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रणजी ट्रॉफी के फाइनल में सौराष्ट्र का दबदबा, बंगाल की टीम को पहली पारी में 174 रनों पर समेटा

Ranji Trophy Final: रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में पहले दिन बंगाल की टीम बैकफुट पर नज़र आई। इस साल रणजी ट्रॉफी में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली बंगाल की टीम को फाइनल मैच के पहली ही दिन बड़ा झटका लगा। सौराष्ट्र की टीम ने अपने गेंदबाज़ों के दम पर टेस्ट के पहले ही दिन अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली।

Suryakant Soni
Written By Suryakant Soni
Published on: 17 Feb 2023 3:07 AM GMT
Ranji Trophy
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Ranji Trophy Final: रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में पहले दिन बंगाल की टीम बैकफुट पर नज़र आई। इस साल रणजी ट्रॉफी में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली बंगाल की टीम को फाइनल मैच के पहली ही दिन बड़ा झटका लगा। सौराष्ट्र की टीम ने अपने गेंदबाज़ों के दम पर टेस्ट के पहले ही दिन अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली। सौराष्ट्र के तेज़ गेंदबाज़ जयदेव उनादकट और चेतन सकारिया ने बंगाल के खिलाड़ियों पर जमकर कहर बरपाया। रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में पहली दिन बंगाल की टीम 174 रन पर ऑल आउट हो गई। पहले दिन का खेल समाप्त होने पर सौराष्ट्र ने दो विकेट पर 81 रन बना लिये थे और वह बंगाल से 93 रन पीछे था।

शाहबाज-पोरेल ने बचाई बंगाल की लाज:

बता दें बंगाल की टीम की शुरुआत बेहद ख़राब रही। पहले पांच ओवर में ही टीम के चार बल्लेबाज़ पवेलियन वापस लौट गए। इसके बाद भी सौराष्ट्र की टीम हावी रही। बंगाल को 65 रनों के स्कोर पर छठा झटका लगा। लेकिन इसके बाद ऑलराउंडर शाहबाज अहमद (69) और विकेटकीपर अभिषेक पोरेल (50) ने दमदार पारी खेलकर टीम को संकट से उभारा। दोनों ने सातवें विकेट के लिये 101 रन की साझेदारी की। लेकिन इसके बाद एक बार फिर विकेटों की झड़ी लग गई। और बंगाल की पूरी टीम 174 रनों पर ढेर हो गई। जयदेव उनादकट और चेतन सकारिया ने तीन-तीन लेकर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाया।

सौराष्ट्र की शानदार शुरुआत:

पहले ही दिन बंगाल की पूरी टीम सिमट गई। ऐसे में सौराष्ट्र की टीम को बल्लेबाज़ी करने का पहले ही दिन मौका मिल गया। बंगाल के 174 रनों के जवाब में सौराष्ट्र ने पहले दिन की समाप्ति तक दो विकेट के नुकसान पर 81 रन बना लिए हैं। सलामी बल्लेबाज हार्विक देसाई (38) और सकारिया (दो) क्रीज पर थे । अभी सौराष्ट्र को पहली पारी में बढ़त के लिए 93 रनों की जरुरत हैं। अब देखना हैं कि फाइनल के दूसरे दिन सौराष्ट्र के बल्लेबाज़ कितनी मजबूती के साथ बल्लेबाज़ी करते हैं।

तीन दशक से रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाई बंगाल:

रणजी ट्रॉफी के इतिहास में बंगाल टीम ने आखिरी बार यह खिताब तीन दशक पहले जीता था। तब से लेकर अब तक बंगाल की टीम रणजी ट्रॉफी जीतने के लिए संघर्ष करती नज़र आई हैं। बंगाल ने आखिरी बार 1990 में खिताब जीता था। बंगाल ने 2020 में रणजी फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन तब राजकोट में उसे सौराष्ट्र ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर हरा दिया था।

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