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Commonwealth Games 2022: बिर्मिंघम में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कर सकते है कमाल, सिंधु-लक्ष्य से गोल्ड की उम्मीद
Commonwealth Games 2022: भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने के इरादे से बैडमिंटन कोर्ट पर उतरेंगे। भारत की ओर से पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, श्रीकांत गोल्ड जीतने के सबसे बड़े दावेदार हैं।
Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में बैडमिंटन में भारत का प्रदर्शन शानदार रहता है। भारत पिछले 50 सालों से ज्यादा से बैडमिंटन में पदक जीत रहा है। इसी कड़ी में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी बैडमिंटन से अधिक मेडल आने की उम्मीद है। भारतीय शटलर इस बार भी मेडल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स में बैडमिंटन में पहला मेडल 1966 में मिला था। भारत के शटलर दिनेश खन्ना ने जमैका में हुए 1966 कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था। भारत बैडमिंटन में अब तक कुल 25 पदक जीत चुका है, जिसमें सात गोल्ड मेडल, 7 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में बैडमिंटन में सर्वाधिक मेडल जीतने के सूची में भारत तीसरे स्थान पर आता है। पहले स्थान पर इंग्लैंड है, जिसने अब तक कुल 109 मेडल जीते है।
2018 में किया था शानदार प्रदर्शन
गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया था। भारत ने कुल 6 मेडल जीते थे, जिसमें दो गोल्ड मेडल भी शामिल थे। भारत की साइना नेहवाल ने विमेंस सिंगल्स में गोल्ड जीता था। जबकि फाइनल में साइना के हाथों हारकर पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता था। वहीं भारत को दूसरा गोल्ड मिक्सड टीम इवेंट में मिला था।
वूमेंस सिंगल्स में सिंधु जीत सकती है गोल्ड मेडल
पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीतने वाली सिंधु इस बार अपने मेडल का रंग बदल सकती है। सिंधु वूमेंस सिंगल्स में गोल्ड जीतने की सबसे बड़ी दावेदार हैं। उन्होंने 2014 में ब्रॉन्ज और 2018 में सिल्वर जीता था, जिसे अब गोल्ड में बदलना चाहेंगी। सिंधु ने हाल ही में सिंगापुर ओपन में गोल्ड जीता हैं। उन्हें 2014 की चैंपियन मिशेल ली, स्कॉटलैंड की क्रिस्टी गिलमर और सिंगापुर की इयो जिया मिन से चुनौती मिल सकती है।
वही कॉमनवेल्थ में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुकी साईना नेहवाल इस बार इस प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं हैं। साईना चोट के कारण कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल में भाग नहीं ले पाई थी। वह पिछले कुछ समय से ख़राब फॉर्म से गुजर रही है। हालाँकि, उन्होंने हाल ही में सिंगापुर ओपन के क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी।
मेंस सिंगल्स में भी हो सकता कमाल
मेंस सिंगल्स में भी भारतीय शटलर कमाल कर सकते हैं। भारत को थॉमस कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले लक्ष्य सेन और श्रीकांत पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। 2018 गोल्ड कोस्ट में श्रीकांत गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए थे। उन्हें फाइनल में ली चोंग वेई से हार मिली थी और सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था। इस बार उम्मीद है कि श्रीकांत गोल्ड जीतने में सफल रहेंगे। श्रीकांत और लक्ष्य को विश्व चैंपियन लोह कीन और मलेशिया के एनजी जे यंग से टक्कर मिलने की संभावना है।
मिक्सड टीम इवेंट में मिलेगी टक्कर
मिक्सड टीम इवेंट में भारत को ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ रखा गया है। बैडमिंटन में इन टीमों को कमजोर माना जाता है ऐसे में भारत को नॉकआउट में जगह बनाने में मुश्किल नहीं होगी। लेकिन क्वार्टरफाइनल से भारत के लिए मुश्किलें बढ़ जाएगी। मिक्सड टीम इवेंट में दो सिंगल्स और तीन डबल मैच होंगे। ऐसे में सिंधु, सेन और श्रीकांत भारत को सिंगल्स में दो अंक दिलवा सकते हैं, लेकिन असली जिम्मेदारी डबल्स खिलाड़ियों पर होगी।