94 साल की उम्र में गोल्ड मेडल जीतने वाली 'गोल्डन दादी' की कहानी जान आप रह जाएंगे हैरान

Bhagwani Devi Dagar: 94 वर्षीय भगवानी दादी ने टाम्परे में आयोजित विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर स्प्रिंट में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। 'गोल्डन दादी' (Bhagwani Devi Dagar) ने 24.74 सेकेंड में दौड़कर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर अपना नाम लिख दिया।

Suryakant Soni
Written By Suryakant Soni
Published on: 12 July 2022 5:09 AM GMT (Updated on: 12 July 2022 5:11 AM GMT)
Bhagwani Devi Dagar
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फोटो: भगवानी देवी (सोशल मीडिया) 

Bhagwani Devi Dagar: ना थके कभी पैर ना कभी हिम्मत हारी है, हौसला है जिंदगी में कुछ कर दिखाने का, इसलिए अभी भी सफर जारी है.. ये लाइन भारत की 94 वर्षीय भगवानी देवी जी पर सटीक बैठती है। अब आप सोच रहे होंगे कि 94 साल की उम्र में जब इंसान सही से चल और खा नहीं पाता है, उस उम्र में भगवानी देवी (Bhagwani Devi Dagar) ने ऐसा क्या किया जो सोशल मीडिया पर सिर्फ उनका ही नाम छाया हुआ है। 94 वर्षीय भगवानी दादी ने टाम्परे में आयोजित विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर स्प्रिंट में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। 'गोल्डन दादी' (Bhagwani Devi Dagar) ने 24.74 सेकेंड में दौड़कर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर अपना नाम लिख दिया।

94 साल की उम्र फर्राटेदार दौड़ लगाती है भगवानी दादी:

खेलों में हरियाणा के खिलाड़ी देश का नाम रोशन करते आए है। अब भगवानी दादी ने भी 94 साल की उम्र में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। भगवानी देवी युवाओं के लिए काफी प्रेरणास्त्रोत बन गई है। 'गोल्डन दादी' 94 साल की उम्र में भी फर्राटेदार दौड़ लगाती है। जिनको देखकर बड़े-बड़े खिलाड़ी दांतों तले उंगली दबा लेते है। यह पहला मौका नहीं है जब भगवानी देवी ने इस उम्र में गोल्ड मेडल जीता हो, इससे पहले भी वह कई पदक जीत चुकी हैं।

भगवानी दादी साबित कर दिया उम्र कोई बाधा नहीं:

भारत के खिलाड़ियों ने खेलों में कई बार देश को गोल्ड मेडल दिलाए है। लेकिन भगवानी देवी ने जो कारनामा किया वो शायद ही इतिहास में पहले कभी कोई भारतीय कर पाया होगा। भगवानी देवी हरियाणा की रहने वाली है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी भगवानी देवी को बधाई देते हुए कहा कि ''94 साल की उम्र में वह पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। ''उनकी इस उपलब्धि से युवाओं में उत्साह बढ़ेगा। भगवानी देवी ने फिर एक बार साबित कर दिया है कि जीवन में कुछ भी हासिल करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है।''

1975 से शुरू है वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप:

भगवानी देवी ने जिस टूर्नामेंट में गोल्ड जीत है उसकी शुरुआत 1975 में हुई थी। वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 35 साल से ऊपर के आयु वर्ग के खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है। पहले इसमें सिर्फ 5 ऐज ग्रुप के खिलाड़ी हिस्सा ले सकते थे। लेकिन इसके बाद 12 एज ग्रुप को शामिल किया गया। पहला ऐज ग्रुप 35 से ऊपर आयु वर्ग, दूसरा 40 साल से अधिक, तीसरा 45 से अधिक, चौथा 50 साल से अधिक, 5वां 55 साल से अधिक, 6वां 60 साल से अधिक, 7वां 65 से अधिक, 8वां 70 साल से अधिक, 9वां 75 साल से अधिक, 10वां 80 साल से अधिक, 11वां 85 साल से अधिक और 12वां 90 साल से ऊपर का है।

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