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Cyclone Michaung: भारतीय खिलाड़ियों ने मिचौंग तूफ़ान पर जताई चिंता, चेन्नई और शहर के लोगों की सुरक्षित रहने की प्रार्थना की
Cyclone Michaung: तमिलनाडु सरकार चक्रवात मिचौंग से प्रभावित लोगों को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।
Cyclone Michaung: चक्रवात मिचौंग से भारत का दक्षिणी हिस्सा बुरी तरह प्रभावित है। मिचौंग एक भीषण चक्रवाती तूफान है जो 4 दिसंबर को चेन्नई के पास पहुंचा। जिससे मूसलाधार तेज बारिश तेज हवाओं के साथ चल रहीं है। जिससे तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर बाढ़ और व्यवधान पैदा हुआ। इस तूफ़ान के कारण चेन्नई में 70 सालों में सबसे खराब और ज्यादा वर्षा हुई है। लगातार बारिश के कारण गंभीर जलजमाव और बाढ़ आ गई जिससे चेन्नई की जल निकासी प्रणाली दबाव को संभालने में असमर्थ रही। सड़कें, घर और व्यवसाय सब जगह पानी भर गए। जिससे यातायात नेटवर्क भी बुरी तरह बाधित हो गया है। स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों को बंद करना पड़ा। शहर की बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई, जिससे चेन्नई के निवासियों को बिजली के बिना रहना पड़ रहा है। मूसलाधार बारिश और बाढ़ का तमिलनाडु में लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा। कई दिग्गज क्रिकेटरों ने अपनी चिंताओं को साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। तमिलनाडु के क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन, दिनेश कार्तिक और सुरेश रैना ने भी बाढ़ पर अपनी प्रतिक्रिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर व्यक्त की है।
भारत के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने लिखा, "भारी बारिश के बीच #चेन्नई में सभी के लिए अपने विचार और प्रार्थनाएं भेज रहा हूं। उन सभी के प्रति आभार जो लोगों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। सभी मजबूती से बने रहें।"
अजिंक्य रहाणे ने लिखा, "चेन्नई में सभी की सुरक्षा की कामना करता हूं और ग्राउंड जीरो पर काम करने वाले सभी लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं!"
दिनेश कार्तिक ने लिखा, "चेन्नई के लोगों, कृपया अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और घर के अंदर रहें - ऐसे समय में यह महत्वपूर्ण है। स्थिति को सुधारने के लिए अथक प्रयास करने वाले सभी अधिकारियों को एक बड़ा सलाम। आइए सभी सहयोग करें और एक साथ मिलकर इससे बाहर आए।"
रविचंद्रन अश्विन ने लिखा, अगर बारिश रुक भी जाए, तो भी सुधार में थोड़ा समय लगेगा।"
चक्रवात मिचौंग का भयानक प्रभाव जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की घटनाओं की लगातार बढ़ती प्रकृति आपदाओं की याद दिला रहा है।