब हम चीनी पैसे / निवेश / प्रायोजन / विज्ञापन को जुटाने में लगे हैं। निसंदेह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक व्यवसाय है और इस बिज़नेस को चलाने वाले लोग राष्ट्र के प्रति असंवेदनशील हैं और यह राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता का विषय है। पूरी दुनिया चीन का बहिष्कार कर रही है, आईपीएल उन्हें आश्रय दे रहा है। कुछ भी हो क्रिकेट को राष्ट्र से ऊपर नहीं होना चाहिए।

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